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व्रत एवं त्यौहार

देखें किस समय करें शॉपिंग, हर जगह का अलग समय

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नई दिल्ली। इस बार धनतेरस का पर्व आज यानी 29 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. इस खास मौके पर कई चीजों की खरीदारी की करना शुभ माना जाता है.इस दिन लोग विशेष रूप से सोना और चांदी खरीदने के लिए उत्सुक रहते हैं क्योंकि इसे शुभ माना जाता है. धनतेरस पूजा का मुहूर्त शाम 7:00 बजे से 8:49 बजे तक रहेगा, जो लगभग एक घंटे 50 मिनट का है.

सही समय शॉपिंग करने का

दिल्ली: शाम 6:31 बजे रात 8:13 बजे तक
मुंबई: शाम 7:04 बजे रात 8:37 बजे तक
बेंगलुरु: शाम 6:55 बजे रात 8:22 बजे तक
कोलकाता: शाम 5:57 बजे शाम 7:33 बजे तक
चेन्नई: शाम 6:44 बजे रात 8:11 बजे तक
हैदराबाद: शाम 6:45 बजे रात 8:15 बजे तक
गुरुग्राम: शाम 6:32 बजे रात 8:14 बजे तक
नोएडा: शाम 6:31 बजे रात 8:12 बजे तक
जयपुर: शाम 6:40 बजे रात 8:20 बजे तक
पुणे: शाम 7:01 बजे रात 8:33 बजे तक
चंडीगढ़: शाम 6:29 बजे रात 8:13 बजे तक
अहमदाबाद: शाम 6:59 बजे रात 8:35 बजे तक

धनतेरस के दिन सोने और चांदी की कीमतें

धनतेरस के मौके पर सोने कीमतें काफी ऊंची हैं, सोना 80,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के करीब चल रहा है. IBJA की वेबसाइट के मुताबिक 28 अक्टूबर को 24 कैरेट सोने का दाम 78,245 रुपये प्रति 10 ग्राम था. जबकि 22 कैरेट सोना 77,932 रुपये प्रति 10 ग्राम था. जबकि चांदी का रेट 96,086 रुपये प्रति किलो था. इन रेट्स पर 3% GST और मेकिंज चार्जेस अलग से देना होगा.

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आध्यात्म

मकर संक्रांति पर क्यों खाते है खिचड़ी, जानें इसका महत्व और लाभ

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eat Khichdi on Makar Sankranti

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नई दिल्ली। सनातन धर्म में मकर संक्रांति का पर्व बहुत महत्वपूर्ण है। इस साल यह त्योहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य जब मकर राशि में जातें हैं तो उसे मकर संक्रांति कहते हैं।

इस बार सूर्य और शनि का मिलन भी हो रहा है। ऐसे में यह संक्राति और भी खास रहेगी। क्योंकि, शनि भी मकर राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन दान पुण्य करने और खिचड़ी खिलाने का विशेष महत्व हैं।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी का महत्व

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर संक्रांति पर जो खिचड़ी बनाई जाती है उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से रहता है। जैसे खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से होता है। खिचड़ी में डाली जाने वाली उड़द की दाल का संबंध शनिदेव, हल्दी का संबंध गुरु देव से और हरी सब्जियों का संबंध बुधदेव से माना गया है। खिचड़ी में देशी घी का संबंध सूर्यदेव से होता है। इसीलिए मकर संक्रांति की खिचड़ी को बेहद खास माना जाता है।

मकर संक्रांति पर खिचड़ी खाने के साथ साथ किसी ब्राह्मण को दान भी जरूर करें। उन्हें घर बुलाकर खिचड़ी का सेवन करें इसके बाद कच्चे दाल, चावल, हल्दी, नमक, हरी सब्जियों का दान भी जरुर करें। मान्यता है कि खिचड़ी खाने से आरोग्य में वृद्धि होती है।

मकर संक्रांति की पूजा विधि

इस दिन भगवान सूर्य के साथ-साथ भगवान विष्णु की भी पूजा अर्चना करनी चाहिए। यह पर्व भगवान सूर्य नारायण को समर्पित है। इस दिन सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल भरकर उसमें गुड, गुलाब की पत्तियां डालकर अर्घ्य दें।

इस दिन गुड़, तिल और खिचड़ी का सेवन भी जरूर करें। साथ ही गरीबों को भी कुछ दान जरुर दें। इस दिन गायत्री मंत्र का जप करना बहुत ही शुभ रहेगा। इस दिन भगवान सूर्य नारायण के मंत्रों का भी जप करना चाहिए।

कैसे शुरू हुई खिचड़ी की परंपरा

कई मान्यताओं के अनुसार, खिलजी से युद्ध के दौरान नाथ योगी बहुत कमजोर हो गए और भूख के कारण उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। तब गोरखनाथ ने दाल चावल और सब्जी को एक साथ पकाकर सभी को खिलाई। जिससे नाथ योगियों को तुरंत ऊर्जा मिली साथ ही उनकी सेहत में भी सुधार हुआ। तभी से खिचड़ी बनाने की परंपरा चली आ रही है।

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