Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूपीः पूर्वांचल में 20 लाख परिवारों को पीएनजी कनेक्शन देगी योगी सरकार

Published

on

Loading

लखनऊ। यूपी के लोगों को रसोई गैस का सिलेंडर अब नहीं लाना होगा। सरकार उनके रसोई घर तक पाइप के जरिये गैस पहुंचाने की तैयारी कर रही है। पूर्वाी उत्‍तर प्रदेश के लगभग 20 लाख परिवारों को सरकार पीएनजी कनेक्‍शन देने जा रही है।

इसके लिए पश्चिम बंगाल के हल्दिया से यूपी के जगदीश पुर तक 2050 किलोमीटर लंबी गैस पाइप लाइन बिछाने की योजना है। केंद्र के सहयोग वाली इस योजना पर राज्‍य सरकार ने काम शुरू कर दिया है । पीएनजी कनेक्‍शन मिलने से लोगों को रसोई गैस उठा कर लाने की परेशानी के साथ ही घटतौली की आशंका से भी निजात मिल जाएगी।

पीएनजी कनेक्‍शन किफायती और सुरक्षित भी होगा। केंद्र सरकार की ऊर्जा गंगा योजना के तहत गैस पाइप लाइन की योजना पर काम शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि सीएम योगी ने कुछ रोज पहले ही गोरखपुर में पाइपलाइन से पीएनजी आपूर्ति की शुरुआत की थी।

सीएम ने 101 लोगों के पीएनजी कनेक्‍शन वितरित किए थे। इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि पीएनजी परम्परागत गैस सिलेंडर से सस्ती होगी। इससे करीब 35-40 फीसद की बचत होगी। साथ ही पाइप लाइन से आपूर्ति मिलने से गैस सिलेंडर ढोने की समस्या भी समाप्त होगी।

जितना खर्च होगा, उतना ही बिल आएगा। यानी गैस चोरी की शिकायत भी नहीं रहेगी। कोई भी मौसम हो, रसोई गैस की किल्लत नहीं होगी। सीएम योगी ने कहा कि सीएनजी और पीएनजी के माध्यम से पीएम मोदी की स्वच्छ ईंधन की परिकल्पना साकार हो रही है।

यही नहीं राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के कई महानगरों में भी पाइप के जरिये रसोई गैस की सप्‍लाई शुरू की जा रही है। कुछ शहरों में पीएनजी कनेक्‍शन भी दिए जा चुके हैं।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

Continue Reading

Trending