आध्यात्म
आज नरक चतुर्दशी के साथ-साथ है काली चौदस का भी पर्व, जानें महत्व
नई दिल्ली। आज नरक चतुर्दशी (छोटी दीवाली) है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर सृष्टि को उसके प्रकोप से बचाया था, इसलिए इसे नरक चतुर्दशी (Narak chaturdashi) कहते हैं। इस दिन भगवान कृष्ण की पूजा से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है।
यह भी पढ़ें
धनतेरस पर बना खरीदारी का शुभफलदायी त्रिपुष्कर और सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें डिटेल
पीएम मोदी ने किया रोजगार मेले का शुभारंभ, 75,226 युवाओं को सौंपे नियुक्ति पत्र
नरक चतुर्दशी व्रत के दिन सुबह शरीर पर उबटन लगाने के बाद नहाने के फायदे को शास्त्रों में भी बताया गया है। माना जाता है कि ऐसा करने से रूप में निखार आता है।
आज के दिन संध्या के समय घर के मुख्य द्वार पर दीपक जरूर जलाएं। साथ ही आटे का चौमुखी दीपक जलाना भी नही भूलना चाहिए। इससे देवता यमराज प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के परिवार की अकाल मृत्यु से रक्षा होती है।
इस दिन दक्षिण दिशा में मुख कर इस मंत्र का जाप करना चाहिए।
‘मृत्युनां दण्डपाशाभ्यां कालेन श्यामया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम्।। ‘
देवता यमराज के इन मंत्रों का भी जप करें
यमाय नम: यमम् तर्पयामि।
यमाय धर्मराजाय मृत्ये चांतकाय च, वैवस्वताय कालाय सर्वभूतक्षयाय च।
औदुम्बराय दध्राय नीलीय परमिष्ठिने, व्रकोदराय चित्राय चित्रगुप्ताय वै नम:।।
काली चौदस का पर्व मां देवी काली को समर्पित है, जो दिवाली से एक दिन पहले यानि छोटी दिवाली को आता है। आज 23 अक्टूबर को काली चौदस या छोटी दिवाली है।
इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। यूं तो देशभर में काली चौदस का पर्व मनाया जाता है, लेकिन बंगाल में विशेष रूप से इस त्योहार को बड़े उत्साह के साथ मनाने की परंपरा है। कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को काली चौदस मनाई जाती है। यह दिन काली मां को समर्पित है।
इसमें रात्रि में काली मां की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। खासकर बंगाल में इसे मां काली के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। काली चौदस को रूप चौदस और नरक चतुर्दशी के रूप में भी मनाया जाता है
काली चौदस को भूत चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है. देवी काली के भक्त 23 अक्टूबर 2022 को रात 11 बजकर 46 मिनट से 24 अक्टूबर 2022 को प्रात: 12 बजकर 37 मिनट तक देवी काली की पूजा कर सकते हैं। पूजा की अवधि 51 मिनट रहेगी।
काली चौदस महत्व
शास्त्रों के अनुसार जिस तरह दिवाली की रात में मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में धन, सुख और वैभव की प्राप्ति होती है। उसी प्रकार दिवाली से एक दिन पहले रात्रि में मां काली की आराधना करने से साधक को मानसिक तनाव से मुक्ति मिलेगी और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होगा।
साथ ही शत्रु पर विजय प्राप्त करने का वरदान मिलता है। तंत्र साधक महाकाली की साधना को अधिक प्रभावशाली मानते हैं। इनकी उपासना से व्यक्ति के मनोरथ जल्द पूरे होते हैं, लेकिन गृहस्थ जीवन वालों को देवी काली की साधारण पूजा करनी चाहिए।
ध्यान रहे किसी गलत उद्देश्य से मां काली का पूजन न करें वरना भविष्य में घोर अशुभ परिणाम झेलने पड़ेंगे।
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि प्रारम्भ:
23 अक्टूबर 2022 को शाम 06 बजकर 03 मिनट से
चतुर्दशी तिथि समापन: 24 अक्टूबर 2022 को शाम 05 बजकर 27 मिनट पर
नरक चतुर्दशी व्रत तिथि: 24 अक्टूबर 2022, सोमवार
स्नान मुहूर्त: 24 अक्टूबर 2022, सुबह 05:08 – सुबह 06:31
काली चौदस 2022 तिथि और मुहूर्त:
23 अक्टूबर 2022, रविवार रात 11:42 से 24 अक्टूबर 2022 प्रात: 12:33 तक
डिस्क्लेमर: उपरोक्त आलेख सिर्फ सूचना के लिए हैं. उपयोग में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें.
