Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

यूपी सरकार ने 44 राजकीय महाविद्यालयों के भवन-अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए 127.31 करोड़ रु की दी स्वीकृति

Published

on

Loading

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश विभिन्न जिलों में निर्माणाधीन 44 राजकीय महाविद्यालयों के भवन निर्माण/अतिरिक्त कक्षों के निर्माण हेतु वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु 12731.36 लाख (01 अरब 27 करोड़ 31 लाख 36 हजार) रूपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।

जारी शासनादेश में राजकीय महिला महाविद्यालय सीतापुर नगर, सीतापुर हेतु 421.42 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय बिजनौर हेतु 286.58 लाख रुपए, राजकीय महिला महाविद्यालय, बदायूं हेतु 148.69 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय भवानीपुर कला इटियाथोक, गोंडा हेतु 209.60 लाख रुपए, सरदार भगत सिंह राजकीय महाविद्यालय पुवायां शाहजहांपुर हेतु 317.90 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय ठाकुरद्वारा मुरादाबाद हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महिला महाविद्यालय भरापूरा अलीगंज एटा हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय हसनपुर अमरोहा हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय पाही चित्रकूट हेतु 109.51 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय कटेरा मऊरानीपुर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय जमुनहा श्रावस्ती हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय बभनी सोनभद्र हेतु 300.00 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।

जारी शासनादेश में राजकीय महाविद्यालय रिछा बहेड़ी बरेली हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय भदपुरा नवाबगंज बरेली हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय पुरवा उन्नाव हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय जखौरा ललितपुर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय कस्बा पट्टी यकीन मोहम्मद सहसवान बदायूं हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय चंदौसी संभल हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय माधौगढ़ जालौन हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय मेजा प्रयागराज हेतु 300.00 लाख रुपए, नेताजी सुभाष चंद्र बोस राजकीय महाविद्यालय अलीगंज लखनऊ में अतिरिक्त शिक्षण कक्ष हेतु 137.66 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय रामकोला कुशीनगर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय पुरनपुर पीलीभीत हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय घाटमपुर कानपुर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय जैतपुर कुलपहाड़ महोबा हेतु 300.00 लाख रुपए, ठाकुर रोशन सिंह राजकीय महाविद्यालय नवादा दरोबस्त कटरा शाहजहांपुर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय बैरिया, बलिया हेतु 300.00 लाख रुपए की धनराशि स्वीकृत की गई है।

जारी शासनादेश में राजकीय महाविद्यालय डुमरियागंज सिद्धार्थनगर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय नकुड हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय मोदीनगर गाजियाबाद हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय बरकी, सेवापुरी वाराणसी हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय बबीना झांसी हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय रामपुर मनिहारान सहारनपुर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय गोवर्धन मथुरा हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय मधुबन मऊ हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय बुढ़ाना मुजफ्फरनगर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महिला महाविद्यालय सरधना दादरी मेरठ हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय कालपी जालौन हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय इटवा सिद्धार्थनगर हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय हरदोई अतरौली अलीगढ़ हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय सिराथू कौशांबी हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय कांठ मुरादाबाद हेतु 300.00 लाख रुपए, राजकीय महाविद्यालय राठ हमीरपुर हेतु 300.00 लाख रुपए तथा राजकीय महाविद्यालय जेवर गौतम बुध नगर हेतु 300.00 लाख रुपए स्वीकृत किए गए हैं।

जारी शासनादेश में निर्देश दिए गए हैं की स्वीकृति की जा रही धनराशि का उपयोग उसी कार्य में किया जाएगा जिस कार्य एवं मद हेतु धनराशि स्वीकृत की जा रही है। स्वीकृत की जा रही धनराशि का उपयोग 31 मार्च 2022 तक किया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। प्रायोजना के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों की डुप्लीकेसी को रोकने की दृष्टि से प्रायोजना की स्वीकृति से पूर्व विभाग द्वारा सुनिश्चित किया जाएगा कि यह कार्य पूर्व में किसी अन्य योजना/कार्यक्रम के अंतर्गत ना तो स्वीकृत है और ना वर्तमान में किसी अन्य योजना/कार्यक्रम में आच्छादित किया जाना प्रस्तावित है।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

Published

on

Loading

लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

Continue Reading

Trending