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प्रादेशिक

यूपी में अब कम हो रहा है पॉजिटिविटी रेटः नवनीत सहगल

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लखनऊ। अपर मुख्य सचिव ‘सूचना’  नवनीत सहगल ने बताया कि विगत 24 घंटो की अवधि में प्रदेश में कोविड के 30317 नए केस आए, जबकि इसी अवधि में 38826 लोग उपचारित होकर स्वस्थ हो चुके हैं। यह एग्रेसिव टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की नीति का परिणाम है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में आज 02 लाख 66 हजार से अधिक कोविड टेस्ट किये गये हैं, जिसमें 01 लाख 14 हजार से अधिक टेस्ट केवल आरटीपीसीआर तथा 19 हजार से अधिक टेस्ट प्राइवेट प्रयोगशालाओं के माध्यम से किये गये हैं। अब तक उत्तर प्रदेश में 4.10 करोड़ टेस्ट हो चुके हैं। सभी टेस्ट पोर्टल पर दर्ज किये जा रहे हैं।

प्रदेश में कोविड-19 की टेस्टिंग अन्य प्रदेशों से अधिक की जा रही है। उन्होंने बताया पॉजिटिविटी रेट कम हो रहा है। सर्विलांस के माध्यम से अब तक 16.35 करोड़ लोगों तक पहुंचकर उनका हालचाल लिया गया है। कोविड के लक्षण मिलने पर उनका कोविड जांच भी कराया गया है। उन्होंने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी निगरानी समितियों द्वारा प्रदेश में बाहर से आने वाले लोगों को कोविड के लक्षण होने पर उनकी जांच करायी जा रही है। इन समितियों के माध्यम से बाहर से आने वाले लोगों को क्वारंटीन सेंटरों में रखा जा रहा है। इन क्वारंटीन सेंटर में प्रदेश सरकार द्वारा खाने-पीने आदि की व्यवस्था की गयी है। सरकार द्वारा प्रदेशभर में 500 क्वारंटीन सेंटर बनाये गये हैं। इन समितियों द्वारा कोविड संक्रमित लोगों को दवा उपलब्ध करायी जा रही है।

सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा आज 01 मई से प्रदेश में 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों के कोविड टीकाकरण की प्रक्रिया का शुभारम्भ अधिक संक्रमित वाले 07 जनपदों के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से 44 वर्ष वाले लोग साॅफ्टवेयर के माध्यम से अपना पंजीकरण कराकर वैक्सीनेशन करा सकते हैं, बिना पंजीकरण वाले 18 से 44 वर्ष के आयु वाले लोगों का वैक्सीनेशन नहीं किया जायेगा।

सहगल ने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा टीम-9 की समीक्षा की गयी, जिसमें उन्होंने संसाधन बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री जी द्वारा कोविड अस्पताल के बेडों को आॅक्सीजन बेड में तब्दील करने के लिए कहा गया है। अस्पतालों में प्रशिक्षित मानव संसाधन के लिए एक्स सर्विस मैन, सेवानिवृत्त चिकित्सक, आर्मी के रिटायर्ड लोग, अनुभवी पैरामेडिकल स्टाफ, मेडिकल/पैरामेडिकल के अन्तिम वर्ष के छात्र/छात्राओं की सेवाएं ली जायेगी। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में रेमेडेसीवीर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार द्वारा प्रतिदिन 50,000 वॉयल का नया आवंटन किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित कराई जा रही है। इसी क्रम में कल 631 मी0टन आॅक्सीजन की सप्लाई की गयी है। जामनगर (गुजरात) दुर्गापुर, बरजोरा (पश्चिम बंगाल) राउरकेला से ऑक्सीजन की आपूर्ति कराई जा रही है।

सहगल ने बताया कि सेक्टर प्रभारी तथा पुलिस अधिकारी कोविड से सम्बंधित व्यवस्थाओं के सम्बंध में अस्पतालों का निरीक्षण करते रहें। मरीज के परिजनों के साथ संवेदनशील व्यवहार किया जाना अपेक्षित है। कहीं भी किसी भी व्यक्ति को किसी प्रकार की कोई भी सहायता की आवश्यकता हो तो उसके तुरन्त सहायता दी जाय। इसके अलावा कोविड संक्रमित मरीज के परिजन को आॅक्सीजन सिलेण्डर को भरवाने जाते हैं तो उन्हें रोका न जाय। उन्होंने बताया कि अस्पतालों में बनाये गये प्रभारी अधीक्षक/नोडल अधिकारी अपने अस्पतालों में भर्ती होने वाले कोविड संक्रमित मरीजों के परिवारजनों से संवाद करते हुए भर्ती मरीज की जानकारी देना सुनिश्चित कराएंगे। उन्होंने बताया कि ग्रामीण एवं शहरी निगरानी समिति बाहर से आने वाले लोगों की पहचान कर रही है तथा कोविड लक्षण होने पर उनकी एन्टीजन टेस्ट करवा रही है। इन समिति के सदस्यों के पास आॅक्सोमीटर तथा थर्मामीटर दिया गया है, जिससे होम आइसोलेशन वाले मरीजों की माॅनीटरिंग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्रत्येक जनपद की दो सीएचसी में 20 आॅक्सीजन कन्सीलेटर की व्यवस्था करायी जा रही है। इस तरह ग्र्रामीण क्षेत्र में मेडिकल किट के साथ-साथ आॅक्सीजन की भी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

