उत्तराखंड
उत्तराखंड: भाजपा गिनाएगी समान नागरिक संहिता की खूबियां, कांग्रेस देगी धामी सरकार के दांव को चुनौती
देहरादून। उत्तराखंड में विशेषज्ञ समिति द्वारा समान नागरिक संहिता (UCC) का ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जा चुका है। इसे देखते हुए भाजपा ने UCC की खूबियों को जनता के बीच रखने का निश्चय किया है। दूसरी ओर कांग्रेस इस मुद्दे पर असहज है।
वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री धामी ने इस संबंध में घोषणा कर दी थी। कांग्रेस ने इसका तब धीमे अंदाज में विरोध किया। अब कांग्रेस को इस पर अपना रुख स्पष्ट करने को विवश होना पड़ रहा है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी UCC के कुछ बिंदुओं को मुद्दा बनाकर अलग रुख अपना सकती है।
ड्राफ्ट का परीक्षण भी शासन स्तर पर शुरू हो गया है। सरकार यह पहले ही साफ कर चुकी है कि पांच फरवरी से प्रारंभ होने वाले विधानसभा के विस्तारित सत्र में वह इससे संबंधित विधेयक पेश करेगी। ऐसे में दोनों दलों ने राजनीतिक राणनीति को धार देनी शुरू कर दी है।
भाजपा बताएगी UCC के फायदे
UCC को लेकर भाजपा की योजना जनता के बीच जाकर यह बताने की है कि समान नागरिक संहिता क्यों जरूरी है और इसके क्या लाभ हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार जिस दिन सदन में यह विधेयक पारित होगा, उसी दिन जिला व मंडल स्तर पर विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा तय कर दी जाएगी।
इसके बाद ग्राम स्तर पर बैठकों, संगोष्ठियों का क्रम शुरू करने की तैयारी है। देश में समान नागरिक संहिता भाजपा की वैचारिक और सैद्धांतिक प्रतिबद्धता में शामिल है। भाजपा अपनी स्थापना से लेकर निरंतर ही समान नागरिक संहिता लागू करने की पैरवी करती आई है।
अब जबकि उत्तराखंड की भाजपा सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाते हुए निर्णायक मोड़ पर पहुंच चुकी है तो भाजपा ने इसे लेकर एक प्रकार से अभियान चलाने की ठानी है। भाजपा ने तय किया गया है कि जिस दिन विधेयक पारित होगा, उस दिन जिला व मंडल स्तर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
धामी सरकार के दांव को चुनौती देगी कांग्रेस
उत्तराखंड में UCC को लेकर कांग्रेस बेहद सतर्क है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के समान नागरिक संहिता को लेकर खेले गए दांव से लोकसभा चुनाव पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन किया जा रहा है। जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखे जाने के प्रस्ताव के बाद इस वर्ग को लामबंद करने की पार्टी की रणनीति अब कारगर नहीं रह गई है।
ऐसे में प्रदेश की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों में समान नागरिक संहिता को लेकर कांग्रेस का शुरुआती रुख भले ही संतुलित नजर आए, लेकिन पार्टी की तैयारी इस मामले में सरकार और सत्तारूढ़ दल के विरुद्ध खड़े होने और इसे चुनौती देने की ही है।
उत्तराखंड में UCC लागू करने की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की घोषणा के बाद से ही कांग्रेस इस मुद्दे पर असहज है। बदले हालात में संहिता का ड्राफ्ट तैयार करने वाली विशेषज्ञ समिति के जनजातीय समुदायों को इससे बाहर रखने की संस्तुति के बाद कांग्रेस के इस हथियार को बेअसर माना जा रहा है।
प्रमुख विपक्षी पार्टी का मानना है कि विधानसभा चुनाव के बाद अब इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव से पहले तूल दिया जा रहा है। इससे ध्रुवीकरण की कोशिश है। प्रदेश कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता व नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि समान नागरिक संहिता में जन विरोधी किसी भी प्रविधान के साथ कांग्रेस खड़ी नहीं होगी।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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