लाइफ स्टाइल
थका-थका रहता है शरीर, ये हो सकता है कारण; जानें उपाय
नई दिल्ली। गलत लाइफस्टाइल व दिनभर की भागदौड़ से शरीर का पूरी तरह से थकना तो स्वाभाविक है, लेकिन कभी-कभी अगर कुछ ज्यादा काम न भी हुआ तो भी शरीर थका-थका नजर आने लगता है। ऐसे में आपको अपने लाइफस्टाइल पर ध्यान देने की जरूरत है।
हम यहां बताएंगे कि आप किस तरह से थकान दूर कर सकते हैं।
इन कारणों से होती है थकावट
अगर आप 5 से अधिक कप चाय-कॉफी या फिर कोल्ड ड्रिंक्स का सेवन करते हैं तो आप पूरे दिन थकावट महसूस करेंगे।
अधिकतर लोग खासतौर पर महिलाएं अपनी डाइट में प्रोटीन, विटामिन-डी3, बी12 आदि की मात्रा कम लेते हैं।
शरीर में इस पोषक तत्वों की कमी के कारण भी आपको थकावट महसूस हो सकती है।
अगर आप दिनभर में कम चलते-फिरते हैं और एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो आपको एक ही स्थान पर बैठे-बैठे थकावट महसूस हो सकती है।
ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आने से भी थकावट महसूस होती है।
अगर आपकी मांसपेशियां कमजोर हैं तो आपको थकान लग सकती है।
थकावट दूर करने के लिए करे ये उपाय
नियमित रूप से पानी में भीगी हुई 2 काली किशमिश जरूर खाएं। इससे आपका शुगर लेवल नियंत्रित रहेगा।
अपनी डाइट में ग्रीन और रेड जूस को शामिल करें।
संभव हो तो रोज खीरा, पुदीना, नारियल पानी को मिक्स करके सुबह सबसे पहले इसका जूस पियें।
रेड जूस में आप सेब, चुकंदर, गाजर आदि का रस पी सकते हैं।
यह आपके शरीर को डिटॉक्स करेगा और आपको थकान महसूस नहीं होगी।
चाय और कॉफी के स्थान पर फलों का सेवन करें।
ऐसे फल खाएं जिनमें विटामिन-सी की मात्रा अधिक हो इससे आपका एनर्जी लेवल हमेशा हाई रहेगा।
आयरन से भरपूर खाना खाएं। इसके लिए आहार में पालक, कद्दू, सीड्स और मीट को शामिल कर सकते हैं।
आसानी से पचने वाला भोजन करें। इसके लिए फर्मेंटेड, स्प्राउटेड, सूर्य की रोशनी में ड्राई किया गया आहार खा सकते हैं।
डाइट में प्रोटीन की उचित मात्रा को जरूर शामिल करें।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त लेख सिर्फ सामान्य जानकारी पर आधारित हैं. अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
लाइफ स्टाइल
स्वस्थ रखने का अच्छा व आसान उपाय है टहलना, कई बीमारियों से करेगा बचाव
नई दिल्ली। वर्तमान समय में गलत खानपान, अनियमित जीवनशैली व शारीरिक श्रम से दूरी कई गंभीर बीमारियों को न्योता दे रही है। आज जैसी आरामपसंद जीवनशैली में टहलना खुद को स्वस्थ रखने का एक अच्छा व आसान उपाय है।
कहते हैं कि यदि दौड़ न सकें तो चलें। चल न सकें, तो खड़े हो जाएं और खड़े भी नहीं हो पा रहे हैं तो अपने शरीर को बस सक्रिय रखकर स्वास्थ्य लाभ पा सकते हैं।
जर्नल आफ अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के एक शोध के मुताबिक, यदि आप कदमों की एक निश्चित संख्या को सतत बनाए रखते हुए प्रतिदिन टहलते हैं तो डिमेंशिया, कार्डियोवेस्कुलर और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव करने में काफी हद तक सफल हो सकते हैं।
