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आध्यात्म

आज नरक चतुर्दशी के साथ-साथ है काली चौदस का भी पर्व, जानें महत्व

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Narak Chaturdashi

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नई दिल्ली। आज नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली) है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर सृष्टि को उसके प्रकोप से बचाया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी (Narak chaturdashi) कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।

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नरक चतुर्दशी व्रत के दिन सुबह शरीर पर उबटन लगाने के बाद नहाने के फायदे को शास्त्रों में भी बताया गया है। माना जाता है कि ऐसा करने से रूप में निखार आता है।

आज के दिन संध्या के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं। साथ ही आटे का चौमुखी दीपक जलाना भी नही भूलना चाहिए। इससे देवता यमराज प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के परिवार की अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।

इस दिन दक्षिण दिशा में मुख कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए।

‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्।। ‘

देवता यमराज के इन मंत्रों का भी जप करें

यमाय नम: यमम् तर्पयामि।

यमाय धर्मराजाय मृत्ये चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।

औदुम्बराय दध्राय नीलीय परमिष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।

काली चौदस का पर्व मां देवी काली को समर्पित है, जो दिवाली से एक दिन पहले यानि छोटी दिवाली को आता है। आज 23 अक्टूबर को काली चौदस या छोटी दिवाली है।

इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। यूं तो देशभर में काली चौदस का पर्व मनाया जाता है, लेकिन बंगाल में विशेष रूप से इस त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाने की परंपरा है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को काली चौदस मनाई जाती है। यह दिन काली मां को समर्पित है।

इसमें रात्रि में काली मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। खासकर बंगाल में इसे मां काली के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। काली चौदस को रूप चौदस और नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है

काली चौदस को भूत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. देवी काली के भक्त 23 अक्टूबर 2022 को रात 11 बजकर 46 मिनट से 24 अक्टूबर 2022 को प्रात: 12 बजकर 37 मिनट तक देवी काली की पूजा कर सकते हैं। पूजा की अवधि 51 मिनट रहेगी।

काली चौदस महत्व

शास्त्रों के अनुसार जिस तरह दिवाली की रात में मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। उसी प्रकार दिवाली से एक दिन पहले रात्रि में मां काली की आराधना करने से साधक को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।

साथ ही शत्रु पर विजय प्राप्त करने का वरदान मिलता है। तंत्र साधक महाकाली की साधना को अधिक प्रभावशाली मानते हैं। इनकी उपासना से व्यक्ति के मनोरथ जल्द पूरे होते हैं, लेकिन गृहस्थ जीवन वालों को देवी काली की साधारण पूजा करनी चाहिए।

ध्यान रहे किसी गलत उद्देश्य से मां काली का पूजन न करें वरना भविष्य में घोर अशुभ परिणाम झेलने पड़ेंगे।

कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ:

23 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 03 मिनट से

चतुर्दशी तिथि समापन: 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर

नरक चतुर्दशी व्रत तिथि: 24 अक्टूबर 2022, सोमवार

स्नान मुहूर्त: 24 अक्टूबर 2022, सुबह 05:08 – सुबह 06:31

काली चौदस 2022 तिथि और मुहूर्त:

23 अक्टूबर 2022, रविवार रात 11:42 से 24 अक्टूबर 2022 प्रात: 12:33 तक

डिस्क्लेमर: उपरोक्त आलेख सिर्फ सूचना के लिए हैं. उपयोग में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.

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आध्यात्म

महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन, सीएम योगी ने दी बधाई

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लखनऊ ।लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का आज तीसरा दिन है. आज के दिन डूबते सूर्य को सायंकालीन अर्घ्य दिया जाएगा और इसकी तैयारियां जोरों पर हैं. आज नदी किनारे बने हुए छठ घाट पर शाम के समय व्रती महिलाएं पूरी निष्ठा भाव से भगवान भास्कर की उपासना करती हैं. व्रती पानी में खड़े होकर ठेकुआ, गन्ना समेत अन्य प्रसाद सामग्री से सूर्यदेव को अर्घ्य देती हैं और अपने परिवार, संतान की सुख समृद्धि की प्रार्थना करती हैं।

यूपी के मुख्यमंत्री ने भी दी बधाई।

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