Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

जन गण मन और वंदे मातरम का दर्जा एक समान, दोनों को मिले बराबर सम्मान

Published

on

Jan Gan Man

Loading

नई दिल्ली। राष्ट्रगान जन गण मन (Jan Gan Man) और राष्ट्रीय गीत वंदे मातरम का दर्जा एक समान है और नागरिकों को दोनों ही बराबर सम्मान देना चाहिए। दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल एक जनहित याचिका पर जवाब देते हुए केंद्र सरकार ने यह बात कही है।

यह भी पढ़ें

नवीन कुमार जिंदल को SC से बड़ी राहत, सभी केस दिल्ली ट्रांसफर

डॉक्टरों ने इमरान के पैर से निकाली गोली, हालत खतरे से बाहर

इस अर्जी में मांग की गई थी कि वंदे मातरम को भी वही दर्जा और सम्मान मिलना चाहिए, जो राष्ट्र गान को दिया जाता है। इसके अलावा राष्ट्रीय गीत के सम्मान को लेकर गाइडलाइंस तैयार करने की भी मांग की गई थी। इस पर हाई कोर्ट ने होम मिनिस्ट्री, शिक्षा मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय एवं कानून मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।

इस अर्जी में यह भी मांग की गई है कि केंद्र और राज्य सरकारों को आदेश दिया जाए कि वे तय करें कि हर वर्किंग डे पर स्कूलों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों में जन गण मन और वंदे मातरम गाया जाए। इसके अलावा संविधान सभा में 24 जनवरी, 1950 को पारित प्रस्ताव के मुताबिक दोनों के सम्मान के लिए गाइडलाइंस तय की जाएं।

याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने कहा कि भारत राज्यों का संघ है, यह फेडरेशन नहीं है। हमारी एक ही राष्ट्रीयता है और वह भारतीयता है। हम में से सभी की जिम्मेदारी है कि वंदे मातरम का सम्मान करें।

वंदे मातरम से कैसे कोई आहत हो सकता है

उन्होंने कहा कि देश को एक रखने के लिए यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह एक राष्ट्रीय नीति तैयार करे ताकि जन गण मन और वंदे मातरम का सम्मान किया जा सके। याची ने कहा कि यह बात समझ से परे है कि कैसे वंदे मातरम से किसी की भावनाएं आहत हो सकती हैं, जबकि दोनों को ही संविधान निर्माताओं ने चुना है।

उन्होंने कहा कि जन गण मन में राष्ट्र की भावना सामने आती है। वहीं वंदे मातरम में राष्ट्र का चरित्र, उसकी जीवन शैली की अभिव्यक्ति होती है। यह जरूरी है कि हर भारतीय वंदे मातरम का सम्मान करे। ऐसा नहीं हो सकता कि कोई वंदे मातरम गाने से इनकार कर दे।

टैगोर ने भी गाया था वंदे मातरम

अश्विनी उपाध्याय ने अपनी अर्जी में कहा, ‘वंदे मातरम पूरे देश का विचार था। आजादी के आंदोलन की यह अभिव्यक्ति था। शहर-शहर में होने वाली रैलियों में वंदे मातरम का जयघोष होता था।’ एक वक्त में अंग्रेजों ने वंदे मातरम के जय घोष से डरकर इस पर बैन लगा दिया था। इसका उल्लंघन करने पर क्रांतिकारियों को जेल में भी डाल दिया जाता था।

अर्जी में कहा गया, ‘रवींद्रनाथ टैगोर ने 1896 में कलकत्ता में कांग्रेस के एक सेशन में वंदे मातरम गाया था। इसके बाद 1901 में कांग्रेस के सेशन में दक्षिण चरण सेन ने भी वंदे मातरम गाया था। यही नहीं 1905 में एक बार फिर से बनारस में आयोजित कांग्रेस के सेशन में सरला देवी ने वंदे मातरम गाया था। लाला लाजपत राय ने लाहौर से इसी नाम से अखबार का प्रकाशन किया था।’

Jan Gan Man vandematram, Jan Gan Man news, Jan Gan Man latest news, Jan Gan Man in HC DILLI,

Continue Reading

नेशनल

World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने रचा इतिहास, 180 से ज्यादा देशों के लोग हुए शामिल

Published

on

Loading

बेंगलुरु। विश्व ध्यान दिवस पर आयोजित World Meditates With Gurudev कार्यक्रम ने इतिहास रच दिया है। आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने ऑन लाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से दुनिया भर के 85 लाख से ज्यादा लोगों को सामूहिक ध्यान कराया। इस कार्यक्रम ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और वर्ल्ड रिकॉर्ड्स यूनियन में जगह बनाते हुए पिछले सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस ऐतिहासिक कार्यक्रम ने सामूहिक ध्यान के लिए दुनिया भर के लोगों को एक साथ जोड़ा।

180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए

दरअसल, पूरी दुनिया ने 21 दिसंबर को विश्व ध्यान दिवस के तौर पर मनाया। इसी क्रम में यह कार्यक्रम आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 180 से ज्यादा देशों के लोग शामिल हुए और इसके माध्यम से ध्यान की परिवर्तनकारी शक्ति को प्रदर्शित किया। श्री श्री रविशंकर संयुक्त राष्ट्र में विश्व ध्यान दिवस के उद्घाटन कार्यक्रम में भी शामिल हुए। संयुक्त राष्ट्र में उद्घाटन समारोह से शुरू होकर अपने समापन तक यह कार्यक्रम दुनिया के महाद्वीपों में ध्यान की लहर फैलाता चला गया।

ये रिकॉर्ड टूटे

गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड

YouTube पर ध्यान के लाइव स्ट्रीम के सबसे ज़्यादा दर्शक

एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स

⁠एक दिवसीय ध्यान में भारत के सभी राज्यों से अधिकतम भागीदारी
एक दिवसीय ध्यान में अधिकतम Nationalities ने हिस्सा लिया

 

 

 

Continue Reading

Trending