सहगल ने बताया कि कल मुख्यमंत्री जी गन्ना किसानों वर्चुअली संवाद किया। उन्होंने बताया कि पिछले साल गन्ना किसानों का शत-प्रतिशत भुगतान किया गया है। विगत 04 वर्षों में 01 लाख 33 हजार करोड़ का भुंगतान गन्ना किसानों को किया गया है। तथा वर्तमान में गन्ना मिलों में 60 प्रतिशत से अधिक का भुगतान कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार किसानों के हितों के लिए कृतसंकल्प है और किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उनकी फसल को खरीदे जाने की प्रक्रिया कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए तेजी से चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद किये जाने हेतु 6000 क्रय केन्द्र स्थापित किये गये हैं। उन्होंने बताया कि एक नई व्यवस्था के तहत कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्र खोलने की अनुमति दी गयी है। उन्होंने बताया कि किसान उत्पादक संगठन 150 केन्द्रों के माध्यम से संचालित किया जायेगा। उन्होंने जिलाधिकारियों के द्वारा कृषक उत्पादक संगठनों (एफ0पी0ओ0) को भी क्रय केन्द्रों से जोड़कर गेहूं क्रय का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया है। यह व्यवस्था प्रदेश में पहली बार हो रही है। 01 अप्रैल से 15 जून, 2021 तक गेहू खरीद का अभियान जारी रहेगा। गेहू क्रय अभियान में अब तक 12,30,519.80 लाख मी0 टन से अधिक गेहूं खरीदा गया है। जो पिछले वर्ष से दोगुना अधिक है।

सहगल ने लोगों से अपील है कि मास्क का प्रयोग करे, सैनेटाइजर व साबुन से हाथ धोते रहे तथा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। उन्होंने लोगों से किसी प्रकार की अफवाह में न आने की अपील की है। उन्होंने 18 से 44 वर्ष वाले लोगों से अपील की है कि वे अपना पंजीकरण साॅफ्टवेयर से कराते हुए वैक्सीनेशन अवश्य कराएं।

 

उत्तर प्रदेश

हर्षवर्धन और विक्रमादित्य जैसे प्रचंड पुरुषार्थी प्रशासक हैं योगी आदित्यनाथ : स्वामी अवधेशानंद गिरी

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महाकुम्भ नगर। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने महाकुम्भ 2025 के भव्य और सफल आयोजन के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भूरि-भूरि प्रशंसा की है। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तुलना प्राचीन भारत के महान शासकों हर्षवर्धन और विक्रमादित्य से की। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने उन महान शासकों की परंपरा को नए युग में संवर्धित किया है। वे केवल एक शासक नहीं, बल्कि प्रचंड पुरुषार्थ और संकल्प के धनी व्यक्ति हैं। उनके प्रयासों ने महाकुम्भ को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है।

भारत की दृष्टि योगी आदित्यनाथ पर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि भारत का भविष्य योगी आदित्यनाथ की ओर देख रहा है। भारत उनसे अनेक आकांक्षाएं, आशाएं और अपेक्षाएं रखे हुआ है। भारत की दृष्टि उनपर है। उनमें पुरुषार्थ और निर्भीकता है। वे अजेय पुरुष और संकल्प के धनी हैं। महाकुम्भ की विराटता, अद्भुत समागम, उत्कृष्ट प्रबंधन उनके संकल्प का परिणाम है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारत का राष्ट्र ऋषि बताते हुए कहा कि उनके मार्गदर्शन और नेतृत्व में योगी जी ने महाकुम्भ को ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। आस्था का यहां जो सागर उमड़ा है, इसके लिए योगी आदित्यनाथ ने बहुत श्रम किया है। चप्पे चप्पे पर उनकी दृष्टि है।

हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर

स्वामी अवधेशानंद गिरी जी महाराज ने कहा कि आज सनातन का सूर्य सर्वत्र अपने आलोक रश्मियों से विश्व को चमत्कृत कर रहा है। भारत की स्वीकार्यता बढ़ी है। संसार का हर व्यक्ति महाकुम्भ के प्रति आकर्षित हो रहा है। हर क्षेत्र में विशिष्ट प्रबंधन और उच्च स्तरीय व्यवस्था महाकुम्भ में दिख रही है। भक्तों के बड़े सैलाब को नियंत्रित किया जा रहा है। सुखद, हरित, स्वच्छ, पवित्र महाकुम्भ उनके संकल्प में साकार हो रहा है। हम अभिभूत हैं ऐसे शासक और प्रशासक को पाकर, जिनके सत्संकल्प से महाकुम्भ को विश्वव्यापी मान्यता मिली है। यूनेस्को ने इसे सांस्कृतिक अमूर्त धरोहर घोषित किया है। यहां दैवसत्ता और अलौकिकता दिखाई दे रही है। योगी आदित्यनाथ के प्रयास स्तुत्य और अनुकरणीय हैं तथा संकल्प पवित्र हैं। विश्व के लिए महाकुम्भ एक मार्गदर्शक बन रहा है, अनेक देशों की सरकारें सीख सकती हैं कि अल्पकाल में सीमित साधनों में विश्वस्तरीय व्यवस्था कैसे की जा सकती है।

आस्था का महासागर और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक

महामंडलेश्वर ने महाकुम्भ को सनातन संस्कृति का जयघोष और भारत की आर्ष परंपरा की दिव्यता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि यह पर्व नर से नारायण और जीव से ब्रह्म बनने की यात्रा का संदेश देता है। महाकुम्भ को सामाजिक समरसता का प्रतीक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह आयोजन दिखाता है कि हम अलग अलग जाति, मत और संप्रदाय के होने के बावजूद एकता के सूत्र में बंधे हैं। उन्होंने महाकुम्भ को गंगा के तट पर पवित्रता और संस्कृति का संगम बताया। गंगा में स्नान को आत्मा की शुद्धि और सामाजिक समरसता का प्रतीक बताया।

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