उत्तर प्रदेश
महाकुंभ नगर के सेक्टर-2 स्थित मीडिया सेंटर के पास सोमवार को यूपी के पहले डबल डेकर बस रेस्तरां पंपकिन का उद्घाटन
महाकुम्भ नगर। यूपी के प्रयागराज में महाकुंभ का भव्य आयोजन जारी है। ऐसे में महाकुंभ नगर के सेक्टर-2 स्थित मीडिया सेंटर के पास सोमवार को यूपी के पहले डबल डेकर बस रेस्तरां पंपकिन का उद्घाटन किया गया है। इस मौके पर बस रेस्तरां के संस्थापक का बयान भी सामने आया है। बस फूड कोर्ट के संस्थापक मनवीर गोदरा ने बताया है कि इसके ग्राउंड फ्लोर और फर्स्ट फ्लोर पर रेस्टोरेंट है, जहां एक साथ 25 लोग बैठकर शुद्ध शाकाहारी और सात्विक भोजन का आनंद ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पंपकिन ब्रांड की लॉन्चिंग महाकुंभ मेले से की जा रही है और आने वाले समय में काशी, मथुरा, अयोध्या आदि धार्मिक स्थलों पर यह रेस्तरां शुरू किया जाएगा। इस रेस्तरां में भोजन की दर किफायती रखी गई है और यहां विशेष अवसर पर उपवास का खाना भी मिलेगा। बस के अंदर एवं बाहर लगी एलईडी स्क्रीन पर महाकुंभ से संबंधित फिल्मों का भी प्रदर्शन होगा।
महाकुंभ भारतीय संस्कृति का अद्वितीय पर्व
कुंभ मेला, भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का अद्वितीय पर्व है, जिसका इतिहास हजारों साल पुराना है। यह पर्व विशेष रूप से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है, जहां हर बारह साल में विशेष ज्योतिषीय संयोगों के आधार पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते हैं। यात्री ह्वेन त्सांग ने प्रयागराज के महाकुंभ का वर्णन किया, जो उस समय के धार्मिक आयोजन और सम्राट की दानशीलता को प्रदर्शित करता है। कुंभ मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय समाज के सामूहिक आस्था, संघर्ष और एकता की अभिव्यक्ति भी है, जो हर बार इस अद्वितीय पर्व के माध्यम से दोबारा जीवित होती है।
महाकुंभ भारतीय संस्कृति का अद्वितीय पर्व
कुंभ मेला, भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का अद्वितीय पर्व है, जिसका इतिहास हजारों साल पुराना है। यह पर्व विशेष रूप से प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के रूप में विश्वभर में प्रसिद्ध है, जहां हर बारह साल में विशेष ज्योतिषीय संयोगों के आधार पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते हैं। यात्री ह्वेन त्सांग ने प्रयागराज के महाकुंभ का वर्णन किया, जो उस समय के धार्मिक आयोजन और सम्राट की दानशीलता को प्रदर्शित करता है। कुंभ मेला न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह भारतीय समाज के सामूहिक आस्था, संघर्ष और एकता की अभिव्यक्ति भी है, जो हर बार इस अद्वितीय पर्व के माध्यम से दोबारा जीवित होती है।
महाकुंभ में नागा साधुओं की पेशवाई एक प्रमुख आकर्षण होती है, जो न केवल धार्मिक आस्था, बल्कि भारतीय वीरता और संघर्ष का प्रतीक है। इन साधुओं ने ऐतिहासिक रूप से सनातन धर्म की रक्षा के लिए कई आक्रमणों का सामना किया, जिनमें 17वीं शताब्दी का अफगान आक्रमण प्रमुख था।
उत्तर प्रदेश
अनाथ बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना बनी सहारा
योगी सरकार द्वारा शुरू की गई “उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)” अनाथ और जरूरतमंद बच्चों के लिए एक नई आशा लेकर आई है। अगस्त 2021 में शुरू की गई इस योजना से योगी सरकार बच्चों और किशोरों को सहायता प्रदान कर रही है जिन्होंने कोरोना से इतर कारणों से अपने माता-पिता, किसी एक अभिभावक या संरक्षक को खो दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह योजना अनाथ बच्चों को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान नहीं कर रही है, बल्कि बच्चों और युवाओं के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है।
योजना के तहत 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को हर माह ₹2500 की आर्थिक सहायता दी जा रही है। यह सहायता उन बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है, जिन्हें माता-पिता के निधन के बाद आजीविका के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। योगी सरकार ने इन बच्चों की आर्थिक और शैक्षिक आवश्यकताओं को समझते हुए इस योजना को लागू किया, जो अब लाखों बच्चों की मदद कर रही है।
बच्चों की शिक्षा और भविष्य निर्माण पर विशेष जोर दे रही योगी सरकार
इस योजना का लाभ केवल 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों तक सीमित नहीं है। 18 से 23 वर्ष के ऐसे किशोर और युवा, जिन्होंने कक्षा 12 की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है और जो राजकीय डिग्री कॉलेज, विश्वविद्यालय या तकनीकी संस्थानों से स्नातक की डिग्री या डिप्लोमा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें भी इस योजना के तहत सहायता दी जाती है। यह कदम न केवल युवाओं को शिक्षा के प्रति प्रोत्साहित कर रहा है, बल्कि उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक है। नीट, जेईई और क्लैट जैसी राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करने वाले मेधावी छात्रों को भी इस योजना के अंतर्गत विशेष सहायता प्रदान की जा रही है। इन छात्रों को 23 वर्ष की आयु पूरी होने तक या स्नातक शिक्षा अथवा मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थान से डिप्लोमा प्राप्त करने तक, जो भी पहले हो, योजना का लाभ दिया जाएगा।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में 29,029 बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से मिला लाभ
योगी सरकार की इस योजना ने पहले ही हजारों बच्चों और युवाओं की जिंदगी बदल दी है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा संचालित इस योजना में वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 29,029 बच्चों को इस योजना के तहत चिन्हित कर लाभान्वित किया गया है। ये आंकड़े बताते हैं कि योजना जमीनी स्तर पर कितनी प्रभावी और सफल रही है। इस योजना ने अनाथ बच्चों और युवाओं को आत्मनिर्भर बनने का रास्ता दिखाया है। आर्थिक सहायता के साथ-साथ, यह पहल उन्हें अपने जीवन के महत्वपूर्ण लक्ष्य प्राप्त करने में मदद कर रही है। योजना न केवल उनके जीवन स्तर को सुधार रही है, बल्कि उनके भीतर आत्मविश्वास और नई उम्मीदें जगा रही है। मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) का यह कदम न केवल प्रभावित बच्चों और युवाओं के जीवन में बदलाव ला रहा है, बल्कि समाज में समावेशिता और सहयोग की भावना को भी बढ़ावा दे रहा है।
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