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प्रादेशिक

त्रिपुराः बीजेपी के दो विधायकों ने पार्टी से इस्तीफा, कांग्रेस में हुए शामिल

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नई दिल्ली। त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा के असंतुष्ट विधायक सुदीप रॉय बर्मन और आशीष कुमार साहा, (जिन्होंने सोमवार को विधानसभा और पार्टी से इस्तीफा दे दिया) मंगलवार को नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल हो गए। त्रिपुरा, नागालैंड और सिक्किम के लिए एआईसीसी प्रभारी, अजय कुमार ने अपने ट्वीट में कहा कि रॉय बर्मन और साहा पार्टी नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए।

त्रिपुरा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गोपाल रॉय और अजय कुमार सहित अन्य नेता भी दिल्ली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी के आवास पर कांग्रेस में शामिल हुए।

साहा और रॉय बर्मन दोनों ने आईएएनएस से फोन पर अलग-अलग बात करते हुए दावा किया कि मार्च के बाद भाजपा के पांच से अधिक विधायक कांग्रेस में शामिल होंगे। साहा, (एक पूर्व मंत्री) ने कहा, जो भाजपा विधायक शामिल होने का इरादा रखते हैं, उन्हें कांग्रेस में शामिल होने से पहले कुछ संगठनात्मक और तकनीकी मामलों को पूरा करना होगा। भाजपा विधायकों के अलावा, बड़ी संख्या में भगवा पार्टी के नेता और कार्यकर्ता भी कांग्रेस में शामिल होंगे, क्योंकि सभी का पार्टी (बीजेपी) से मोहभंग हो गया है।

पूर्व मंत्री रॉय बर्मन और साहा ने दिल्ली रवाना होने से पहले अगरतला में मीडिया से कहा था कि उन्होंने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष माणिक साहा को भी अपना इस्तीफा भेज दिया है। रॉय बर्मन ने कहा, देब के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार देने में पूरी तरह विफल रही। राज्य में एक निरंकुश शासन चल रहा है। लोग गंभीर संकट में हैं। हम लोगों के लिए काम करना चाहते हैं, लेकिन बीजेपी के सत्ता में रहते हुए ऐसा करने में असमर्थ हैं। रॉय बर्मन और साहा 2017 बीजेपी में शामिल हुए थे।

इससे पहले, भाजपा विधायक आशीष दास ने भगवा पार्टी और मुख्यमंत्री सहित उनके नेतृत्व की खुले तौर पर आलोचना करने के बाद, 31 अक्टूबर, 2021 को टीएमसी में शामिल हो गए, जिसके बाद उन्हें 5 जनवरी (इस साल) को स्पीकर रतन चक्रवर्ती द्वारा त्रिपुरा विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया।

भाजपा के दो अन्य विधायक दीबा चंद्र हरंगखाल और बरबा मोहन त्रिपुरा भी सोमवार को रॉय बर्मन और साहा के साथ दिल्ली गए थे, लेकिन उनके राजनीतिक पदों की अभी तक आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। दूसरी ओर, भाजपा ने रॉय बर्मन और साहा के इस्तीफे को कमतर आंकते हुए कहा कि उनके विधानसभा सदस्यता छोड़ने से राज्य में कोई संवैधानिक संकट पैदा नहीं होगा।

प्रदेश भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्जी ने कहा कि उम्मीद की जा रही थी कि रॉय बर्मन और साहा भाजपा छोड़ देंगे। भट्टाचार्जी ने मीडिया से कहा, वे खुले तौर पर मुख्यमंत्री और पार्टी के अन्य नेताओं की आलोचना करते रहे हैं। विधानसभा और पार्टी से उनके इस्तीफे का भाजपा के लिए कोई महत्व नहीं है।

रॉय बर्मन, साहा और तीन अन्य भाजपा विधायकों – आशीष दास, दीबा चंद्र हरंगखाल और बरबा मोहन त्रिपुरा – ने पिछले साल अगस्त में अगरतला में एक बड़ी सभा की, जिसमें कई स्थानीय भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और अन्य केंद्रीय नेताओं और मंत्रियों और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा से भी मुलाकात की और उन्हें त्रिपुरा में कुशासन और मुख्यमंत्री की सत्तावादी कार्यशैली से अवगत कराया।

पार्टी में विद्रोह को रोकने और शासन को सही करने के लिए, भाजपा के उत्तर पूर्व क्षेत्रीय सचिव (संगठन), अजय जामवाल के नेतृत्व में कई केंद्रीय पार्टी नेताओं ने कई बार राज्य का दौरा किया था। केंद्रीय पार्टी के नेताओं की उपस्थिति में, भाजपा-आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) गठबंधन के मार्च 2018 में कार्यभार संभालने के बाद तीन भाजपा विधायक – राम प्रसाद पॉल, सुशांत चौधरी, भगवान चंद्र दास – को पिछले साल 31 अगस्त को त्रिपुरा कैबिनेट में शामिल किया गया था।

सत्तारूढ़ भाजपा में खुला असंतोष और आंतरिक विवाद तब शुरू हुआ जब रॉय बर्मन, (जो स्वास्थ्य और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग संभाल रहे थे) को मई 2019 में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के साथ मतभेदों के बाद बर्खास्त कर दिया गया था।

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उत्तर प्रदेश

हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान

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लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।

हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।

संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।

अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।

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