प्रादेशिक
मुख्यमंत्री आवास पर मनाया गया “साहिबजादा दिवस”, गुरुबानी से आलोकित हुआ सीएम आवास
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देश, धर्म, और संस्कृति के लिए सर्वस्व अर्पित करने वाले सिख पंथ को नए भारत के लिए महान प्रेरणा कहा है। पवित्र साहिबजादा दिवस के अवसर पर अनेक ऐतिहासिक प्रसंगों के हवाले से सीएम ने कहा कि भारत को इस्लाम में बदलने की मंशा से जो भी आतताई आए थे, आज उनका नाम-ओ-निशान मिट गया है। यह सिख गुरुओं की दिव्य परंपरा ही थी, जिसने विदेशी आतताइयों की सनातन धर्म विरोधी मंशा को कभी सफल नहीं होने दिया। सीएम ने कहा कि गुरुनानक देव से गुरु गोबिंद सिंह तक सिख गुरु परंपरा भक्ति से शक्ति तक की अद्भुत परंपरा है। यह दिव्य परंपरा हिंदुस्तान को बचाने आई थी।
सोमवार को लखनऊ में 05 कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास में गुरु गोविंद सिंह के चार पुत्रों एवं माता गुजरी देवी की शहादत को समर्पित ‘साहिबजादा दिवस’ का आयोजन किया गया था। विशेष अवसर पर मुख्यमंत्री ने बलिदानी साहिबजादों के वेश में सज्जित बच्चों का अभिनन्दन भी किया तो संगत के साथ गुरुबानी भी सुनी। इस मौके पर संगत को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने बाबर से लेकर औरंगजेब शासनकाल की अनेक ऐतिहासिक घटनाओं का उदाहरण रखते हुए कहा कि जब बाबर के हमले भारत में हो रहे थे, आतताइयों ने पूरे हिंदुस्तान को इस्लाम में बदलने और भारत को गुलाम बनाने की कोशिश की, लेकिन उनकी मंशा को सिख गुरुओं ने पूरा नहीं होने दिया। कौन नहीं जानता कि जब औरंगजेब के सिपहसालार ने गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों को लालच देकर धर्म परिवर्तन कराने का प्रयास किया था, लेकिन साहिबजादों ने दीवार में चुनना पसंद किया, धर्म व देश की रक्षा के लिए बलिदान होना स्वीकार किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-दुनिया में सिख पंथ अपने पुरुषार्थ के लिए जाना जाता है। कश्मीर से कश्मीरी हिन्दुओं व कश्मीरी पंडितों को भगाने वाले कौन थे, यह सर्वविदित है। गुलाम देश में कश्मीरी पंडितों की रक्षा करने वाले गुरु तेग बहादुर जी महाराज थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश का इतिहास साक्षी है कि एक तरफ औरंगजेब श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का मंदिर तोड़ता है तो दूसरी तरफ महाराजा रणजीत सिंह विश्वनाथ मंदिर को स्वर्ण मंडित करते हैं। उन्होंने कहा कि अपने इतिहास को विस्मृत करके कोई भी अपने उज्जवल भविष्य को आगे नहीं बढ़ा सकता। इसीलिए हमें यह तय करना होगा कि हमें औरंगजेब का सम्मान करना है या महाराजा रणजीत सिंह जी का।
गुरुद्वारे तक सीमित न रहकर हर हिन्दू घर में हों सिख परंपरा के आयोजन: योगी
दशम गुरु गोबिंद सिंह जी की वाणी “सकल जगत में खालसा पंथ गाजे। जगे धर्म हिंदू सकल भंड भाजे।।” का उद्घोष करते हुए मुख्यमंत्री ने गुरु गोबिंद सिंह के चारों पुत्रों की शहादत को नमन किया। उन्होंने कहा कि यह सौभाग्य का अवसर है कि देश व धर्म के लिए अपना बलिदान देने वाले गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज के उन चार साहिबजादों की शहादत में आज ‘साहिबजादा दिवस’ पर हम लोग मुख्यमंत्री आवास में गुरुबानी कीर्तन करके यहां उनकी स्मृति को नमन कर रहे हैं। गुरुनानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर मुख्यमंत्री आवास में आयोजित अविस्मरणीय कार्यक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु परंपरा के ऐसे कार्यक्रम सिर्फ गुरुद्वारे तक सीमित न रहकर हर हिन्दू घर में होने चाहिए। हर भारतीय के घर में होने चाहिए। सिख समाज के अनेक गणमान्य जनों की उपस्थिति में मुख्यमंत्री ने प्रदेश में ऐतिहासिक महत्व के गुरुद्वारों के जीर्णोद्धार और गुरु परंपरा पर केंद्रित संग्रहालय की स्थापना के लिए प्रयास की भी बात कही।
गुरुद्वारे में माथा टेका, आशीर्वाद में मिली जीत: दिनेश शर्मा
साहिबजादा दिवस पर आयोजित विशिष्ट कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने भावुक स्वर पर गुरु परंपरा के प्रति श्रद्धा अर्पित किए। उन्होंने बताया कि जब मेरा पहला चुनाव था और मैं बहुत हताश और परेशान था, क्योंकि मैंने चुनाव में पैसा नहीं खर्च नहीं किया था और विपक्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रहा था। लेकिन चुनाव से पहले मैं गुरुद्वारे पहुंचा और माथा टेका, जिससे मुझे नई ऊर्जा मिली और चुनाव भी जीता। कार्यक्रम में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने सिख गुरु परंपरा के प्रति गहरी श्रद्धा की चर्चा की तो प्रदेश सरकार में मंत्री बलदेव सिंह औलख ने मुख्यमंत्री आवास पर सिख परंपरा के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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