प्रादेशिक
यूपी में चौथे चरण का मतदान जारी, सुबह 9 बजे तक 9.10 फीसदी मतदान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का मतदान जारी है। लखनऊ, सीतापुर, खीरी, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, बांदा, फतेहपुर और पीलीभीत जिले में आज वोटिंग हो रही है। सुबह नौ बजे तक 9.10 मतदान हो गया है।
चुनाव आयोग की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, पीलीभीत में 10.64, खीरी 10.43, सीतापुर 9.59, हरदोई 8.14, उन्नाव 9.26, लखनऊ 8.06, रायबरेली 8.03, बांदा 8.81, फतेहपुर 9.69 प्रतिशत मतदान हुआ है। अभी तक कुल 9.10 प्रतिशत मतदान हो चुका है।
समाजवादी पार्टी ने ट्वीट करते हुए आरोप लगाया कि उन्नाव जिले की मोहान विधानसभा 164 बूथ नंबर 53, 54, 55 पर गांव के प्रधान वोट डालने में मतदाताओं को परेशान कर रहे हैं चुनाव आयोग और जिला प्रशासन कृपया संज्ञान लेकर निष्पक्ष और भयमुक्त चुनाव कराना सुनिश्चित करे। वहीं, लखनऊ जिले की लखनऊ मध्य विधानसभा 174 के बूथ संख्या 53 पर मतदान बाधित हुआ है।
सपा ने ट्वीट कर कहा कि पीलीभीत जिले के 129 पूरनपुर विधानसभा के बूथ नंबर 311 पर लाइट की व्यवस्था नहीं होने से ईवीएम मशीन पर कुछ भी नहीं दिख रहा है। चुनाव आयोग तत्काल संज्ञान ले। लाइट की व्यवस्था कर सुचारू मतदान सुनिश्चित करे। वहीं, लखनऊ जिले की मलिहाबाद विधानसभा 168 के बूथ नंबर 192 पर ईवीएम खराब होने से मतदान बाधित है। चुनाव आयोग संज्ञान लेकर शीघ्र कार्रवाई कर निष्पक्ष एवं सुचारु मतदान सुनिश्चित करे।
यूपी के अपर मुख्यम गृहसचिव अवनीश अवस्थी ने बताया कि तीन चरणों में शांति पूर्वक मतदान हुआ है। इस चरण में ऐसे ही मतदान हो रहा है। उन्होंने कहा कि सभी को अपने मताधिकार का प्रयोग होना चाहिए। शुरूआती दौर पर कुछ ईवीएम मशीनों की खराबी की शिकायत मिली थी। जिन्हें ठीक करा लिया गया है। लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए सभी को अपने मतों का प्रयोग करना चाहिए।
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा व उनके परिवार ने लखनऊ के मांटेसरी स्कूल में वोट डाला। इस दौरान सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी पूर्ण बहुमत की ओर अग्रसर है, अबकी बार भी 2007 की तरह पूर्ण बहुमत की सरकार बनना निश्चित हो चुका है।
शिया धर्मगुरू मौलाना सैफ अब्बास नकवी ने एमडी शुक्ला कॉलेज नादान महल रोड पर सुबह नाश्ते से पहले अपना वोट डाला और लोगों से अपील की है कि वो भी घरों से वोट डालने के लिए निकलें।
लखनऊ के लालबाग नगर निगम पर जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश और उनकी पत्नी ने वोट डाला। वहीं, सीतापुर शहर के चौधरी टोला सेकेंड में मतदाताओं की लंबी कतार लगी है। मतदाओं में मतदान को लेकर खासा उत्साह है।
इस चरण में पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा व फतेहपुर में मतदाता सुबह से ही मतदान करने से लिए लाइन में लगे हैं। चौथे चरण में 2.13 करोड़ मतदाता 624 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला करेंगे। इनमें 91 महिला प्रत्याशी हैं। चर्तुथ चरण में योगी आदित्यनाथ सरकार के चार मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है।
लखनऊ पूर्व से नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन व लखनऊ कैंट से कानून मंत्री ब्रजेश पाठक चुनाव लड़ रहे हैं। रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह फतेहपुर की हुसैनगंज व सहयोगी दल अपना दल (सोनेलाल) कोटे से मंत्री जय कुमार सिंह जैकी बिंदकी सीट से अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। प्रवर्तन निदेशालय से नौकरी छोड़कर आए राजेश्वर सिंह की सरोजनी नगर से भाजपा उम्मीदवार के रूप में किस्मत दांव पर लगी है।
उत्तर प्रदेश
संकट में होती है व्यक्ति और संस्थान की पहचान, कोई बिखर तो कोई निखर जाता है: सीएम योगी
