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प्रादेशिक

सपा का प्रचार कर रहा आतंकवादी का परिवार : मुख्यमंत्री योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला गोमती नदी के उद्गम स्थल और यहां बनी बांसुरी के लिए दुनिया भर में विख्यात है। शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीलीभीत की पूरनपुर और बीसलपुर विधानसभा क्षेत्र में आयोजित चुनावी जनसभाओं को संबोधित किया।

अपनी दोनों ही जनसभाओं में मुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी (सपा) पर प्रहार किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भी समाजवादी पार्टी (सपा) का हाथ आतंकवादियों के साथ है। इस पार्टी का प्रचार एक आतंकी का परिवार भी कर रहा है। बहुजन समाज पार्टी (सपा), कांग्रेस और सपा के नेता कोरोना काल खंड में जनता का हालचाल जानने में रुचि नहीं ली।

इस पार्टियों ने कोरोना से जान बचाने वाले वैक्सीन को लेकर लोगो को गुमराह करने का प्रयास किया, ऐसा करने वाले अवसरवादी दलों को  मुंहतोड़ जवाब दीजिये। पीलीभीत की जनता से यह अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा जैसे दल यूपी को लूटते थे, जबकि हमारी सरकार जनता का सहारा बनकर उनकी मदद करती है। प्रदेश की खुशहाली के लिए भाजपा जरूरी है। हमारा साथ दें और पीलीभीत की चारों सीटों से भाजपा के प्रत्याशियों का समर्थन करें।

पीलीभीत में आयोजित भाजपा की दोनों जनसभाओं में मुख्यमंत्री को सुनने के लिए बड़ी संख्या में लोग जनसभा में आए। पूरनपुर की अपनी पहली जनसभा में मुख्यमंत्री ने पीलीभीत की पावन भूमि का नमन करते हुए गोमती नदी का जिक्र किया। फिर उन्होंने भाजपा और पूर्व की सपा तथा बसपा सरकारों के कामकाज का फर्क विस्तार से बताया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पांच साल पहले पूरनपुर की स्थिति क्या थी? पीलीभीत की स्थित क्या थी और उत्तर प्रदेश की स्थिति क्या थी? यह आप लोगों से छुपा हुआ नहीं है। पांच साल पहले अराजकता की गुंडागर्दी थी सत्ता प्रायोजित दंगे थे और सत्ता के संरक्षण में फलफूल रहे इस ताडंव में प्रदेश के अंदर कोई भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नहीं करता था। अन्नदाता किसान आत्महत्या करता था। गरीब भूख से मरता था अपराधी सत्ता पर हावी होकर के थानों का संचालन हिस्ट्रीशीटर करते थे।

नौजवान बेरोजगार था चारों ओर अराजकता का माहौल 2017 से पहले थे। वही पांच साल के अंदर हमारी सरकार ने जो कार्य किये उसका परिणाम है पांच साल में कोई दंगा प्रदेश में नहीं हुआ। आज प्रदेश में कर्फ्यू नहीं लगता। अब व्यापारियों और महिलाओं को कोई परेशान करने की हिम्मत नहीं कर सकता। प्रदेश के अंदर 25 करोड़ नागरिकों को सुरक्षा की गारंटी है। यूपी विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा। पीलीभीत में मेडिकल कॉलेज बन रहा है, दशकों पुराना यह सपना साकार हो रहा है। यहां रामलीला का  शानदार मैदान आपको मिल गया। अगली बार इसका सुंदरीकरण आपको और भी देखने को मिलेगा।

पीलीभीत की अपनी दोनों जनसभाओं में मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के इन कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आप देख सकते हैं, फर्क साफ है 2017 से पहले जो सरकार थी, उसके शासन में अराजकता थी। अपराधियों और आतंकवादियों के मुकदमे वापस होते थे। यह कहते हुए मुख्यमंत्री कहा कि अहमदाबाद के एक न्यायालय में 38 आतंकवादियों को सजा दी है, फांसी की सजा दी गई। कुछ को आजीवन कारावास की सजा दी गई। इनमें कुछ आतंकी उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं, उनमें से एक आतंकी का परिवार समाजवादी पार्टी का प्रचार कर रहा है।

यह बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आप अनुमान कर सकते हैं कि सपा वहीं है। सपा का साथ आतंकवादियों के साथ पहले भी था और अभी भी है। जब समाजवादी पार्टी की सरकार बनी थी तो उस सरकार ने पहला काम दर्जन भर आतंकवादियों के मुकदमों को वापस लेने का काम किया था। और अभी भी सपा का प्रचार एक आतंकवादी का परिवार कर रहा है। सपा सरकार पर यह हमला करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एक तरफ आतंकवादी समर्थक समाजवादी पार्टी है और दूसरी तरफ प्रत्येक तब के लिए काम करने वाली भाजपा की सरकार।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ये लोग रामभक्तों पर गोली चलाते थे, हम भगवान राम का भव्य मंदिर बना रहे हैं। यह काम सपा, बसपा और कांग्रेस कर सकती थी क्या? नहीं कर सकती थी, भाजपा की डबल इंजन की सरकार यह कार्य कर रही है। वर्ष 2017 में हमारी सरकार बनी तो हमने पहला काम अन्नदाता किसानों का कर्ज माफ करने का काम किया। पीलीभीत 53 लाख से अधिक किसानों का कर्ज माफ हुआ था।  गरीबों को फ्री में आवास दिए गए, फ्री में राशन दिया जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए फ्री में इलाज, फ्री में टेस्ट और फ्री में वैक्सीन लगाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना से बचाव के लिए लगाई जा रही वैक्सीन कोरोना के खिलाफ देश की लड़ाई का प्रतीक है कोरोना हारेगा भारत जीतेगा। जो लोग कोरोना के समय गुमराह करते थे, आज उनको मुंहतोड़ जवाब दीजिये।

उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”

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प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।

मिले सार्थक परिणाम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।

लोगों को करेंगे जागरूक

कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।

04 श्रेणियों में होगा चयन

1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार

ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड

इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।

इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।

जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।

इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।

साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।

कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही

1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।

2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।

3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।

4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।

5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।

6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।

फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार

उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।

जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।

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