Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तर प्रदेश

उप्र बजट सत्र: सीएम योगी ने कहा- उत्तम समय कभी नहीं आता, उत्तम बनाना होता है

Published

on

Loading

लखनऊ। उप्र विधानमंडल के बजट सत्र का आज मंगलवार को आठवां और अंतिम दिन था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बजट पर अपना बात रखी। सीएम योगी आदित्यनाथ के संबोधन के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पास को करने की कार्यवाही सम्पन्न हो गई।

इस दौरान विपक्ष की ओर से बजट में कटौती का प्रस्ताव लाया गया। विपक्ष विभिन्न मदों को अनावश्यक बताकर शून्य करने की मांग कर रहा था। बजट सत्र के आज आखिरी नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा को संबोधित किया। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन को संबोधित किया था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के बजट पर भाषण को बहका हुआ भी बताया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं आभारी हूं कि 26 मई को माननीय वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के प्रस्तुत बजट पर नेता प्रतिपक्ष सहित 124 सदस्यों ने अपने अमूल्य विचारों को रखा है।

सत्ता पक्ष के 77 और विपक्ष के 49 सदस्यों ने अपने विचार रखे। अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने के सम्बंध में चर्चा की और सुझाव दिए।

उन्होंने कहा कि कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर चर्चा हो रही है। इससे सदन की गरिमा बढ़ी है और इससे आमजन के मन मे सदन के प्रति विश्वास बढ़ेगा। सभी सदस्यों के प्रति आभार। हमारा प्रयास होगा को सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में कभी कभी फिसल भी जा रहे थे। वो ऐसे मुद्दे पर आ गए जिनका बजट से कोई वास्ता नहीं था। इस पर मुझे दुष्यंत कुमार का शेर याद आता है

कैसे कैसे मंजर नजर आने लगे हैं।

गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं।।

बजट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का भाषण बजट से इतर था। बजट पर भाषण होता तो और बेहतर होता। मेरा तो मानना है कि सदन में बातें ऐसी रखें जो मार्गदर्शन के काम आएं। हम जो बोलते हैं, वो नष्ट नहीं होता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शब्द ब्रम्ह है। सदन में कहा गया हर एक शब्द यहां भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शिका के रूप में होगा। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष बता रहे थे कि वो एक स्कूल में गए तो बच्चे से उन्हें अपने बारे में पूछा।

बच्चे ने उन्हें राहुल गांधी के रूप में पहचाना। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। भोले भाले होते हैं। जो कहा होगा सोच कर कहा होगा। वैसे भी दोनों में कोई बड़ा अंतर नहीं है। अंतर यही है कि वो देश के बाहर देश की बुराई करते हैं आप प्रदेश के बाहर उत्तर प्रदेश की बुराई करते हैं।

इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने समाजवाद के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों को स्वीकार किया है यह अच्छा है। हमारी योजनाओ का आधार पंडित दीनदयाल जी के ‘अंत्योदय’ विचार हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मैं अन्नदाता किसानों को पीएम किसान योजना अंतर्गत 11वीं किस्त भेजने के एक कार्यक्रम में था। उप्र के 2.55 करोड़ किसान पीएम किसान योजना से लाभान्वित हुए हैं।

उन्होंने कहा कि आप समस्या के बारे में सोचते हैं, हम समाधान के बारे में सोचते हैं। फर्क साफ है। उत्तम समय कभी नहीं आता। समय को उत्तम बनाना होता है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में यही अंतर है। किसी भी परिस्थिति में हमको काम करना पड़ेगा। जनता के प्रति हमारी जवाबदेही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उप्र सरकार का प्रयास शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का जारी है। यह आयोजन कार्य पद्धति की जांच के लिए है। सरकार प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए काम कर रही है।

उन्होंने कहा प्रदेश में 2014 के बाद से जनता को सरकार की योजनाओं का असली लाभ मिल रहा है। हमने जो पिछला बजट हमने पेश किया था इस बार हमने बजट का आकार बढ़ाया है।

इस बार हमने छह लाख 15 हजार करोड़ का बजट पेश किया है। यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता को समर्पित है। प्रदेश में बैंकों का व्यवसाय बढ़ा है। प्रदेश की जनता को पांच लाख बीस हजार करोड़ का लोन तिरित किया गया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास का हर काम हो रहा है। बैंकिंग कोररेस्पोंडेंट सखी बैंक को लेकर घर घर तक लेकर पहुंची है।

उत्तर प्रदेश

टीबी नोटिफिकेशन में इस साल भी सबसे आगे योगी सरकार, लक्ष्य के करीब पहुंचा उत्तर प्रदेश

