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प्रादेशिक

‘टाइगर अब जिन्दा नहीं है’, मारा गया बगहा का आदमखोर

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आदमखोर

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बगहा। बिहार के बगहा में 9 महीनों में 9 लोगों की जान लेने वाले आदमखोर बाघ को आज ढेर कर दिया गया। उसकी 26 दिन से तलाश हो रही थी। शनिवार को उसे गोवर्धन थाना इलाके के बलुआ गांव के खेत में घेरा गया। इसके बाद शूटर्स ने उसे 4 गोलियां मारीं। उधर से आदमखोर बाघ के दहाड़ सुनाई दी। इसके बाद टीम 3 ओर से खेत में दाखिल हुई। वाल्मीकि टाइगर रिजर्व (VTR) के इस बाघ ने कल शुक्रवार को मां-बेटे की जान ली थी। बीते 3 दिनों में इस आदमखोर बाघ के हमले में 4 लोगों की मौत हो गई।

पैरों के निशान से टीम ने बाघ को खेत में घेरा

बाघ के पैरों के निशान के बाद एक्सपर्ट की टीम को यह यकीन हो गया कि वो गन्ने के खेत में छिपा है। इसके बाद उस खेत की चारों ओर से जाल के माध्यम से घेराबंदी की गई। इसके बाद राइफल से लैस टीम हाथी पर सवार होकर गन्ने के खेत के अंदर गई।

वहां पहुंचते ही बाघ पर टीम की नजर गई और उस पर फायरिंग की गई। टीम ने बाघ को 4 गोली मारी। इसमें से दो गोली उसे लगी और बाघ ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

9 महीने में 10 लोगों पर किया हमला, 9 की मौत

इस आदमखोर बाघ ने 9 महीने में 10 लोगों पर हमला किया था। इनमें से 9 की मौत हो गई। शुक्रवार की सुबह बाघ ने मां-बेटे पर हमला कर दिया था। इसमें दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। बीते 3 दिनों में बाघ ने 4 लोगों को मौत के घाट उतारा था। कल ही बाघ को मारने के आदेश जारी हुए थे।

कल ही मारने के जारी हुए थे आदेश

बीते एक महीने से बाघ ने बगहा में आतंक मचा रखा था। इंसानों पर हमला कर रहे बाघ को पकड़ने के लिए 13 सितंबर को पकड़ने का आदेश जारी हुआ था। 5-6 अक्टूबर को दो दिन में बाघ ने दो लोगों को अपना शिकार बनाया था, इसके बाद 7 अक्टूबर को उसे मारने का आदेश जारी किया गया था। आज 7 घंटे के ऑपरेशन के बाद आदमखोर को मार गिराया गया।

टीम गठित कर होगा पोस्टमार्टम

आदमखोर बाघ की मौत के बाद उसका नामोनिशान मिटा दिया जाता है। इसके लिए जो एसओपी बनाई गई है, उसमें बाघ का पहले पोस्ट मार्टम कराया जाता है। इसके बाद पंचनामा की कार्रवाई होती है। पोस्ट मार्टम के लिए पूरी टीम गठित की जाती है।

अफसरों की मौजदूगी में होगा अंतिम संस्कार

फिर बाघ को अफसरों की मौजूदगी में जलाया जाता है। आग के हवाले तब तक किया जाता है जब तक उसका पूरा नामोनिशान नहीं मिट जाता है। इसके अलावा फील्ड निदेशक की उपस्थिति या ऑथराइजड अफसर (जो उप वन संरक्षक के पद से नीचे का न हो) की मौजूदगी में ही अंतिम संस्कार किया जाता है।

गुजरात

सूरत के ज्वैलर्स का कमाल, 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा

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गुजरात । इस समय चारों तरफ सिर्फ अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की बातें हो रही हैं। बीते दिन डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान दुनिया भर के मेहमान इस शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का गुजरात कनेक्शन भी सामने आया है। दरअसल, सूरत के लैबग्रोन डायमंड ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए खास गिफ्ट तैयार किया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।

2 महीने में तैयार हुआ अनोखा हीरा

गुजरात के हीरा व्यापारी मुकेश पटेल और स्मित पटेल की कंपनी लैबग्रोन डायमंड के 5 अनुभवी ज्वैलर्स ने डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे को 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा है। इस डोनाल्ड ट्रंप वाले हीरे को इन 5 ज्वैलर्स ने 2 महीने में तैयार किया है। यह हीरा भारत की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को एक खास गिफ्ट के तौर पर दिया जाएगा। हीरे को तराशकर इस तरह की आकृति देना बहुत ही मुश्किल काम है। इसमें बहुत फोकस और सावधानी की जरूरत होती है। इसलिए 5 अनुभवी तराशकरों को भी इसे बनाने में 60 दिन का समय लगा।

इंटरनेशनल मार्केट में हीरे की कीमत

जानकारी के अनुसार, इस हीरे की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 हजार अमेरिकी डॉलर (8,64,255 भारतीय रुपये) बताई जा रही है। ये अनोखा हीरा न सिर्फ सूरत के हुनर को दिखाता है, बल्कि भारतीय कला और तकनीक की भी खास मिसाल पेश करता है। इस हीरे की फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बता दें कि, इससे पहले भी सूरत की इसी कंपनी ने अमेरिका की प्रथम महिला को एक लैबग्रोन डायमंड गिफ्ट में दिया था, जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सौंपा था।

 

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