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वजन घटाने से लेकर चमकते चेहरे तक, एक कप चाय के हैं फायदे हजार
नई दिल्ली| चाय सर्दी के मौसम में आपके दिन को ज्यादा सक्रिय बनाती है। 3000 से अधिक किस्मों के साथ एक कप चाय दुनिया भर में पानी के बाद सबसे अधिक पिया जाने वाला पेय है। भारतीय चाय के प्रति अपने लगाव के लिए जाने जाते हैं, और सर्दियों में यह कई लोगों के लिए एक आदत बन जाती है। चाय के कई लाभ हैं। ‘हेल्थियंस’ की वरिष्ठ पोषण विशेषज्ञ व स्वास्थ्य सलाहकार डॉक्टर सौम्या सताक्षी ने चाय के ये लाभ बताए हैं :
ऑक्सीडेशन स्तर के आधार पर चाय मुख्य रूप से पांच प्रकार की होती हैं। साधारण बोलचाल में, चाय जितनी कम ऑक्सीडाइज्ड होगी, स्वाद और सुगंध में उतनी ही सौम्य और बेहतर होगी।
* सफेद चाय : यह चाय का सबसे कम प्रोसेस किया जाने वाला स्वरूप है, जो कि शानदार स्वाद और खुशबू देता है। यह एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है और यह कोलेस्ट्रोल एवं ब्लड प्रेशर को कम करने में मददगार है। इसमें कैफीन की मात्रा कम होने के चलते, जो लोग अपने कैफीन सेवन पर ध्यान देते हैं उनके लिए यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प है।
जो लोग अपना वजन घटाना चाहते हैं, वे एक चम्मच सफेद पत्ती, आधा चम्मच अदरक पाउडर और नींबू की कुछ बूंदें मिलाकर 15 दिनों इसका सेवन करें तो आशाजनक परिणाम देखने को मिलेंगे। फिनॉल की अधिक मात्रा के चलते, यह एलेस्टिन और कोलेजन को मजबूती प्रदान करता है, जिसके चलते यह झुर्रियों को रोकने और मुंहासे ठीक करने में भी मदद करता है।
इसका रोजाना तीन-चार कप सेवन किया जा सकता है।
* ग्रीन टी : एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर होने के कारण यह कोलेस्ट्रोल को कम करने और स्वस्थ कोशिकाओं तेजी से वृद्धि करने में मदद साबित होती है।
इसमें चीनी मिलाकर इसका प्रयोग चेहरे की मृत कोशिकाओं को हटाने के लिए फेस स्क्रब के रूप में भी कर सकते हैं। यह एक बेहतरीन टोनर है, जो कि बंद पड़े रोम छिद्रों को खोलने में मदद करती है। आंखों के आसपास सूजन को कम करने के लिए भी यह एक अच्छा विकल्प है। इसे बालों को साफ करने और उन्हें स्वस्थ रखने में भी प्रयोग किया जा सकता है।
ग्रीन टी से अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, इसमें दूध, चीनी, क्रीम और यहां तक कि शहद भी न मिलाएं। उबलते पानी में एक चम्मच ताजी पत्तियों को मिलाएं और 2 से 3 मिनट रखने के बाद ही इसे पिएं। इसका रोजाना दो-तीन कप सेवन किया जा सकता है।
* ब्लैक टी : यह चाय हृदय रोग के खतरे को कम करती है और डायबिटीज के स्तर को घटाती है।
यह तैलीय त्वचा वाले लोगों के लिए आदर्श है, ब्लैक टी रोम छिद्रों में कसावट लाने, त्वचा में ताजगी लाने और आपके चेहरे पर एक प्राकृतिक एवं उज्ज्वल चमक लाने में मदद करती है।
* रूइबोस/हर्बल टी : हर्बल टी में कैफीन नहीं होता और इसमें टैनिन कम होता है। इसमें कैंसर से लड़ने के गुण होते हैं और यह त्वचा की एलर्जी में भी लाभकारी होती है।
एक प्राकृतिक सौम्य क्लीनर के रूप में इसका प्रयोग करने के लिए पहले चाय को उबाल कर ठंडा कर लें और फिर चेहरे पर लगाएं। 10 मिनट तक सूखने दें और फिर धो लें। यह चाय आपकी त्वचा पर झाइयां, दाग धब्बे, मुंहासे, सूजन को कम करती है।
* ओलोंग टी : ओलोंग टी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है। यह कैल्शियम, मैग्नीज, पोटेशियम, कॉपर और सेलेसियम का भी प्रमुख स्रोत है। यह वजन को नियंत्रित करने और दांतों को खराब होने से रोकने में मददगार है।
यह त्वचा को स्वस्थ और रंग साफ रखती है। वे लोग जो एक्जिमा से पीड़ित हैं और चमकदार, त्वचा चाहते हैं, उन्हें दो से तीन कप ओलोंग टी पीने की सलाह दी जाती है। यह काले धब्बे और झुर्रियों को कम करती है। यह एक प्रभावकारी सनस्क्रीन और टोनर है।
उत्तर प्रदेश
दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।
संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।
ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।
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