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प्रादेशिक

यूपीः असंगठित क्षेत्र के कामगारों व श्रमिकों को मिलेगा सामाजिक सुरक्षा एवं योजनाओं का लाभ

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लखनऊ। प्रदेश सरकार असंगठित क्षेत्र के कामगारों व श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने तथा उनके जीवन को खुशहाल बनाने के लिए उ0प्र0 राज्य सामाजिक सुरक्षा बोर्ड के माध्यम से मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना संचालित कर रही है। इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए श्रमिक अपना ऑनलाइन पंजीकरण बोर्ड के पोर्टल www.upssb.in पर जाकर कर सकते हैं। अभी तक इस पोर्टल पर 4658 श्रमिक अपना पंजीकरण करा चुके हैं।

श्रम एवं सेवायोजन मंत्री श्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार असंगठित क्षेत्र के ऐसे श्रमिकों को लाभान्वित करने का बीड़ा उठाया है, जिन्हें अब तक किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। उन्होंने कहा कि सामाजिक सुरक्षा बोर्ड की योजनाओं का लाभ लेने के लिए श्रमिक बोर्ड के पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराएं।पंजीकरण के समय श्रमिक को बैंक का विवरण, आधार का विवरण, परिवार के अन्य सदस्यों एवं आश्रितों का विवरण दर्ज करना होगा। साथ ही योजना का प्रारूप एवं आवेदक की फोटो भी अपलोड करनी होगी।उन्होंने कहा कि श्रमिक पंजीयन हेतु मात्र रु0 10 तथा अंशदान हेतु रु0 10 प्रतिवर्ष की दर से 05 वर्षों के लिए कुल रु0 60 एकमुश्त ऑनलाइन जमा करना होगा।

श्रम मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना के अंतर्गत श्रमिक की दुर्घटना में मृत्यु या दिव्यांगता की स्थिति में 02 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी।इसके लिए लाभार्थी श्रमिक को रु0 12 प्रतिमाह प्रीमियम का भुगतान करना होगा। इसी प्रकार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत अधिकृत सरकारी एवं निजी अस्पतालों में श्रमिक परिवारों को 05 लाख रुपये तक का प्रतिवर्ष इलाज की सुविधा  प्रदान की जाएगी। उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र में 45 प्रकार के कार्य करने वाले विभिन्न श्रेणी के कामगारों को इसका लाभ मिलेगा।इसमें धोबी, दर्जी, माली,मोची,नाई, बुनकर, कोरी, जुलाहा, रिक्शा चालक, घरेलू कर्मकार, कूड़ा बीनने वाले,  हाथ ठेला चलाने वाले, फुटकर सब्जी, फल-फूल विक्रेता, चाय-चाट का ठेला लगाने वाले, फुटपाथ व्यापारी, हमाल, कुली, जनरेटर लाइट उठाने वाले कैटरिंग में कार्य करने वाले, फेरी लगाने वाले, मोटरसाइकिल-साइकिल की मरम्मत करने वाले, गैरेज कर्मकार, परिवहन में लगे कर्मकार, ऑटो चालक आदि शामिल हैं।

उन्होंने बताया कि असंगठित क्षेत्र के अंतर्गत सफाई कामगार, ढोल-बाजा बजाने वाले, टेंट हाउस में काम करने वाले, मछुआरा, तांगा-बैलगाड़ी चलाने वाले, अगरबत्ती बनाने वाले,गाड़ीवान, घरेलू-कुटीर उद्योग में लगे मजदूर, भड़भूजे,पशुपालन-मत्स्य पालन-मुर्गी-बत्तख पालन में लगे कर्मकार, दुकानों में काम करने वाले मजदूर, खेतिहर कर्मकार, चरवाहा, दूध दुहने वाले, नाव चलाने वाला (नाविक), नट-नटनी, रसोईया, हड्डी बीनने वाले,  समाचार पत्र बांटने वाले, ठेका मजदूर, रंगाई-कताई-धुलाई का कार्य करने वाले, दरी, कंबल, जरी, जरदोजी, चिकन का कार्य करने वाले, मीटशाप व पोल्ट्री फार्म पर कार्य करने वाले,डेयरी पर कार्य करने वाले, कांच की चूड़ी एवं अन्य कांच उत्पादों में स्वरोजगार का कार्य करने वाले कर्मकार आदि शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा

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गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।

दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।

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