उत्तर प्रदेश
86 करोड़ से रूमा औद्योगिक क्षेत्र को मॉडर्न इंडस्ट्रियल एरिया के रूप में विकसित करेगा यूपीसीडा
कानपुर/लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, यूपीसीडा लगातार राज्य के औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्बर के उन्नयन के लिए काम कर रहा है, ताकि उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सके। इसी दिशा में, कानपुर के प्रमुख औद्योगिक केंद्र रूमा औद्योगिक क्षेत्र को अटल औद्योगिक अवसंरचना मिशन के तहत आधुनिक औद्योगिक क्षेत्र के रूप में विकसित किया जाएगा। यह क्षेत्र 2004-05 में स्थापित हुआ था। यूपीसीडा की यह पहल औद्योगिक इंफ्रास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए यूपी की राज्य-स्तरीय प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
₹86 करोड़ का बजट किया गया निर्धारित
यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी ने बताया किरूमा औद्योगिक क्षेत्र दिल्ली-हावड़ा रेलवे लाइन और कानपुर-प्रयागराज NH-19 के बीच में स्थित है। यह कानपुर शहर के नजदीक है और लखनऊ से मात्र 80 किमी दूर है। साथ ही चकेरी हवाई अड्डे से नजदीकी इसके लॉजिस्टिक महत्व को और बढ़ा देती है। रूमा औद्योगिक क्षेत्र की औद्योगिक संरचना को आधुनिक बनाने और सुधारने के लिए 90 करोड़ का बजट रखा गया है। परियोजना वित्तीय मूल्यांकन डिवीजन ने इस पहल के लिए ₹86 करोड़ का बजट तय किया है, जिससे इस क्षेत्र में कई सुधार किए जाएंगे।
लागू की जाएगी व्यापक सीईटीपी परिवहन प्रणाली
उन्होंने बताया कि औद्योगिक क्षेत्र में लगभग 9.76 किमी सड़कों का उन्नयन किया जाएगा। इस परियोजना में 796 मीटर मैकेनिकल, इंजीनियरिंग और प्लंबिंग सिस्टम और पक्के फुटपाथ का निर्माण भी शामिल है।साथ ही, जल प्रबंधन को बेहतर बनाने के लिए, सड़कों के किनारे 35 पुलिया और 18.83 किमी जल निकासी लाइनें बनाई जाएंगी। इसके अलावा एक व्यापक सीईटीपी परिवहन प्रणाली लागू की जाएगी, जिसमें 11.21 किमी सीईटीपी परिवहन पाइपलाइनें शामिल होंगी, जिसमें 250 मिमी व्यास वाली 10.51 किमी लाइनें और 341 मैनहोल के साथ 300 मिमी व्यास वाली 0.70 किमी लाइनें शामिल होंगी।
उद्यमियों और श्रमिकों के लिए नई सुविधाओं का होगा विकास
इन्फ्रास्ट्रक्चर अपग्रेड में 21.32 किमी लंबी पानी की पाइपलाइन बिछाना, एक नए ट्यूबवेल की स्थापना और मौजूदा बुनियादी ढांचे की मरम्मत शामिल होगी। इसके अतिरिक्त क्षेत्र की जरूरतों को बेहतर ढंग से समायोजित करने के लिए मौजूदा 0.75 एमएलडी सीईटीपी के अलावा 3.00 एमएलडी क्षमता वाला एक नया सीईटीपी प्लांट लगाया जाएगा। वहीं, रूमा औद्योगिक क्षेत्र में उद्यमियों और श्रमिकों के लिए नई सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी चार्जिंग सेंटर और क्षेत्र की सुरक्षा व पहुंच बेहतर करने के लिए तीन नए प्रवेश द्वार शामिल हैं। यात्रियों और कार्यबल की सुविधा के लिए बस शेल्टर, पक्षियों के आश्रय के लिए बर्ड शेल्टर, और बाहरी क्षेत्र की सुंदरता बढ़ाने के लिए स्ट्रीट फर्नीचर को भी सम्मिलित किया गया है।
इंटीग्रेटेड कण्ट्रोल और कमांड सेण्टर होगा तैयार
इसके साथ ही, संचालन की कुशल निगरानी के लिए स्टेट ऑफ आर्ट इंटीग्रेटेड कण्ट्रोल और कमांड सेण्टर तैयार किया जाएगा। बेहतर सुरक्षा के लिए उन्नत सीसीटीवी सिस्टम लगाए जाएंगे और कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) को भी अपग्रेड किया जाएगा। 63,000 वर्ग मीटर की घास इस क्षेत्र को सुशोभित करेगी और इसके हरित आवरण को बढ़ाएगी। कचरा प्रबंधन क्षेत्र की स्वच्छता बनाए रखने के लिए व्यापक कचरा प्रबंधन किया जाएगा। प्रवेश सड़कों और पार्कों के किनारे बागवानी, प्लांटर्स, पार्कों की सजावट और विकास, सिंचाई सिस्टम, जल आपूर्ति, वर्षा जल संचयन, जल निकासी प्रणालियाँ और ग्रीन बेल्ट स्थापित किए जाएंगे। परियोजना बजट का एक बड़ा हिस्सा (₹9.68.03 करोड़, जीएसटी-मुक्त) विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर के उन्नयन के लिए रखा गया है, जिसमें 33 केवी और 11 केवी बिजली के तारों को एंट्री गेट पर अंडरग्राउंड बिछाना शामिल है। औद्योगिक क्षेत्रों को सुरक्षित और प्रकाशवान बनाने के लिए 6 डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड और क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने के लिए 45 एलईडी फेसैड लाइटिंग लगाई जाएगी।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
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