Narak chaturdashi, today in Narak chaturdashi, Narak chaturdashi parv, Narak chaturdashi news,
आध्यात्म
मौनी अमावस्या स्नान के पहले नव्य प्रकाश व्यवस्था से जगमग हुई कुम्भ नगरी प्रयागराज
महाकुम्भ नगर। त्रिवेणी के तट पर आस्था का जन समागम है। महाकुम्भ के इस आयोजन को दिव्य ,भव्य और नव्य स्वरूप देने के लिए इससे जुड़े शहर के उन मार्गों और चौराहों को भी आकर्षक स्वरूप दिया गया है जहां से होकर पर्यटक और श्रद्धालु महा कुम्भ पहुंच रहे हैं। इसी क्रम में अब सड़क किनारे के वृक्षों को रोशनी के माध्यम से नया स्वरूप दिया गया है।
मौनी से पहले शहर की प्रकाश व्यवस्था को दिया गया नया लुक
प्रयागराज महा कुम्भ आ रहे आगंतुकों के स्वागत के लिए की कुम्भ नगरी की सड़कों को सजाया गया, शहर के चौराहे सुसज्जित किए गए और बारी है सड़क के दोनों तरह मौजूद हरे भरे वृक्षों को नया लुक देने की । नगर निगम प्रयागराज ने इस संकल्प को धरती पर उतारा है। नगर निगम के मुख्य अभियंता ( विद्युत ) संजय कटियार बताते हैं कि शहर में सड़क किनारे लगे वृक्षों का नया लुक देने के यूपी में पहली बार नियॉन और थीमेटिक लाइट के संयोजित वाली प्रकाश व्यवस्था लागू की गई है। इस नई व्यवस्था में शहर के महत्वपूर्ण मार्गों के 260 वृक्षों के तनों, शाखाओं और पत्तियों में अलग अलग थीम की रोशनी लगाई गई है। इनमें नियॉन और स्पाइरल लाइट्स को इस तरह संयोजित किया गया है जिसे देखकर ऐसा प्रतीत होता है कैसे रात के अंधेरे में पूरा वृक्ष आलोकित हो गया है। शहर से गुजरकर महा कुम्भ जाने वक्ष पर्यटक और श्रद्धालु इस भव्य प्रकाश व्यवस्था का अवलोकन कर सकेंगे।
शहर के 8 पार्कों में भी लगाए म्यूरल्स
सड़कों और चौराहों के अलावा शहर के अंदर के छोटे बड़े पार्कों में भी पहली बार उन्हें सजाने के लिए नए ढंग से संवारा गया है। नगर निगम के चीफ इंजीनियर ( विद्युत) संजय कटियार का कहना है कि शहर के चयनित आठ पार्कों में पहली बार कांच और रोशनी के संयोजन से म्यूरल्स बनाए गए हैं जो वहां से गुजरने वालों का ध्यान खींच रहे हैं। 12 तरह के म्यूरल्स इन पार्कों में लगाए गए हैं जो बच्चों के लिए खास तौर पर आकर्षण का केंद्र बन रहे हैं। इसके पूर्व शहर शहर की 23 प्रमुख सड़कों , आरओबी , और फ्लाईओवर्स पर स्ट्रीट लाइट और पोल पर अलग-अलग थीम पर आधारित रंग-बिरंगे डिजाइन वाले मोटिव्स लगाए गए थे ।
-
लाइफ स्टाइल18 hours ago
स्वस्थ रखने का अच्छा व आसान उपाय है टहलना, कई बीमारियों से करेगा बचाव
-
खेल-कूद3 days ago
अंतरराष्ट्रीय शूटिंग खिलाड़ी मनु भाकर पर टूटा दुखों का पहाड़, दर्दनाक सड़क हादसे में नानी और मामा की मौत
-
नेशनल3 days ago
2025 की पहली ‘मन की बात’ : जानें किन मुद्दों पर पीएम मोदी ने की बात
-
प्रादेशिक2 days ago
सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर फैजान अंसारी ने सैफ को अस्पताल पहुंचाने वाले ऑटो ड्राइवर को दी 11 हजार रु की आर्थिक सहायता
-
प्रादेशिक3 days ago
क्या बिग बॉस 18 के फिनाले में जगह बनाने के लिए ईशा सिंह ने दिए पैसे, जानें क्या है सच
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की लेंगे शपथ
-
राजनीति3 days ago
आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल पर हमला करने वालों का क्रिमनल बैकग्राउंड बता रही आतिशी
-
ऑफ़बीट3 days ago
कौन है महाकुंभ की मोनालिसा ? जो सोशल मीडिया पर हो रही है वायरल