उत्तर प्रदेश
उप्र: दूध में मिलावट का जहर! राजधानी में 15 बड़ी डेयरी में पड़े छापे में दो तिहाई सैंपल फेल
लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में लगातार दूध और दूध से बने प्रोडक्ट में मिलावट की बातें सामने आ रही हैं। लगातार आ रही शिकायतों पर FSDA की टीम ने 15 बड़ी डेयरियों पर छापेमारी कर सैंपल कलेक्ट किए। इसमें करीब 68% सैंपल जांच में फेल मिले। जांच के दौरान पता चला है कि कुछ में शैंपू की और डिटर्जेंट पाउडर की बात सामने आई हैं।
दूध से बने प्रोडक्ट में मिलावट की बात सामने आई
सहायक आयुक्त (खाद्य) खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि नकली दूध की पहचान करना कोई मुश्किल काम भी नहीं है। घर पर ही आसानी से मिलावटी दूध की पहचान की जा सकती है। यदि कोई ऐसा करे तो उसकी शिकायत की जा सकती है।
ऐसे करें दूध की पहचान
. अगर आपको शक है कि दूध नकली है तो इसके लिए आप खुद ही घर पर जांच कर सकते हैं। थोड़ा सा कच्चा दूध मुंह में रखकर देखें। यदि दूध में आपको कड़वाहट लगे तो समझ जाएं कि दूध में मिलावट की गई है। जबकि असली दूध में कड़वाहट नहीं होती है।
. दूसरी तरीका है कि दूध को चिकनी सतह पर बहाएं। बहाने पर दूध झाग छोड़कर जा रहा है तो समझ जाएं कि इसमें मिलावट की गई है। अगर आराम से बह जाए वो असली है।
. तीसरी तरीका है कि अंगूठे पर दूधे की कुछ बूंदें डाल लें, यदि वो बहता हुए बिना किसी निशान के बह जाए तो समझ लीजिए कि दूध में पानी मिला हुआ है।
.चौथा तरीका है टेस्ट ट्यूब में दूध लेकर 10 बूंद हाइड्रोक्लोरिक एसिड और एक चम्मच शक्कर मिलाएं। 5 मिनट बाद यह लाल हो जाए तो समझ लें कि इनमें वनस्पति ऑयल मिला हुआ है।
. पांचवा तरीका है दूध को एक शीशी में भरकर हिलाएं. यदि बहुत ज्यादा झाग बन रहा है तो समझ जाएं कि इसमें कोई केमिकल मिलाया गया है।
पकड़े जाने पर कितनी हो सकती है सजा
यदि दूध में कोई जानलेवा पदार्थ मिला है तो आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। अगर आप इसमें संलिप्त पाए गए तो 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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