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तो क्या कुतुबमीनार एक सूर्य स्तंभ है? जानिए ASI के पूर्व अधिकारी के 20 दावे

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नई दिल्ली। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) के पूर्व क्षेत्रीय निदेशक धर्मवीर शर्मा का दावा है कि दिल्ली स्थित कुतुबमीनार एक सूर्य स्तंभ है। धर्मवीर शर्मा का यह भी कहना है कि यह मीनार एक वेधशाला है, जिसमें नक्षत्रों की गणना की जाती थी।

धर्मवीर शर्मा का यह भी दावा है कि इस स्तंभ की तीसरी मंजिल पर सूर्य स्तंभ के बारे में जिक्र भी है। 27 नक्षत्रों की गणना के लिए इस स्तंभ में दूरबीन वाले 27 स्थान हैं। बता दें कि धर्मवीर शर्मा देश के विख्यात पुरातत्वविदों में शामिल हैं, जो एएसआइ के दिल्ली मंडल में 3 बार अधीक्षण पुरातत्वविद रहे।

उन्होंने यहां रहते हुए कुतुबमीनार में कई बार संरक्षण कार्य कराया है, अनेक बार इसके अंदर गए हैं। उस देवनागरी लिखावट को देखा है, जो इसके अंदर के भागों में है। धर्मवीर शर्मा खगोलविज्ञानियों को लेकर हर साल 21 जून को कुतुबमीनार परिसर में जाते हैं।

धर्मवीर शर्मा का दावा है कि पुरातात्विक साक्ष्यों के आधार पर यह निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि कुतुबमीनार एक बहुत बड़ी वेधशाला थी जिसका निर्माण सम्राट विक्रमादित्य ने कराया था।

धर्मवीर शर्मा के वो 20 प्रमाण जो कुतुब मीनार को ‘वेधशाला/सूर्य स्तंभ’ साबित कर सकते हैं-

1- इसका निर्माण खगोल विज्ञान पर आधारित है।

2- इसे कर्क रेखा के ऊपर बनाया गया।

3- इसे सूर्य की गतिविधि की गणना करने के लिए बनाया गया था

4- इस मीनार की छाया 21 जून को 12 बजे जमीन पर नहीं पड़ती है।

5- यह कर्क रेखा से पांच डिग्री उत्तर में है।

6- विक्रमादित्य ने सूर्य स्तंभ के नाम से विष्णुपद पहाड़ी पर यह वेधशाला बनाई थी।

7- इस मीनार के ऊपर बेल बूटे घंटियां आदि बनी हैं, जो हिंदुओं से संबंधित निर्माण में होती हैं

8- इसे 100 प्रतिशत हिंदुओं ने बनाया, इसे बनाने वालों के इसके ऊपर जो नाम लिखे हैं उनमें एक भी मुसलमान नहीं था।

9- इसे खगोलविज्ञानी वराह मिहिर के नेतृत्व में बनाया गया था।

10- इस वेधशाला में कोई छत नहीं है।

11- इसका मुख्य द्वार ध्रुव तारे की दिशा की ओर खुलता है।

12- 968 तक कुतुबमीनार के मुख्य द्वार के सामने एक पत्थर लगा था, जो ऊपर से यू आकार में कटा हुआ था,उसके ऊपर ठोड़ी रखने पर सामने ध्रुव तारा दिखता था।

13- इस निर्माण में 27 आले हैं, जिनके ऊपर पल और घटी जैसे शब्द देवनागरी में लिखे हैं।

14- आलों के बाहर के छेद दूरबीन रखने के बराबर के हैं, जबकि इनमें अंदर की ओर तीन लोग बैठ सकते हैं

15- कुतुबमीनार के अंदर के भाग में देवनागरी में लिखे हुए कई अभिलेख हैं जो सातवीं और आठवीं शताब्दी के हैं।