लखनऊ | संकट में हर व्यक्ति और संस्थान की पहचान होती है। जब अचानक कोई चुनौती आती है तो लोग बड़े-बड़े दावे करके मैदान छोड़ भाग जाते हैं। यह वह समय होता है, जब कोई बिखर जाता है और जो चुनौतियों का सामना करता है वो निखर जाता है। हमें बिखरना नहीं है। केजीएमयू के गौरव को बढ़ाना है। ध्यान रहे कि कोई भी मरीज निराश न जाए। सीएम ने कहा कि संस्थान नई-नई सेवाओं के साथ आगे बढ़ रहा है। वर्ष 1905 में जब मेडिकल कॉलेज खुलने की बात आई होगी तो उस समय रियासतों ने सहयोग किया होगा। 10 लाख 75 हजार 800 रुपये से मेडिकल कॉलेज शुरू हो गया। वहीं संस्थान आज अपनी शानदार यात्रा के साथ देश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान के रूप में अग्रणी चिकित्सा संस्थान के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। आज केजीएमयू का दायरा लगभग 100 एकड़ के क्षेत्रफल में होने जा रहा है। यह शानदार सफर ऐसे ही आगे बढ़ता रहेगा।
यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहीं। उन्होंने शनिवार को केजीएमयू के 120वें स्थापना दिवस समारोह में 67 मेधावी छात्रों को मेडल और सर्टिफिकेट प्रदान कर सम्मानित किया।
संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शासन ने संस्थान को सब कुछ दिया है। हमारे पास पैसों की कमी नहीं है। हमें सेवाओं को बेहतर बनाने के बारे में सोचना चाहिये। संस्थान को अगले 100 वर्ष का गोल सेट करके आगे बढ़ना होगा, ताकि संस्थान के गौरव को और आगे बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान केजीएमयू में मिसाल पेश की है। सीएम ने कहा कि एक मेडिकल कॉलेज के कुछ डॉक्टरों ने खुद को क्वारंटीन कर लिया था, लेकिन जांच में वह निगेटिव मिले। इस पर उन्हें निलंबित कर दिया गया जबकि केजीएमयू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश सरकार की मंशा के अनुरुप पूरी तत्परता से काम किया। परिणाम हम सभी के सामने हैं। उन्होंने कहा कि यहां मेडिकल की सबसे अधिक सीटें हैं, जहां पर छात्र पढ़ाई करके आने वाले समय में चिकित्सा संस्थान की उपलब्धियों को और भी आगे लेकर जाएंगे। सरकार ने भी संस्थान को आगे बढ़ाने के लिए अत्याधुनिक मशीनों और लैब के लिए 300 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की है। इसके अलावा 377 करोड़ रुपये से सर्जरी डिपार्टमेंट की एक नई बिल्डिंग के लिए स्वीकृत की है। वहीं फायर सिक्योरिटी के लिए लगभग 46 करोड़, लारी कॉर्डियोलॉजी के विस्तार के लिए 70 करोड़ रुपये दिये हैं।
बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है, इसका ध्यान रखें डॉक्टर्स और स्टाफ
सीएम योगी ने संस्थान के चिकित्सकाें को मरीजों की स्क्रीनिंग, वर्चुअल आईसीयू, टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू करने पर विचार करने की अपील की। उन्होंने कहा कि उपचार के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है, इलाज में पैसा समस्या नहीं है। दिनचर्या से आज मरीजों की भीड़ बढ़ रही है। दूसरी बीमारी स्मार्ट फोन बन गई है। इसके लिए मानसिक रोग विभाग का विस्तार किया जाना चाहिये। साथ ही इसे रोकने के लिए जागरुकता फैलानी होगी। सीएम ने कार्डियक सर्जरी, किडनी- आर्गन ट्रांसप्लांट के साथ डोनेशन पर तेजी के साथ विस्तार करने की अपील की। बोले-इसके बारे में लोगों के मन में एक चेतन को जागृत करने की आवश्यकता है। उन्हे बताने की आवश्यकता है कि कोई व्यक्ति अगर ब्रेन डेड हो गया है और उसके अंग अगर किसी दूसरे व्यक्ति की जान को बचा सकते हैं तो डोनेट करने में क्या बुराई है। इसे लेकर केजीएमयू को अवेयरनेस कैंप, विभिन्न कार्यक्रम, होर्डिंग और पंफलेट आदि के जरिये जागरुकता की ओर ध्यान देना चाहिये। सीएम ने कहा कि सेंटर फॉर एक्सीलेंस विभाग का पैसा खर्च नहीं हो पाता है। इस ओर ध्यान देना होगा। सीएम ने कहा कि डॉक्टरों के लिए सबसे बड़ी पूंजी उनकी संवेदना होती है। सबके निरोग होने की कल्पना के साथ डॉक्टर का व्यवहार ठीक होगा तो बाकी स्टाफ का काम और व्यवहार भी ठीक होगा। बीमारी चली जाती है, लेकिन व्यवहार याद रहता है। ऐसे में सेवा और शिक्षा दोनों फील्ड में यह मानक तय करने होंगे।
कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने सीएम योगी को स्मृति चिह्न भेंट किया। इस अवसर पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, निदेशक आईआईटी कानपुर प्राेफेसर मणिंद्र अग्रवाल, केजीएमयू की प्रतिकुलपति प्रो. अपजित कौर, डीन प्रो. अमिता जैन आदि की उपस्थिति रही।
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