Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

सपा के कार्यकाल में गुंडे व्‍यपारियों और नागरिकों की करते थे अपहरण व हत्‍याः सीएम योगी

Published

on

Safe and Clean Chhath

Loading

लखनऊ। मैं कासगंज के पवित्र धाम पर पीएम नरेन्‍द्र मोदी जी का स्‍वागत करता हूं। यूपी में पहले चरण में डबल इंजन की सरकार के समर्थन में प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर जनता ने सुशासन और राष्‍ट्रवाद के लिए वोट दिया है। ये नए भारत का नया उत्‍तर प्रदेश है। ये बातें मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने शुक्रवार को कासगंज में आयोजित जनसभा में कहीं। उन्‍होंने कहा कि उत्‍तर प्रदेश आज रोज नई ऊंचाइयों को हासिल कर रहा है। डबल इंजन की सरकार में उत्‍तर प्रदेश में विकास कार्य तेजी से हुआ वहीं सुरक्षा का बेहतर माहौल स्‍थापित किया गया।

सीएम ने कहा कि पिछली सरकार में ये कासगंज, बदायूं, हाथरस, एटा में सपा सरकार के गुंडे व्‍यपारियों और नागरिकों का अपहरण कर उन निर्दोषों की हत्‍या कर देते थे पर 2017 के बाद बीजेपी की सरकार में आज इस क्षेत्र में अपराधिक आग को बुझाने के लिए अपराधी फायर टेंडर की स्‍थापना हुई।

आज विकास के साथ साथ प्रदेश में आस्‍था का सम्‍मान भी हुआ है। डबल इंजन की सरकार में सोरों तीर्थ स्‍थल के रूप में विकास कार्य तेजी से किया गया इतना ही नहीं मथुरा, वृदांवन, गोकुल, नंदगांव, अयोध्‍या और काशाी में विकास कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया। प्रदेश के 2022 के विधानसभा चुनावों में आज जब बीजेपी समर्थन की अपील कर रही है तो हम ये बताना चाहेंगे कि जो कहा था वो डबल इंजन की सरकार ने करके दिखाया है।

अयोध्‍या में लता जी के नाम पर होगा एक चौराहा-सीएम योगी

सीएम योगी आदित्‍यनाथ ने कहा कि यूपी में बीजेपी की सरकार बनने पर स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेशकर के नाम पर स्वर कोकिला लता मंगेशकर परफॉर्मिंग ऑट्स अकादमी की स्थापना की जाएगी। जिसके तहत लोक नृत्य, संगीत और रंगमच को प्रोत्साहन दिया जाएगा। उन्‍होंने कहा कि मुझे बेहद खुशी हो रही है कि सरकार बनने के बाद अयोध्‍या के एक चौराहे के नाम स्वर कोकिला लता मंगेशकर पर रखा जाएगा।

Continue Reading

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

Published

on

Loading

महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

Continue Reading

Trending