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प्रादेशिक

शिवसेना सांसद संजय राउत का ‘लाउडस्पीकर’ वाले बयान पर पलट वार, राज ठाकरे पर साधा निशाना

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शिवसेना सांसद संजय राउत ने मस्जिदों में लगे लाउडस्पीकर को बंद करने की राज ठाकरे की मांग को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मनसे प्रमुख का भाषण भाजपा द्वारा ‘लिखित और प्रायोजित’ था। राज ठाकरे की ओर इशारा करते हुए संजय राउत ने कहा, “यह स्पष्ट है कि शिवाजी पार्क में लाउडस्पीकर को लेकर दिए गए भाषण की पटकथा भाजपा ने लिखी और प्रायोजित की थी।”

राउत ने राज ठाकरे की उस टिप्पणी के लिए उनकी आलोचना की, जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना को बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद संभालने का आश्वासन 2019 के चुनावी नतीजों की घोषणा के बाद ही याद आया, जो शिवसेना-भाजपा गठबंधन की सरकार के लिए जनादेश था, न कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार के लिए।

शिवसेना नेता ने कहा, “मैं सोचता हूं कि कुछ लोगों की अक्ल दाढ़ इतनी देर से क्यों निकलती है। विधानसभा में बहुमत के आधार पर सरकारें बनती हैं। जरूरी संख्या एमवीए के पास थी। झूठे लोगों को सबक सिखाने और राज्य को स्थिरता प्रदान करने के लिए एमवीए सरकार का गठन किया गया था।”

बीजेपी शासित राज्यों में अजान बंद हो गई?

उन्होंने कहा कि 2019 में एमवीए सरकार के गठन से पहले शिवसेना और भाजपा के बीच जो कुछ भी हुआ, उसमें किसी तीसरे व्यक्ति को दखल देने की जरूरत नहीं है। राउत ने सवाल किया कि क्या भाजपा शासित राज्यों में लाउडस्पीकर पर ‘अजान’ बजाना बंद कर दिया गया है? उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में कानून का शासन चलता है।”

शिवसेना प्रवक्ता ने राज ठाकरे पर उनकी उस टिप्पणी को लेकर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि राकांपा प्रमुख शरद पवार ‘जाति कार्ड’ खेलते हैं और ‘समाज को बांटते हैं।’ उन्होंने कहा, “आप हाल-फिलहाल तक पवार के चरणों में बैठकर उनका मार्गदर्शन लेते थे। आपको पवार जैसी महान शख्सियतों के बारे में ऐसा क्यों बोलना चाहिए?”

उत्तर प्रदेश

लेटे हनुमानजी, अरैल-फाफामऊ पुल के नीचे, रीवा, मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग, बालसन चौराहा आदि स्थानों पर 45 दिन तक प्रतिदिन होंगी सांस्कृतिक प्रस्तुति

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लखनऊ |  योगी सरकार के निर्देशन में महाकुम्भ में 10 जनवरी से 24 फरवरी तक लोककलाओं के जरिए समूचे भारत का दर्शन होगा। इसके लिए उप्र संस्कृति विभाग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा है। वहीं 45 दिन तक प्रयागराज में 20 स्थानों पर लघु मंच बनेंगे, जहां भारत की संस्कृति का दीदार पर्यटक, श्रद्धालु व आमजन करेंगे। य़हां कई विधाओं पर आधारित लोकनृत्य की भी प्रस्तुति होगी। इसके अतिरिक्त नागवासुकि क्षेत्र में भी सांस्कृतिक मंच बनेगा, जहां रामलीलाओं को देख कल्पवासी व श्रद्धालु आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करेंगे।

