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नेशनल

आज देशवासी हर चुनौती को कह रहे हैं- दम है तो रोक लो: पीएम मोदी

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विजयवाड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज स्वतंत्रता सेनानी अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह में शामिल होने आंध्र प्रदेश पहुंचे। पीएम के विजयवाड़ा पहुंचने पर राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन और मुख्यमंत्री वाईएसआर जगनमोहन रेड्डी ने उनका स्वागत किया।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने आंध्र प्रदेश के भीमावरम में महान क्रांतिकारी अल्लूरी सीताराम राजू की 30 फीट ऊंची कांस्य प्रतिमा का भी अनावरण किया। यह अल्लूरी सीताराम राजू की 125वीं जयंती समारोह है, इसमें को साल भर पौराणिक कथाओं सुनाया जाएगा।

दम है तो हमें रोक लो

समारोह में पीएम मोदी ने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू ने अंग्रेजों से अपने संघर्ष के दौरान दिखाया कि दम है तो मुझे रोक लो। उन्होंने कहा कि आज 130 करोड़ देशवासी भी अपने सामने खड़ी चुनौतियों से, कठिनाइयों से इसी साहस और सामर्थ्य के साथ हर चुनौती को कह रहे हैं दम है तो हमें रोक लो।

विशाखापटनम में ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना

वनधन योजना के बारे में बताते हुए पीएम ने कहा कि इसके जरिये वन संपदा को आधुनिक अवसरों से जोड़ने का काम भी शुरू किया जा चुका है। देश में 3 हजार से अधिक वनधन विकास केंद्रों के साथ ही 50 हजार से ज्यादा वनधन सेल्फ हेल्प ग्रुप भी काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इसके साथ ही बताया कि आंध्र के ही विशाखापटनम में ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट की स्थापना की गई है।

आदिवासी कला-कौशल को मिल रही नई पहचान

पीएम मोदी ने कहा कि स्किल इंडिया मिशन के जरिए आज आदिवासी कला-कौशल को नई पहचान मिल रही है। ‘वोकल फार लोकल’ आदिवासी कला कौशल को आय का साधन बना रहा है।

पीएम ने कहा कि आजादी के बाद पहली बार, देश में आदिवासी गौरव और विरासत को प्रदर्शित करने के लिए आदिवासी संग्रहालय बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि आंध्र प्रदेश के लंबसिंगी में “अल्लूरी सीताराम राजू मेमोरियल जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय” भी बनाया जा रहा है।

पीएम मोदी ने स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास को याद करते हुए कहा कि हमारी विविधता की शक्ति, हमारी सांस्कृतिक शक्ति ही एक राष्ट्र के रूप में हमारी एकजुटता का प्रतीक है।

आदिवासियों के कल्याण के लिए किया काम

पीएम मोदी ने कहा कि हमारा नया भारत उन सेनानियों के सपनों का भारत होना चाहिए जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। पिछले 8 वर्षों में हमने पूरी निष्ठा के साथ काम किया है। पीएम ने कहा कि अल्लूरी सीताराम राजू के सिद्धांतों पर चलते हुए ही हमने आदिवासियों के कल्याण के लिए काम किया है।

पीएम ने आंध्र की आदिवासी परंपरा का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मैं इस धरती की महान आदिवासी परंपरा को, इस परंपरा से जन्में सभी महान क्रांतिकारियों और बलिदानियों को भी आदरपूर्वक नमन करता हूं।

अल्लुरी सीताराम राजू के बलिदान भूला नहीं जा सकता

पीएम ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि आज एक ओर देश आजादी के 75 वर्ष का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो साथ ही अल्लुरी सीताराम राजू जी की 125वीं जयंती का अवसर भी है। संयोग से इसी समय देश की आजादी के लिए हुए रम्पा क्रांति के 100 साल भी पूरे हो रहे हैं। हमें इस बलिदान को भूलना नहीं चाहिए।

पासाला कृष्ण मूर्ति के परिवार से मिले पीएम मोदी

भीमावरम में अपने भाषण के बाद पीएम मोदी ने पासाला कृष्ण मूर्ति के परिवार से मुलाकात की। पासाला आंध्र प्रदेश के एक बड़े स्वतंत्रता सेनानी थे। प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी की बेटी पासाला कृष्ण भारती से भी मुलाकात की। वह 90 साल की हैं और उन्होंने पीएम को आशीर्वाद दिया।

पासाला कृष्ण मूर्ति के परिवार से मिले पीएम मोदी

गुजरात

सूरत के ज्वैलर्स का कमाल, 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा डोनाल्ड ट्रंप का चेहरा

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गुजरात । इस समय चारों तरफ सिर्फ अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह की बातें हो रही हैं। बीते दिन डोनाल्ड ट्रंप ने वॉशिंगटन डीसी में दूसरी बार राष्ट्रपति के तौर पर शपथ ली। इस दौरान दुनिया भर के मेहमान इस शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे। इसी बीच डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह का गुजरात कनेक्शन भी सामने आया है। दरअसल, सूरत के लैबग्रोन डायमंड ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए खास गिफ्ट तैयार किया है, जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है।

2 महीने में तैयार हुआ अनोखा हीरा

गुजरात के हीरा व्यापारी मुकेश पटेल और स्मित पटेल की कंपनी लैबग्रोन डायमंड के 5 अनुभवी ज्वैलर्स ने डोनाल्ड ट्रंप के चेहरे को 4.7 कैरेट के हीरे पर उकेरा है। इस डोनाल्ड ट्रंप वाले हीरे को इन 5 ज्वैलर्स ने 2 महीने में तैयार किया है। यह हीरा भारत की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप को एक खास गिफ्ट के तौर पर दिया जाएगा। हीरे को तराशकर इस तरह की आकृति देना बहुत ही मुश्किल काम है। इसमें बहुत फोकस और सावधानी की जरूरत होती है। इसलिए 5 अनुभवी तराशकरों को भी इसे बनाने में 60 दिन का समय लगा।

इंटरनेशनल मार्केट में हीरे की कीमत

जानकारी के अनुसार, इस हीरे की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में 10 हजार अमेरिकी डॉलर (8,64,255 भारतीय रुपये) बताई जा रही है। ये अनोखा हीरा न सिर्फ सूरत के हुनर को दिखाता है, बल्कि भारतीय कला और तकनीक की भी खास मिसाल पेश करता है। इस हीरे की फोटोज और वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। बता दें कि, इससे पहले भी सूरत की इसी कंपनी ने अमेरिका की प्रथम महिला को एक लैबग्रोन डायमंड गिफ्ट में दिया था, जिसे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें सौंपा था।

 

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