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प्रादेशिक

सुरेश खन्ना ने साधा कांग्रेस पर निशाना, प्रतिज्ञाओं को बताया चुनावी लॉलीपॉप

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लखनऊ। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कांग्रेस की प्रतिज्ञाओं को चुनावी लालीपॉप बताया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासित राज्यों में प्रतिज्ञाओं को लागू नहीं किया गया है, इससे जाहिर होता है कि कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है, लेकिन ऐसा होने वाला नहीं है, क्योंकि जनता भी सच्चाई देख रही है कि उसे पता है कि कांग्रेस का यह लालीपॉप धरातल पर नहीं उतरने वाला।

उन्होंने यह बातें सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहीं। उन्होंने कहा कि देश में आजादी के बाद से स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कांग्रेस ने कोई काम नहीं किया। कांग्रेस देश में खस्ता हाल स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिम्मेदार है। देश और प्रदेश में पिछली निकम्मी सरकारों की वजह से लोगों को स्वास्थ्य की दुश्वारियां झेलनी पड़ीं।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में लोगों की सेवा में न विपक्ष दिखा और न ही उनके कारिंदे। लोगों की मदद करने के बजाय सिर्फ ट्विटर पर गाल बजाते रहे। जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले-जिले दौरा किया, लोगों से मिले, उनके सुख-दुख में शामिल हुए। व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में हर जरूरतमंद के साथ सरकार खड़ी रही। निशुल्क जांच, इलाज से लेकर घर-घर निशुल्क दवा वितरित की गई। वैक्सीन भी फ्री में लगाया जा रहा है। प्रदेश में प्रधानमंत्री जन आरोग्य (आयुष्मान) योजना के तहत करीब साढ़े छह करोड़ और मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 42 लाख से अधिक लोगों को पांच लाख रुपए तक का बीमा कवर दिया गया है।

प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों की संख्या पहुंच रही सौ के करीब: खन्ना

उन्होंने कहा कि प्रदेश के इतिहास में पहली बार स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में भाजपा की डबल इंजन सरकार लगी है। आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ जिलों में मेडिकल कॉलेजों का लोकार्पण किया है। 30 जिलों में मेडिकल कॉलेजों का निर्माण चल रहा है।

सिर्फ मेडिकल क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलप नहीं हो रहा, बल्कि नए डॉक्टर भी तैयार हो रहे हैं और बेडों की संख्या भी बढ़ रही है। प्रदेश में 2017 के पहले करीब दर्जन भर ही मेडिकल कॉलेज थे, जिनकी संख्या अब सौ के करीब पहुंच रही है। आने वाले दिनों में प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज होंगे। इससे लोगों को ईलाज के लिए दूसरे जिलों में भटकना नहीं पड़ेगा।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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