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खेल-कूद

तो इस वजह से वार्नर को दिल्ली की टीम से कर दिया गया था बाहर, हुआ खुलासा

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मुंबई। भारत के पूर्व क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने डेविड वार्नर को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली डेयरडेविल्स में रहने के दौरान डेविड वार्नर के साथ अनुशासनात्मक मुद्दे थे, जिसकी उन्हें सजा मिली थी।

उन्होंने कहा कि खुलासा किया है कि ऑस्ट्रेलियाई सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर के फ्रेंचाइजी के साथ अपने पहले साल में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) में अनुशासनात्मक मुद्दे थे, और उनके इसी रवैये के कारण उन्हें सजा भी मिली थी। 35 वर्षीय वार्नर ने 2009 में दिल्ली डेयरडेविल्स के साथ अपना कार्यकाल शुरू किया और 2014 में सनराइजर्स हैदराबाद जाने से पहले फ्रेंचाइजी के लिए पांच सीजन खेले, जहां से वह आईपीएल 2022 से पहले दिल्ली कैपिटल्स में वापस चले गए।

सहवाग ने क्रिकबज को बताया, “मैंने एक बार वार्नर पर अपना गुस्सा निकाला था, जिस तरह से वह दिल्ली टीम के साथ यात्रा कर रहे थे। वह जब 2009 आए थे, तब पार्टियों में अधिक ध्यान देते थे। वहीं, अभ्यास मैचों में उनका कम मन लगता था। वह कुछ खिलाड़ियों के साथ लड़ाई में भी शामिल थे, जिससे कारण उन्हें दो मैचों से बाहर भी कर दिया गया था।”

सहवाग ने कहा, “कभी-कभी ऐसा होता है कि किसी को सबक सिखाने के लिए आपको उन्हें बेंच पर बैठाना पड़ता था। क्योंकि वह एक नए खिलाड़ी थे, इसलिए उन्हें यह बताना महत्वपूर्ण था कि आप टीम के लिए महत्वपूर्ण नहीं हैं और आपकी जगह अन्य खिलाड़ी भी खेल सकते हैं।”

हालांकि, सहवाग ने कहा कि सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से पहले वार्नर को कप्तानी से हटाना और फिर 2021 सत्र के दौरान उन्हें पूरी तरह से बेंच बैठा देना गलत था। वार्नर आठ साल तक फ्रेंचाइजी के साथ रहे और उन्होंने 95 मैचों में 49.46 की औसत और 142.59 की स्वस्थ स्ट्राइक से 4014 रन बनाए। ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने हैदराबाद के साथ अपने कार्यकाल के दौरान 40 अर्धशतक और दो शतक बनाए और उन्हें 2016 में अपने पहले आईपीएल खिताब में मदद की।

सहवाग ने कहा, “उनके आने से हैदराबाद को नुकसान दिल्ली कैपिटल्स का फायदा है।”उन्होंने कहा, “नए एसआरएच कप्तान केन विलियमसन बेहतर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। इस साल उनका प्रदर्शन वैसा ही है जैसा कि पिछले सीजन में वार्नर का था, लेकिन वह हैदराबाद का अभी भी कप्तान है। आंकड़े लगभग समान है और वह अभी टीम में बने हुए हैं।”

सहवाग ने पिछले साल विवाद के बारे में कहा, “मुझे लगता है कि उनकी वार्नर की ऑफ-फील्ड टिप्पणी हैदराबाद टीम प्रबंधन के साथ अच्छी नहीं रही। उन्होंने (एसआरएच प्रबंधन) सोचा होगा कि उनका बाहर जाने की धारणा यह थी कि कप्तान को टीम में कम महत्व दिया जाता है और प्रबंधन द्वारा सारे निर्णय लिए जाते होंगे।”

वार्नर को पहले 2021 में हैदराबाद प्रबंधन द्वारा कप्तान के रूप में हटा दिया गया था और फिर यूएई में आईपीएल के दूसरे चरण के दौरान उन्हें कई मैचों से बाहर कर दिया था।

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खेल-कूद

विजय हजारे ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश की कमान संभालते नजर आएंगे रिंकू सिंह

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नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम इस समय ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर सीरीज खेलने में व्यस्त हैं। वहीं, लिमिटेड ओवर टीम के धाकड़ खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट में अपना जलवा बिखेर रहे हैं। हाल ही में सैयद मुश्ता अली ट्रॉफी सम्पन्न हुआ। मुंबई ने मध्य प्रदेश को हराकर सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी का खिताब अपने नाम किया। इस टूर्नामेंट के बाद अब घरेलू क्रिकेट में 50 ओवर के टूर्नामेंट का आगाज होने जा रहा है। हम बात कर रहे हैं विजय हजारे ट्रॉफी की जो कल यानी 21 दिसंबर से शुरू होने जा रही है। इस टूर्नामेंट के लिए उत्तर प्रदेश ने अपनी टीम का ऐलान कर दिया है।

पहली बार मिली कप्तानी

उत्तर प्रदेश ने अपनी रिंकू सिंह को 50 ओवर की घरेलू प्रतियोगिता विजय हजारे ट्रॉफी के लिए अपनी टीम का कप्तान नियुक्त किया है। वह भुवनेश्वर कुमार का स्थान लेंगे, जिन्होंने पिछले सप्ताह समाप्त हुई सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उत्तर प्रदेश का नेतृत्व किया था, जहां टीम क्वार्टर फाइनल में दिल्ली से हार गई थी। यह पहली बार है कि रिंकू सीनियर स्तर पर किसी राज्य की टीम की कप्तानी करेंगे। इस साल की शुरुआत में, उन्होंने मेरठ मावेरिक्स को यूपीT20 लीग खिताब दिलाया था, जिसमें उन्होंने 161.54 की स्ट्राइक रेट से नौ पारियों में 210 रन बनाए थे। रिंकू के लिस्ट ए के ओवरऑल आंकड़े काफी प्रभावशाली हैं। उन्होंने 52 पारियों में 48.69 की औसत से 1899 रन बनाए हैं और उनका स्ट्राइक रेट 94.8 है, जिसमें एक शतक और 17 अर्धशतक शामिल हैं।

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