उत्तर प्रदेश
शाइस्ता परवीन को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, जनाजे में शामिल होने आई थी
प्रयागराज। प्रयागराज के उमेश पाल हत्याकांड में फरार 50 हजार की इनामी शाइस्ता परवीन के बारे में बेहद चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। शाइस्ता अपने पति अतीक व देवर अशरफ की 15 अप्रैल को हुई हत्या के अगले दिन उनके जनाजे में चोरी छिपे शामिल होना चाहती थी।
यहां वह अतीक के वफादार जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर में ठहरी थी। उसके साथ उमेश पाल हत्याकांड का एक अन्य आरोपी पांच लाख का इनामी साबिर भी था। हालांकि पुलिस को जब तक भनक लगती, दोनों वहां से निकल गए थे। इस बात का खुलासा जफरउल्लाह के बेटे आतिन जफर ने पुलिस से पूछताछ में किया है।
आतिन अतीक के बेटे असद का दोस्त है और उसके साथ ही लखनऊ में रहता था। उमेश पाल हत्याकांड के बाद पुलिस के डर से वह खुल्दाबाद स्थित अपने घर भाग आया था। पुख्ता सूत्रों के मुताबिक पूछताछ में आतिन ने बेहद चौंकाने वाला राज खोला है।
उसने बताया है कि 15 अप्रैल को अतीक-अशरफ की हत्या के अगले दिन फरार चल रही शाइस्ता खुल्दाबाद स्थित उसके घर पहुंची थी। उसके साथ उमेश पाल हत्याकांड में शामिल इनामी साबिर भी था।
दोनों हुलिया व वेश बदलकर अतीक व अशरफ के जनाजे में शामिल होने के लिए कसारी -मसारी स्थित कब्रिस्तान भी जाने वाले थे। हालांकि भारी पुलिस फोर्स की मौजूदगी की खबर मिलने पर दोनों ने इरादा बदल दिया। इसके बाद रात भर दोनों वहीं रुके और अगले दिन भोर में ही घर छोड़कर कहीं निकल गए।
चार दिन पहले दोबारा आया था साबिर
सूत्रों का कहना है कि इनामी साबिर चार दिन पहले फिर अतीक के करीबी जफरउल्लाह के खुल्दाबाद स्थित घर आया था। दो मई को वह तब वहां पहुंचा था, जब शाइस्ता ने उसे किसी काम से भेजा था।
इसकी भनक लगी तो रात में नौ बजे के करीब धूमनगंज पुलिस ने जफरउल्लाह के घर पर छापा भी मारा। हालांकि अंधेरे व घनी आबादी का फायदा उठाकर साबिर वहां से भाग निकलने में कामयाब रहा और पुलिस हाथ मलती रह गई।
16 दिन में दो बार दे गया चकमा
इस खुलासे के बाद पुलिस पर भी सवाल उठ रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि जिस शाइस्ता व साबिर की तलाश में पूरे जिले की फोर्स लगी है, उनके शहर में आकर रुकने के बावजूद पुलिस को इसकी भनक कैसे नहीं लगी। सवाल यह भी है कि साबिर के दोबारा आने की भनक लगी भी तो आखिर कैसे वह पुलिस के पहुंचने से पहले ही चकमा देकर फरार हो गया।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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