उत्तर प्रदेश
उप्र बजट सत्र: सीएम योगी ने कहा- उत्तम समय कभी नहीं आता, उत्तम बनाना होता है
लखनऊ। उप्र विधानमंडल के बजट सत्र का आज मंगलवार को आठवां और अंतिम दिन था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज बजट पर अपना बात रखी। सीएम योगी आदित्यनाथ के संबोधन के बाद वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट पास को करने की कार्यवाही सम्पन्न हो गई।
इस दौरान विपक्ष की ओर से बजट में कटौती का प्रस्ताव लाया गया। विपक्ष विभिन्न मदों को अनावश्यक बताकर शून्य करने की मांग कर रहा था। बजट सत्र के आज आखिरी नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विधानसभा को संबोधित किया। सोमवार को नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सदन को संबोधित किया था। मुख्यमंत्री ने इस दौरान नेता प्रतिपक्ष के बजट पर भाषण को बहका हुआ भी बताया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मैं आभारी हूं कि 26 मई को माननीय वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के प्रस्तुत बजट पर नेता प्रतिपक्ष सहित 124 सदस्यों ने अपने अमूल्य विचारों को रखा है।
सत्ता पक्ष के 77 और विपक्ष के 49 सदस्यों ने अपने विचार रखे। अपने महत्वपूर्ण सुझावों के माध्यम से प्रदेश के विकास के लिए मिलकर काम करने के सम्बंध में चर्चा की और सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि कई वर्षों के बाद सदन में इतनी गंभीर चर्चा हो रही है। इससे सदन की गरिमा बढ़ी है और इससे आमजन के मन मे सदन के प्रति विश्वास बढ़ेगा। सभी सदस्यों के प्रति आभार। हमारा प्रयास होगा को सदस्यों की भावनाओं के अनुरूप नीतियों को लागू किया जाए।
मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव पर निशाना साधा और कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपने भाषण में कभी कभी फिसल भी जा रहे थे। वो ऐसे मुद्दे पर आ गए जिनका बजट से कोई वास्ता नहीं था। इस पर मुझे दुष्यंत कुमार का शेर याद आता है
कैसे कैसे मंजर नजर आने लगे हैं।
गाते-गाते लोग चिल्लाने लगे हैं।।
बजट पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष का भाषण बजट से इतर था। बजट पर भाषण होता तो और बेहतर होता। मेरा तो मानना है कि सदन में बातें ऐसी रखें जो मार्गदर्शन के काम आएं। हम जो बोलते हैं, वो नष्ट नहीं होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शब्द ब्रम्ह है। सदन में कहा गया हर एक शब्द यहां भावी पीढ़ी के लिए मार्गदर्शिका के रूप में होगा। हमें इसका ध्यान रखना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष बता रहे थे कि वो एक स्कूल में गए तो बच्चे से उन्हें अपने बारे में पूछा।
बच्चे ने उन्हें राहुल गांधी के रूप में पहचाना। बच्चे मन के सच्चे होते हैं। भोले भाले होते हैं। जो कहा होगा सोच कर कहा होगा। वैसे भी दोनों में कोई बड़ा अंतर नहीं है। अंतर यही है कि वो देश के बाहर देश की बुराई करते हैं आप प्रदेश के बाहर उत्तर प्रदेश की बुराई करते हैं।
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष ने समाजवाद के बहाने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों को स्वीकार किया है यह अच्छा है। हमारी योजनाओ का आधार पंडित दीनदयाल जी के ‘अंत्योदय’ विचार हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी मैं अन्नदाता किसानों को पीएम किसान योजना अंतर्गत 11वीं किस्त भेजने के एक कार्यक्रम में था। उप्र के 2.55 करोड़ किसान पीएम किसान योजना से लाभान्वित हुए हैं।
उन्होंने कहा कि आप समस्या के बारे में सोचते हैं, हम समाधान के बारे में सोचते हैं। फर्क साफ है। उत्तम समय कभी नहीं आता। समय को उत्तम बनाना होता है। समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी में यही अंतर है। किसी भी परिस्थिति में हमको काम करना पड़ेगा। जनता के प्रति हमारी जवाबदेही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उप्र सरकार का प्रयास शासन की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का जारी है। यह आयोजन कार्य पद्धति की जांच के लिए है। सरकार प्रदेश की जनता के कल्याण के लिए काम कर रही है।
