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सलमान रुश्दी पर हमले का असर नूपुर शर्मा तक, बढ़ गया जान का खतरा

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नई दिल्ली। भारतीय मूल के अंग्रेजी लेखक सलमान रुश्‍दी पर कल अमेरिका के न्यूयार्क शहर में एक कार्यक्रम के दौरान जानलेवा हमला किया गया, जिसमे वो गंभीर रूप से घायल हैं। रुश्‍दी 1980 के दशक में अपनी पुस्‍तक ‘द सैटेनिक वर्सेज’ को लेकर विवादों में आए थे।

इस किताब को ईरान में 1988 से प्रतिबंधित कर दिया गया था, क्योंकि कई मुसलमान इसे ईशनिंदा मानते हैं। एक साल बाद, ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रूहोल्लाह खुमैनी ने एक फतवा जारी कर रुश्दी की मौत का आह्वान किया गया था। फतवे के 33 साल बाद भी रुश्दी सुरक्षित नहीं हो पाए।

इसी तरह भारत में पूर्व बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए कथित विवादित बयान को लेकर मुस्लिम संगठनों और मुस्लिम कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं। बार-बार नूपुर शर्मा को जान से मारने और सिर कलम किए जाने की धमकी दी जा रही है।

नूपुर पर हमले की फिराक में था संदिग्ध आतंकी

एक दिन पहले ही एटीएस ने सहारनपुर से जैश-ए-मुहम्मद और तहरीक-ए-तालिबान से जुड़े संदिग्ध आतंकी को गिरफ्तार करने का दावा किया है। आतंकी ने पूछताछ में बताया कि पाकिस्तान के जैश-ए-मोहम्मद के आतंकियों की तरफ से नूपुर शर्मा की हत्या का टास्क दिया गया था।

एटीएस ने बताया कि मोहम्मद नदीम नाम का यह शख्स तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) से प्रभावित होकर फिदायीन हमले की तैयारी कर रहा था। इससे पहले बिहार के फुलवारी शरीफ से एक शख्स अतहर परवेज को भी अरेस्ट किया गया था। अतहर के मोबाइल से नूपुर शर्मा का मोबाइल नंबर और घर का पता मिला था। अतहर नूपुर शर्मा के घर की रेकी भी कर चुका था।

मेरी जान को खतरा है

इससे पहले नूपुर शर्मा ने अपनी जान का खतरा बताते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। नूपुर ने अलग-अलग राज्यों में दर्ज अपने खिलाफ मामलों में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की थी। पैगंबर मोहम्मद पर विवादित बयान के बाद नूपुर शर्मा पर अलग-अलग राज्यों में 9 केस दर्ज हुए थे।

19 जुलाई को शीर्ष अदालत ने उन्हें राहत देते हुए देश में दर्ज सभी मामले और भविष्य में दर्ज होने वाले मामलों की सुनवाई को दिल्ली में ट्रांसफर करने का फैसला सुनाया था। दिल्ली पुलिस की तरफ से नूपुर और उनके परिवार को सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है।

मुझे नूपुर शर्मा के लिए डर लग रहा है

एक यूजर rose_k01 ने लिखा कि सलमान रुश्दी पर हमले के बाद मुझे अब नूपुर शर्मा के लिए डर लग रहा है। यह कभी खत्म नहीं होगा। एक अन्य यूजर K_tyaagii ने लिखा कि सलमान रुश्दी हो या नूपुर शर्मा कोई फर्क नहीं है क्योंकि इस्लामवादियों का मानवता से कोई लेना-देना नहीं है…वे सर तन से जुदा में विश्वास करते हैं, केवल तथाकथित महाशक्तियां कभी भी अलग-अलग बहाने से उनका समर्थन करने में शर्म महसूस नहीं करती हैं।

एक अन्य यूजर ने लिखा कि सलमान रुश्दी पर हत्या का प्रयास भारत में उस भयावह स्थिति के समान ही है जिसका सामना नूपुर शर्मा कर रही हैं। दुख की बात है कि उदार लोग इस्लामिक आतंकवादी हमलावरों की तरफ है। कल्पना कीजिए कि हम किस दुनिया में रह रहे हैं!

नेशनल

दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू किया अभियान, 175 संदिग्ध लोगों की पहचान

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नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली में अवैध रूप से रहने वाले बांग्लादेशियों को पकड़ने के लिए पुलिस ने अभियान शुरू कर दिया है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों खिलाफ अपने सत्यापन अभियान दिल्ली पुलिस ने ऐसे 175 संदिग्ध लोगों की पहचान की है। अधिकारियों ने रविवार को इस बात की जानकारी दी है। पुलिस ने शनिवार को शाम 6 बजे से बाहरी दिल्ली क्षेत्र में 12 घंटे का सत्यापन अभियान चलाया था।

दिल्ली पुलिस ने क्या बताया?

इस अभियान को लेकर दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने कहा- “पुलिस ने वैध दस्तावेजों के बिना रहने वाले व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें हिरासत में लेने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं। बाहरी दिल्ली में व्यापक सत्यापन अभियान के दौरान 175 व्यक्तियों की पहचान संदिग्ध अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों के रूप में की गई है।

एलजी के आदेश पर कार्रवाई

दिल्ली पुलिस ने बीते 11 दिसंबर की तारीख से राजधानी में रह रहे अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पहचानने के लिए अभियान की शुरुआत की थी। इससे एक दिन पहले 10 दिसंबर को एलजी वीके सक्सेना के सचिवालय ने अवैध प्रवासियों पर कार्रवाई का आदेश जारी किया था। इसके बाद से ही पुलिस ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को पकड़ने का अभियान शुरू किया है।

इस तरीके से चल रहे अभियान

दिल्ली पुलिस के मुताबिक, बिना दस्तावेज वाले प्रवासियों की बढ़ती संख्या से चिंता बढ़ती जा रही है। बाहरी जिला पुलिस ने अपने अधिकार में आने वाले विभिन्न क्षेत्रों में कार्रवाई शुरू की है। पुलिस के मुताबिक, स्थानीय थानों, जिला विदेशी प्रकोष्ठों और विशेष इकाइयों के कर्मियों समेत विशेष टीम को घर-घर जाकर जांच करने और संदिग्ध अवैध प्रवासियों के बारे में खुफिया जानकारी इकट्ठा करने का निर्देश दिया गया है।

 

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