Published

on

By

Loading

लखनऊ | योगी सरकार ने ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) के मरीजों की पहचान कर इलाज करने में एक बार फिर बड़ी सफलता हासिल की है। योगी सरकार ने पिछले वर्ष की तरह इस वित्तीय वर्ष में भी उत्तर प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चलने का कीर्तिमान दर्ज किया है। योगी सरकार को इस साल 6.5 लाख मरीजों के चिन्हिकरण का लक्ष्य मिला था। अक्तूबर माह की समाप्ति तक लक्ष्य के सापेक्ष 86 प्रतिशत मरीजों की पहचान कर देश में पहले स्थान पर है जबकि दूसरे स्थान पर महराष्ट्र है, जहां पर 1,85,765 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया। इसी तरह बिहार तीसरे स्थान पर है, जहां 1,67,161 मरीजों का नोटिफिकेशन किया गया है। यानी इस साल भी बीते साल की तरह प्रदेश लक्ष्य से ऊपर टीबी नोटिफिकेशन कर लेगा।

लखनऊ, गोरखपुर में सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों को नोटिफिकेशन रहा बराबर

विशेषज्ञों का मानना है कि देश-प्रदेश से टीबी उन्मूलन का एक ही तरीका है कि ज्यादा से ज्यादा मरीजों का चिन्हिकरण व इलाज किया जाए। इसी के मद्देनजर केंद्रीय टीबी डिवीजन ने सभी प्रदेशों को साल की शुरुआत में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य तय किया था। उत्तर प्रदेश को 6.5 लाख मरीज खोजने का लक्ष्य दिया गया था। बीते साल यह 5.5 लाख का था। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक 31 अक्तूबर तक प्रदेश में पांच लाख 59 हजार टीबी मरीजों की पहचान की जा चुकी है। इसमें प्राइवेट डाॅक्टरों की भूमिका भी सराहनीय रही है। दो लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान यानी तकरीबन 40 प्रतिशत मरीज प्राइवेट डाॅक्टरों के माध्यम से पंजीकृत हुए हैं। आगरा, मथुरा, झांसी, कानपुर, मेरठ व मुरादाबाद में तो प्राइवेट डाक्टरों ने सरकारी डाॅक्टरों से भी ज्यादा बेहतर प्रदर्शन किया है। लखनऊ, गोरखपुर व बरेली में सरकारी व प्राइवेट नोटिफिकेशन बराबर का रहा है।

बीते साल भी प्रदेश ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत किया था टीबी नोटिफिकेशन

राज्य टीबी अधिकारी डॉ. शैलेंद्र भटनागर ने बताया कि सीएम योगी मंशा के अनुरुप वर्ष 2025 तक प्रदेश को टीबी मुक्त करने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसी का नजीजा है कि इस वर्ष भी प्रदेश टीबी नोटिफिकेशन में अन्य प्रदेशों की तुलना में आगे चल रहा है। काबिले गौर है कि केंद्र द्वारा दिए गए इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग द्वारा तरह-तरह के प्रयास किए गए हैं। इनमें हर माह की 15 तारीख को एकीकृत निक्षय दिवस, एक्टिव केस फाइंडिंग (एसीएफ) अभियान व दस्तक अभियान का बार-बार चलाया जाना प्रमुख है। यही कारण है कि बीते साल भी प्रदेश ने लक्ष्य के सापेक्ष 115 प्रतिशत टीबी नोटिफिकेशन किया था। वर्ष 2023 में टीबी नोटिफिकेशन का लक्ष्य 5.5 लाख था जिसके सापेक्ष प्रदेश ने 6.33 लाख मरीज खोजे थे।

यहां प्राइवेट नोटिफिकेशन बढ़ने की जरूरत

टीबी उन्मूलन के लिए प्रदेश में ज्यादातर जनपदों में प्राइवेट डाक्टर सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं लेकिन कुछ जनपद ऐसे भी हैं जहां प्राइवेट नोटिफिकेशन बहुत कम हो रहा है। जैसे श्रावस्ती में इस साल सिर्फ 38 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इसके अलावा महोबा में सिर्फ 215, संतरवीदास नगर में 271, हमीरपुर में 277, कन्नौज में 293, सोनभद्र में 297, चित्रकूट में 312, सुलतानपुर में 370, अमेठी में 392 और कानपुर देहात में सिर्फ 395 प्राइवेट नोटिफिकेशन हुए हैं। इन जनपदों में प्राइवेट डाक्टरों की प्रतिभागिता बढ़े जाने की जरूरत है।

Continue Reading

Trending