प्रादेशिक
यूपी के 6 अलग-अलग स्थानों से प्रारंभ हुई है जनविश्वास यात्रा
बलिया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से भारतीय जनता पार्टी की जनविश्वास यात्रा का शुभारंभ कर विशाल जनसभा को संबोधित किया। स्वतंत्रता के लिए मर-मिटने वाले क्रांतिकारी वीर सपूत मंगल पांडे, चित्तू पांडे और रामप्रसाद बिस्मिल के बलिदान को याद करते हुए शिवराज ने कहा कि यह बागी बलिया की धरती है, जिसने ऐसे राष्ट्र भक्तों को जन्म दिया, जिन्होंने अपना सर्वस्व देश के लिए बलिदान कर दिया। हमें देश की आजादी चांदी की तश्तरी में नहीं मिली बल्कि इसके लिए हजारों क्रांतिकारियों ने अपना सर्वस्व न्योछावर किया है, लेकिन कांग्रेस ने भारत की आजादी में योगदान देने वाले वीर सावरकर, सरदार पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, कुंवर सिंह, तात्या टोपे जैसे अनेकों क्रांतिकारियों को भुला दिया, उनके इतिहास को भी ठीक ढंग से नहीं पढ़ाया गया। उन्होंने कहा की मैं प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद देता हूँ जिन्होंने हमारे अमर क्रांतिकारियों का खोया हुआ गौरव वापस दिलाने का काम किया और आजादी का 75 वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में मनाने का निर्णय लिया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि केवल भारतीय जनता पार्टी ही हैं जहां वंशवाद से नहीं बल्कि कार्यकर्ताओं मे से ही नेता खोज लिया जाता है। दीनदयाल जी, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, आडवाणी जी, अटल जी, मोदी जी,योगी जी ये सभी जनता के बीच से निकले हैं। उन्होंने कहा की कांग्रेस हो या समाजवादी पार्टी सिर्फ वंशवाद की पोषक है। कांग्रेस में जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी तो वहीं समाजवादी पार्टी में नेता हुए मुलायम सिंह यादव, अखिलेश यादव, रामगोपाल यादव, धर्मेन्द्र यादव आदि। वर्षों तक इन परिवारों ने देश और प्रदेश पर राज किया उन्होंने कहा कि यदि वंशवाद को पूरी तरह से निर्मूल किसी ने किया है तो भारतीय जनता पार्टी ने किया है, आज एक साधारण कार्यकर्ता भी प्रमुख पदों पर आसीन हो रहा है
योगी सरकार में है कानून का राज
शिवराज ने कहा कि जो उत्तर प्रदेश पिछली सरकारों में गुंडाराज के लिए बदनाम था आज उसी उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी के नेतृत्व में कानून का राज है। भाजपा सरकार के पहले जिन गुंडों का बोलबाला था, आज वो सब जेलों में बंद हैं। यूपी में 700 से ज्यादा दंगे अगर हुए तो सपा की सरकार में हुए, सैंकड़ों लोग अगर मरे तो अखिलेश की सरकार में मरे हैं। योगी जी की सरकार है तो दंगाई कहीं नहीं दिखते, योगी जी ने उन्हें जेल की हवा खिलाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के मार्गदर्शन में और योगी सरकार की कुशलता से उत्तरप्रदेश खुशहाली और शांति की ओर अग्रसर है। हम कल्पना कर सकते हैं की अगर मोदी और योगी न होते तो न राम मंदिर के निर्माण का मार्ग प्रशस्त होता और न ही काशी विश्वनाथ धाम को भव्य स्वरूप मिलता।
भाजपा सरकार,गरीब हितैषी सरकार
मुख्यमंत्री श्चौहान ने कहा की उत्तरप्रदेश की योगी और केंद्र में मोदी सरकार गरीबों के कल्याण की सरकार है। कोविड संकट में गरीबों को किसी ने मुफ्त राशन दिया तो भाजपा की योगी और मोदी सरकार ने दिया, गरीबों के स्वास्थ्य की चिंता करते हुए आयुष्मान जैसी योजना चलाई है जिसमें 5 लाख रुपये तक का इलाज फ्री में किया जा रहा है । 2024 तक सबको घर उपलब्ध करवाने का लक्ष्य मोदी सरकार है कोई भी गरीब बिना घर के नहीं रहेगा क्योंकि देश में मोदी और उतररप्रदेश में योगी जी की भाजपा सरकार है।
मोदी-योगी की डबल इंजन की सरकार
एमपी के सीएम शिवराज ने कहा कि डबल इंजन की सरकार के फायदे और उतररप्रदेश को मिली सौगातें बताते हुए कहा की मोदी+योगी मतलब – 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ का कर्जा माफ, किसानों को 1.44 लाख करोड़ से अधिक का भुगतान, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना से किसानों को 2376 करोड़ का लाभ, माफियायों द्वारा अवैध ढंग से कब्जा की गई 1866 करोड़ की संपत्ति जब्त, 150 अपराधी ढेर, 44759 गुंडे,बदमाश गिरफ्तार,11 हजार 864 इनामी अपराधियों की गिरफ्तारी, जबरन धर्म परिवर्तन रोकने, उत्तर प्रदेश विधि विरूद्ध धर्म परिवर्तन कानून, 5 इंटरनेशनल एय़रपोर्ट, 341 किमी का पूर्वांचल एक्सप्रेस,2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण, इंडिया स्मार्ट सिटीज अवार्ड-2020 में यूपी को प्रथम पुरस्कार, बेटियों को स्नातक स्तर तक निशुल्क शिक्षा, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में 40 लाख माताएं लाभान्वित, 4.50 लाख युवाओं को सरकार नौकरी, 3.50 लाख युवाओं की संविदा पर नियुक्ति संभव हो सकी क्योंकि डबल इंजन की सरकार है।
बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने जनविश्वास यात्रा के माध्यम से उत्तरप्रदेश की समस्त 403 विधानसभाओं में मोदी और योगी सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और उपलब्धियों को लेकर जन जन तक पहुँचने का लक्ष्य साधा है। 19 दिसंबर से शुरू होने वाली यह यात्रा उत्तरप्रदेश के 6 अलग अलग प्रमुख स्थानों से एक साथ शुरू हुई, जिनका शुभारंभ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, , मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, स्मृति ईरानी और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की उपस्थिति में छह अलग-अलग जनपदों से हुआ।
उत्तर प्रदेश
हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी
महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।
भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।
हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर
स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।
आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक
महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।
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