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प्रादेशिक

कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाना बहुत जरूरी हैः सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यंमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोक भवन, लखनऊ में कोविड-19 के संबंध में गठित समितियों के अध्यक्षों के साथ बैठक की। बैठक में मुख्यमंत्री योगी ने कोविड-19 की रोकथाम हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में कोविड वैक्सीनेशन की संख्या 08 करोड़ 08 लाख से अधिक हो गई है।

यह किसी एक राज्य में हुआ सर्वाधिक टीकाकरण है। मुख्यमंत्री योगी को अवगत कराया गया कि केन्द्र सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुरूप 45 फीसदी प्रदेशवासियों ने टीके की पहली खुराक प्राप्त कर ली है। विगत दिवस प्रदेश ने दो नए रिकॉर्ड बनाए हैं। बीते 24 घंटे में 33,42,360 लोगों ने टीकाकवर प्राप्त किया है।

मुख्यमंत्री योगी को अवगत कराया गया कि आज प्रदेश के 28 जनपदों में कोविड का एक भी मरीज शेष नहीं है। औसतन प्रतिदिन ढाई लाख से अधिक टेस्ट हो रहे हैं, जबकि पॉजिटिविटी दर 0.01 से भी कम हो गई है और रिकवरी दर 98.7 फीसदी है। कोविड की नियंत्रित स्थिति को देखते हुए रात्रिकालीन कर्फ्यू रात्रि 11 बजे से प्रातः 06 बजे तक प्रभावी किया जाए।

11 बजे तक सभी दुकानें/बाजार बंद हो जाएं। लोग अनावश्यक सड़कों पर न घूमें। कोविड प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाना बहुत जरूरी है। इसी अवधि में 20 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए हैं। प्रदेश में अब तक 16 लाख 86 हजार 389 प्रदेशवासी कोरोना संक्रमण से मुक्त होकर स्वस्थ हो चुके हैं।

उन्होंने कहा कि यूपी सरकार सभी 75 जिलों में न्यूनतम एक-एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना के लिए संकल्पित है। सतत नियोजित प्रयासों से प्रदेश के 59 जनपदों में न्यूनतम एक मेडिकल कॉलेज क्रियाशील हो रहे हैं। शेष 16 जनपदों के लिए PPP मॉडल पर मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाएंगे।

उन्होंने कहा कि टोक्यो पैरालम्पिक में उत्तर प्रदेश की खेल प्रतिभाओं ने शानदार प्रदर्शन कर देश को गौरवान्वित किया है। यह उपलब्धि विशिष्ट है। उत्तर प्रदेश के पदक विजेताओं के साथ-साथ सभी प्रतिभागियों का सार्वजनिक अभिनंदन किया जाना चाहिए।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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