तेजी से टहलना रखता है चुस्त
यदि आप सामान्य रूप से टहलते हैं तो इस दौरान आमतौर पर लोग किसी से आराम से बात करते हुए चलते हैं। पर इससे थोड़ा और तेज चलें तो आप बस बात को समझकर हां या ना में जवाब भर दे सकते हैं।
वहीं, जब आप इन दोनों तरीके से अलग और तेज चलते हैं तो इसे ब्रिस्क वाक कहते हैं। यह सामान्य गति से चलने और दौड़ने के बीच की स्थिति होती है। तेज गति से टहलना एक शानदार कसरत है। यदि आप हर दिन एक घंटे तक ब्रिस्क वाक करें तो यह हृदय की कार्यप्रणाली को स्वस्थ रखने में मदद करता है। हालांकि जितना लंबा चलें, उतना अच्छा।
तनाव न लें, इसे आनंददायक बनाएं
हर उम्र और वर्ग के लोगों को टहलने के लिए प्रेरित करना चाहिए पर ऐसा न हो कि आपने टहलना शुरू किया और जब यह किसी कारण वश रुक गया तो आप परेशान हो जाएं। इससे कई लोग टहलना भी छोड़ देते हैं।
गैजेट की मदद से जानना कि कितने कदम चले, कितने घंटे चले, यह सब अच्छा है। यह उत्साह भी ठीक है, लेकिन टहलने को आनंददायक बना लें, तो इससे आपको लाभ अधिक मिलेंगे। यह एक मजेदार चीज है। आप दिन भर खुश और ऊर्जावान महसूस करेंगे। आप इसकी मदद से अपना स्वाथ्य बेहतर कर रहे हैं, इसलिए तनाव के बजाय सहजता से आगे बढ़ें।
इन बातों का रखें ध्यान
आपके जूते आरामदायक हों। मधुमेह के मरीज हैं, तो संक्रमण का कारण बन सकता है अनफिट जूता।
कपड़े मौसम के अनुकूल होने चाहिए।
सर्दी में शरीर को अच्छी तरह ढककर चलें। गुनगुनी धूप में टहलें।
सुरक्षित और साफ-सुथरे वातावरण में टहलें।
टहलते समय अपना पेट बिल्कुल टाइट रखें। कमर सीधी रहे और आगे की ओर न झुकें।
खाने के बाद हल्की चहलकदमी करें। इससे पाचन में मदद मिलेगी।
उम्र का ध्यान रखें, अपनी क्षमता को जानें।
टहलने से तन मन रहता है चुस्त
नींद अच्छी आती है। पाचन तंत्र सही रहता है।
मोटापा, मधुमेह, कैंसर, डिमेंशिया आदि से दूर रहने में मदद मिलती है।
नाड़ी को नियंत्रित करता है। रक्तचाप को नियंत्रित कर हृदय की कार्यक्षमता में सुधार लाता है।
वजन पर नियंत्रण रहता है।
सहनशक्ति बढ़ती है। नकारात्मकता दूर होने से खुशी और उत्साह से भरे होते हैं आप।
मेनोपाज के कारण महिलाओं में वजन बढ़ने, चिड़चिड़ेपन आदि जैसी समस्या से छुटकारा मिल सकता है।
30 मिनट कम से कम प्रतिदिन चलना चाहिए
10 प्रतिशत तक कम कर देता है हृदय रोग व कैंसर का जोखिम प्रत्येक 2000 कदम।
10,000 कदम प्रतिदिन चलना डिमेंशिया का जोखिम 50 प्रतिशत तक कम कर देता है।
35 प्रतिशत तक मौत के खतरे को कम कर सकते हैं तेजी से टहल कर।
25 प्रतिशत तक कैंसर और हृदय रोग के खतरे को कम कर सकते हैं ब्रिस्क वॉक से।
डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य से है न कि कोई चिकित्सकीय सलाह। अपनाने से पूर्व संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।
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