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उत्तर प्रदेश

हमारी एकता में ही देश की अखण्डता है: डॉ. रूपल अग्रवाल

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Pledge for Unity

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लखनऊI ‘राष्ट्रीय एकता दिवस-2022’ के अवसर पर हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट व सरोज-लाल जी मेहरोत्रा भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आधुनिक भारत के शिल्पी, भारत के बिस्मार्क, लौह पुरुष भारत रत्न सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146वीं जन्म जयंती पर “श्रद्धांपूर्ण पुष्पांजलि व Pledge for Unity” कार्यक्रम का आयोजन सरोज-लाल जी मेहरोत्रा भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज, गोमती नगर, लखनऊ में किया गयाI

कार्यक्रम में हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की न्यासी डॉ. रूपल अग्रवाल, भारतीय विद्या भवन गर्ल्स डिग्री कॉलेज की प्राचार्या डॉ. अलका निवेदन, डॉ. छवि निगम, शिक्षिकाओं व छात्राओं ने सरदार वल्लभ भाई पटेल जी प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश में एकता व अखण्डता बनाये रखने हेतु शपथ ग्रहण की व यूनिटी चेन बनाकर “हम सब एक हैं” का नारा बुलंद कियाI

कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुयी तत्पश्चात डॉ. रूपल अग्रवाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि, “आज राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर मैं सभी भारतवासियों को बधाई देती हूँI जैसा की हम सभी जानते हैं आज हम स्वतंत्र भारत के प्रथम उप प्रधानमंत्री व गृहमंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 146वीं जन्म जयंती मना रहे हैं जिसे पूरे देश राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता हैI

सरदार पटेल कहा करते थे कि “एकता के बिना जनशक्ति नहीं है और शक्ति के अभाव में विश्वास व्यर्थ है, विश्वास और शक्ति दोनों किसी महान कार्य को करने के लिए आवश्यक हैI अतः अगर हम अपने देश को राजनीतिक, आर्थिक और नैतिक रूप से मजबूत बनाना चाहते हैं तो हमें एकता की शक्ति को पहचानना होगा और आगे बढ़ना होगा क्योंकि हमारी एकता में ही देश की अखण्डता हैI”

डॉ० अलका निवेदन ने हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का आभार जताते हुए कहा कि, “आज लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर हम सब सादर नमन करते हैं व उनके बताये हुए रास्ते पर चलने की शपथ लेते हैI मैं हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट की ह्रदय से आभारी हूँ कि उन्होंने आज यह कार्यक्रम आयोजित किया व आशा करती हूँ कि आगे भी हेल्प यू एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट इस तरह के कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा जिसमें हमें हमारे देश के महापुरुषों के बारे में और अधिक जानने का मौका मिलेगा I”

डॉ० छवि निगम ने कहा कि, “किसी भी देश का आधार उसकी एकता और अखंडता में निहित होता है और सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे I इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता हैI वल्लभभाई झावेरभाई पटेल, जो सरदार पटेल के नाम से लोकप्रिय थे, एक भारतीय राजनीतिज्ञ थेI

वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और भारतीय गणराज्य के संस्थापक पिता थे जिन्होंने स्वतंत्रता के लिए देश के संघर्ष में अग्रणी भूमिका निभाई और एक एकीकृत, स्वतंत्र राष्ट्र में अपने एकीकरण का मार्गदर्शन कियाI गुजरात में नर्मदा के सरदार सरोवर बांध के सामने सरदार वल्लभभाई पटेल की 182 मीटर (597 फीट) ऊँची लोह प्रतिमा (स्टेचू ऑफ़ यूनिटी) का निर्माण किया गया है जो विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा हैI

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उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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