16- इसका मुख्य द्वार छोड़कर सभी द्वार पूर्व की ओर खुलते हैं, जहां से उगते हुए सूर्य को निहारा जा सकता है

17- इस मीनार को अजान देने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता है, अंदर से शोर मचाने या चिल्लाने की आवाज बाहर नहीं आती है।

18- यह कहना गलत है कि इसे कई बार में बनाया गया, इसे एक बार में ही बनाया गया है।

19- मीनार में बाहरी ओर लिखावट में फारसी का इस्तेमाल किया गया है। जो कि बाद में मुस्लिम शासकों ने चालबाजी के तहत इस्तेमाल किया।

20- इस मीनार के चारों ओर 27 नक्षत्रों के सहायक मंदिर थे, जिन्हें तोड़ दिया गया है। इन्हीं मंदिरों के मलबे से एक मस्जिद बनाई गई कुव्वत उल इस्लाम, जिसका पूरा ढांचा मंदिर जैसा ही प्रतीत होता है।

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अगले महीने होगी गौतम अदाणी के छोटे बेटे की शादी, किसी सेलिब्रिटी को नहीं दिया न्यौता

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प्रयागराज। अरबपति कारोबारी गौतम अदाणी के छोटे बेटे जीत का विवाह अगले महीने सात फरवरी को होगी। यह शादी सादे समारोह में की जाएगी। जानकारी के अनुसार, इस शादी में किसी सेलिब्रिटी को न्यौता नहीं दिया जाएगा। प्रयागराज महाकुंभ में गंगा स्नान करने अपने परिवार के साथ मंगलवार को आए अदाणी ने अपने बेटे जीत की शादी सूरत के हीरा व्यापारी जैमिन शाह की बेटी दिवा शाह से किए जाने के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह एक बहुत सामान्य विवाह होगा जैसे आम लोग करते हैं।

त्रिवेणी संगम में परिवार के साथ की गंगा आरती

गौतम अदाणी ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में परिवार के साथ गंगा आरती के बाद कहा कि मेरा लालन पालन आम लोगों की तरह हुआ है। मां गंगा के आशीर्वाद से जीत भी यहां है। यह विवाह एक सामान्य और पारंपरिक ढंग से होगा। उन्होंने कहा कि शादी में सिर्फ परिवार के लोग ही शामिल होंगे। उनके साथ उनकी पत्नी प्रीति अदाणी, बेटे करन और जीत, बहू परिधि और पोती कावेरी भी साथ थी।

महाकुंभ में अदाणी परिवार ने इस्कॉन में महाप्रसाद सेवा में प्रतिभाग करने के बाद हनुमान मंदिर में पूजा अर्चना की। इस महाप्रसाद सेवा में अदाणी समूह प्रतिदिन एक लाख से अधिक लोगों को निःशुल्क भोजन वितरण कर रहा है। गौतम अदाणी ने गंगा तट पर स्थित शंकर विमानमंडपम मंदिर में माथा भी टेका।

पीएम मोदी और सीएम योगी की तारीफ

महाकुंभ के अनुभव को लेकर अदाणी ने कहा कि यहां की भव्यता और व्यवस्था के लिए मैं प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देशवासियों की तरफ से धन्यवाद देता हूं। उन्होंने कहा कि इस मेले में करोड़ों लोग आते हैं और यहां सफाई और अन्य व्यवस्थाएं मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट और कॉरपोरेट हाउस के लिए शोध का विषय हैं। यहां आकर बहुत अद्भुत अनुभव हुआ।

2023 में हुई अदाणी के बेटे जीत की सगाई

बता दें कि अदाणी के बेटे जीत (28) की दिवा से सगाई मार्च, 2023 में अहमदाबाद में एक निजी समारोह में हुई थी। हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस विवाह के मेहमानों की सूची में एलन मस्क से लेकर बिल गेट्स जैसे लोग शामिल हो सकते हैं।

 

 

 

 

 

 

 

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