प्रयागराज शहर में इन 20 स्थलों पर बनेंगे लघु मंच

महाकुम्भ के दौरान संस्कृति विभाग की तरफ से प्रयागराज शहर के भीतर 20 स्थलों पर लघु मंच बनाए जाएंगे, जहां प्रदेश की विभिन्न लोककलाओं का 45 दिन तक प्रदर्शन होगा। विभाग की तरफ से यह स्थल चयनित कर लिए गए हैं। यह स्थान रीवा मीरजापुर-प्रयागराज मार्ग पर नैनी चौराहा हनुमान मंदिर के बगल में, संगम बांध लेटे हनुमान जी मंदिर के समीप किले की दीवार से सटे खाली स्थान पर, गऊघाट में इविनिंग क्रिश्चियन कॉलेज के सामने, कीडगंज में मिंटो पार्क गेट के बगल, प्रदर्शनी स्थल के समीप खाली स्थान, किला चौराहा के कॉर्नर, हाईकोर्ट-धूमनगंज रोड-सुलेमसराय में नगर निगम चौराहा गेट नंबर-2 हॉस्पिटल के सामने, दरभंगा चौराहा के समीप, सिविल लाइंस पत्थऱ वाला चर्च के निकट विशप जॉनसन कॉलेज के निकट बस स्टॉप के बगल में, बालसन चौराहा पर महर्षि भारद्वाज की मूर्ति के नीचे खाली स्थान पर, जॉनसनगंज चौराहा के निकट खाली स्थान पर पुलिस बूथ के समीप, लोकसेवा आयोग की तरफ मिश्रा चौराहे के बाएं कोने पर, अलोपीबाग में गीता निकेतन गेट के बगल में उपनिदेशक उद्यान कार्यालय के समीप, मानसरोवर सिनेमा चौराहा-रामबाग रेलवे स्टेशन के समीप राजर्षि टंडन मंडप के सामने, यूनिवर्सिटी रोड चौराहा, पर पवन बिहार के बगल में, अरैल मोड़ पर फूल मंडी के बगल में, फाफामऊ पुल के नीचे गंगा किनारे नवनिर्मित सड़क के किनारे, गदा माधव तिराहा से मेला क्षेत्र जाने वाली सड़क किनारे, महर्षि भारद्वाज तिराहा पर मेला क्षेत्र में जाने वाले सड़क के किनारे, नागवासुकि मंदिर के समीप खाली स्थान पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

इन मंचों पर उतरेगा समूचा भारत, 10 हजार से अधिक कलाकारों को मिलेगा मंच

प्रयागराज में बनाए जाने वाले 20 लघु मंचों पर समूचा भारत उतरेगा। यहां फरुआही, धोबिया, मयूर, करमा, वनटांगिया, थारू, अवधी, ढेढ़िया, चांचर, राई, पाई-डंडा, सैरा, बधावा समेत अनेक लोकनृत्यों की प्रस्तुति होगी। यहां प्रतिदिन अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक प्रत्येक मंच पर कार्यक्रम होंगे। इसमें प्रदेश के लगभग 10 हजार से अधिक लोक कलाकारों को मंच मिलेगा।

नागवासुकि क्षेत्र में बने मंच पर रामलीलाओं से भी आध्यात्मिक ऊर्जा का होगा संचार

संस्कृति विभाग की तरफ से मेजबान उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों की रामलीलाएं भी महाकुम्भ के दौरान होंगी। कल्पवासी, श्रद्धालुओं में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होता रहे, इसके लिए रामलीलाओं का भी मंचन होगा। द्वितीय मंच नागवासुकि क्षेत्र में बनेगा, जहां रामलीलाओं का मंचन होगा। यहां मेजबान उत्तर प्रदेश की कई रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके साथ ही अनेक राज्यों का भी मंचन होगा। इसमें भारतीय लोककला मंडल (उदयपुर), योगेश अग्रवाल व दल (छत्तीसगढ़), अशोक मिश्र व दल (बालाघाट-मध्य प्रदेश), रत्नाककर ड्रामेटिक आर्ट प्रोडक्शन (दिल्ली), मिथिलांचल अवध आदर्श रामलीला फाउंडेशन (सीतामढ़ी-बिहार), तीर्थवासी वहेरा (ओडिशा),मां नंदा महिला रामलीला मांगला योग समिति महादेव सुविधानगर (रूद्रप्रयाग उत्तराखंड), श्रीराम भारतीय कला केंद्र (दिल्ली), देवेंद्र बैरागी व दल (भोपाल-मध्य प्रदेश), आंजनेय कला मंडल (सतना-मध्य प्रदेश) आदि के कलाकारों द्वारा रामलीलाओं का मंचन होगा। इसके अतिरिक्त मेजबान उत्तर प्रदेश के भी अनेक जनपदों से कलाकार यहां रामलीलाओं का मंचन करेंगे।

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