उन्होंने कहा प्रदेश में 2014 के बाद से जनता को सरकार की योजनाओं का असली लाभ मिल रहा है। हमने जो पिछला बजट हमने पेश किया था इस बार हमने बजट का आकार बढ़ाया है।
इस बार हमने छह लाख 15 हजार करोड़ का बजट पेश किया है। यह बजट प्रदेश की 25 करोड़ जनता को समर्पित है। प्रदेश में बैंकों का व्यवसाय बढ़ा है। प्रदेश की जनता को पांच लाख बीस हजार करोड़ का लोन तिरित किया गया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में प्रदेश में बिना भेदभाव के विकास का हर काम हो रहा है। बैंकिंग कोररेस्पोंडेंट सखी बैंक को लेकर घर घर तक लेकर पहुंची है।
उत्तर प्रदेश
प्रयागराज महाकुम्भ में आस्था और आधुनिकता का अनोखा संगम, पहली बार आगंतुक ले सकेंगे डोम सिटी का आनंद
महाकुम्भ नगर से त्रिवेणी के तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ को दिव्य भव्य और नव्य स्वरूप प्रदान करने का योगी सरकार का संकल्प है। इसे मूर्त रूप देने के लिए पर्यटन विभाग भी निजी संस्थाओं के साथ मिलकर नए प्रतिमान बना रहा है। महाकुम्भ नगर के अरैल क्षेत्र में तैयार हो रही डोम सिटी इसी की एक झलक देता है।
आस्था और आधुनिकता का अद्भुत मेल
संगम की रेती पर महाकुम्भ की शुरुआत के पूर्व ही आस्था और अध्यात्म की दुनिया आकार लेने लगी है। इस आयोजन के साक्षी बनने जा रहे करोड़ों पर्यटकों और श्रद्धालुओं के लिए कुम्भ क्षेत्र आधुनिकता का एक ऐसा भव्य शहर तैयार हो रहा है जिसे देखकर हर किसी की आँखें चौंधिया जाए। आधुनिकता, भव्यता और अध्यात्म का यह अद्भुत मेल है डोम सिटी जिसे पर्यटन विभाग के सहयोग से एक निजी कंपनी ईवो लाइफ स्पेस प्रा. लि. तैयार कर रही है। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पर्यटन के नए कीर्तिमान स्थापित किए है। इसी श्रृंखला में उनकी यह कल्पना त्रिवेणी की रेत पर साकार हो रही है जिसके लिए पर्यटन विभाग की तरफ से सवा तीन हेक्टेयर जमीन उन्हें मिली है जिसमें देश की पहली डोम सिटी तैयार हो रही है।
महाकुम्भ में हिल स्टेशन का फील कराएगी डोम सिटी
यह पहला मौका होगा जब महाकुंभ में किसी स्थान पर स्टे करने के समय पर्यटक या श्रद्धालु किसी हिल स्टेशन की अनुभूति का अहसास कर सकेंगे। इस अनुभव का साक्षी बनने के लिए 51 करोड़ की लागत से तैयार हो रही है डोम सिटी। डोम सिटी बना रही ईवो लाइफ के डायरेक्टर अमित जौहरी के मुताबिक 15 से 18 फीट की ऊंचाई पर डोम सिटी बनाई जा रही है, जिसमें 32×32 के कुल 44 डोम बन रहे हैं। इसमें 360 डिग्री पोली कार्बन शीट के डोम हैं। ये पूरी तरह बुलेट प्रूफ और फायर प्रूफ हैं। पर्यटक इसमें अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ 24 घंटे रहकर कुम्भ का नजारा देख सकते हैं। इसका अनुभव किसी हिल स्टेशन से महाकुम्भ का अवलोकन करने जैसा है।
डोम के साथ लग्जरी कॉटेज का भी मिलेगा लुत्फ
इस पूरी डोम सिटी में 176 कॉटेज भी बनाए जा रहे हैं जहां ठहरने की सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद रहेंगी। 16×16 की हर एक कॉटेज में एसी, गीजर और सात्विक आहार की व्यवस्था होगी। कॉटेज का किराया स्नान पर्व के दिन 81 हजार और सामान्य दिनों में 41 हजार होगा। इसी तरह डोम का किराया स्नान पर्व के दिन 1लाख 10 हजार और सामान्य दिनों के लिए 81 हजार रखा गया है। डोम की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो चुकी है। कॉटेज के वातावरण को आध्यात्मिक बनाने के लिए यहां धार्मिक एवं सांस्कृतिक आयोजन की प्रस्तुतियों की भी व्यवस्था होगी। नव्यता का यह प्रयास महाकुम्भ में भी अंतर्राष्ट्रीय स्तर की पर्यटन की सुविधाओं का एक कीर्तिमान बनाने की तरफ ले जाएगी। कंपनी के निदेशक अमित जौहरी का कहना कि 23 दिसंबर को महाकुम्भ की तैयारियों का निरीक्षण करने आ रहे यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ टेंट सिटी के निरीक्षण के समय डोम सिटी का भी निरीक्षण कर सकते हैं।
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