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उत्तर प्रदेश

उप्र: आर्थिक तंगी से परेशान दंपति ने की खुदकुशी, सुसाइड नोट में छलका दर्द

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गोरखपुर। उप्र के गोरखपुर जिले से एक दंपति के जहर खाकर खुदकुशी करने की खबर सामने आई है। दंपति ने पारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी से परेशान होकर यह आत्मघाती कदम उठाया है। प्राप्त समाचार के अनुसार गोरखपुर के पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूसड़ में बृहस्पतिवार रात महराजगंज के विवेकानंद दुबे (32) ने पत्नी माधुरी (26) के साथ जहर खाकर खुदकुशी कर ली। खुदकुशी की वजह पारिवारिक कलह और आर्थिक तंगी बताई जा रही है। सुसाइड नोट की पहली लाइन ही पारिवारिक विवाद की कहानी बयां कर रही है।

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सुसाइड नोट से छलका दर्द

विवेकानंद दुबे ने सुसाइड नोट में लिखा है, पिता जी, आपकी संपत्ति से एक कौड़ी भी नहीं चाहिए, बहनों को दे देना। अब थक गया हूं, परिवार और खुद से लड़ते-लड़ते, इसलिए सब खत्म कर रहा हूं।

पुलिस के अनुसार विवेकानंद दुबे की डायरी से मिले सुसाइड नोट में इन बातों का जिक्र है। पुलिस को यह भी पता चला है कि विवेकानंद ने एक ऑटो भी लोन पर लिया था लेकिन पिछले चार महीने से वह किस्त नहीं भर पाया था। शादी को पांच साल का समय गुजर चुका था, लेकिन औलाद भी नहीं थी। एक साथ आई इन परेशानियों को दंपति झेल नहीं पाए और यह आत्मघाती कदम उठा लिया।

यह भी जानकारी मिली है जंगल कौड़िया के जिस किराये के मकान में विवेकानंद दुबे ने पत्नी माधुरी के साथ खुदकुशी की है, वहां वे 25 नवंबर को ही रहने आए थे। इसके पहले दोनों दूसरी जगह किराये पर रहते थे। घर में खटपट होने के बाद ही वह पत्नी को लेकर गोरखपुर चला आया था। उसने पहले पंडिताई की, लेकिन आजीविका चलाने में दिक्कत आ रही थी।

पड़ोसियों से नहीं करते थे ज्यादा बातचीत

पड़ोस में रहने वाली एक महिला ने बताया कि माधुरी किसी से ज्यादा बात नहीं करती थी। किसी के घर पर भी उसे आना जाना पसंद नहीं था। वह अपने घर में ही रहती थी। उनके पति विवेकानंद का भी यही हाल था। वह सुबह निकलने के बाद रात में ही आते थे।

कर्ज से परेशान था बेटा: पिता

विवेकानंद के पिता दीनानाथ ने बताया कि बेटा गलत लोगों की संगत में आ गया था। कर्ज से आर्थिक तंगी में था और काफी परेशान था। बृहस्पतिवार शाम में बात हुई थी, लेकिन इस बात की आशंका नहीं थी कि वह आत्मघाती कदम उठा लेगा। पारिवारिक विवाद के मसले पर पिता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

आर्थिक तंगी की वजह से विवेकानंद ने ऑटो चलाने का फैसला किया लेकिन इसके बाद भी बहुत कुछ नहीं बदल पाया। ऑटो की किस्त भरना भी विवेकानंद के लिए मुश्किल हो गया था। पारिवारिक विवाद के बीच ही आर्थिक तंगी से विवेकानंद पूरी तरह से टूट गए और पत्नी के साथ जीवनलीला को ही समाप्त कर दिया।

ख़ुदकुशी की घटनाओं को लेकर जिला अस्पताल के मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित शाही ने कहा कि अकेलेपन की वजह से लोग अवसाद में आ जाते हैं। ऐसे लोग अपनी बातों को दूसरों से नहीं कहते हैं। इसकी वजह से तनाव बढ़ता जाता है। आर्थिक स्थिति की वजह से अवसाद ने ऐसा घेर लिया होगा कि वे अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं कर पाए होंगे। ऐसी स्थिति में मरीज मेनिया में चला जाता है, जिसे एक्यूट साइकोसिस कहते हैं। इस स्थिति में मरीज खुदकुशी जैसा आत्मघाती उठा लेता है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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