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प्रादेशिक

10 लाख जॉब के वादे पर मुकरे तेजस्वी यादव! भाजपा ने कहा- ये मैं की कहानी

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नई दिल्ली। बिहार में महागठबंधन की नई सरकार में डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव द्वारा किए गए 10 लाख जॉब के वादे पर उनके जवाब को लेकर भाजपा ने हमला बोला है। यह जवाब तेजस्वी यादव एक टीवी चैनल को इंटरव्यू में दिया है। तेजस्वी यादव के जवाब को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस वार्ता कर उनको आड़े हाथ लिया है।

पात्रा ने कहा, ‘तेजस्वी यादव ने 2020 में कहा था कि हम आएंगे तो 10 लाख नौकरी देंगे। जब उनसे पूछा गया कि अब आप आ गए हैं तो 10 लाख नौकरी का क्या होगा? तो तेजस्वी यादव कहते हुए नजर आते हैं कि देखिए अभी तो हम मुख्यमंत्री नहीं बने हैं, मैंने कहा था कि जब हम मुख्यमंत्री बनेंगे तब नौकरी देंगे।’

पात्रा ने कहा कि बड़े दु:ख के साथ कहना पड़ रहा है कि ये मैं की कहानी है, मतलब मैं बनूंगा तब होगा, हम से कुछ नहीं होगा। इसी परिवारवाद के खिलाफ भाजपा सतत लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी।

बढ़ते अपराध पर भाजपा का निशाना

संबित पात्रा ने बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर भी हमला बोला है। पात्रा ने कहा, ’10 अगस्त को बिहार में एक पत्रकार की गोलीमार कर हत्या कर दी गई। 11 अगस्त को एक और पत्रकार की हत्या कर दी गई और बेतिया के एक पुजारी की गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी गई।

11 अगस्त को ही पटना के एक कार शोरूम में बहुत बड़ी लूट हुई और इसी दिन छपरा में जहरीली शराब के सेवन के कारण 6 लोग मृत्यु को प्राप्त हुए। छपरा में इससे पहले 13 लोगों की जहरीली शराब के कारण मुत्यु हुई थी और आदरणीय नीतीश कुमार जी के गृह क्षेत्र नालंदा में 10 लोगों की मौत हुई थी।’

बिहार में दोबारा आया जंगलराज

पात्रा ने कहा कि बिहार में जिस प्रकार से तेजी से जो अव्यवस्था फैल रही है उसका एक संस्मरण आपके सामने रखूंगा कि जिला पश्चिम चंपारण में 12 वर्षीय किशोरी से सामुहिक दुष्कर्म होता है। मुजफ्फरपुर में एक व्यवसायी के घर में दिन-दहाड़े लूट होती है। आभूषण दुकानों में चोरी होती है। पूरे बिहार में चोरी, स्नैचिंग, हत्या, दुष्कर्म, लूट का तांडव मचा हुआ है। बिहार में जंगलराज दोबारा आ गया है।

उत्तर प्रदेश

संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी

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लखनऊ |  संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।

यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।

संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।

बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ

सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।

कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।

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