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प्रादेशिक

उत्तराखंड सरकार ने रद्द की चारधाम यात्रा, तय समय पर खुलेंगे कपाट

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देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने चारधाम की यात्रा रद्द करने का फैसला लिया है। कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में कोविड मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए चारधाम की यात्रा को स्थगित किया जाता है। केवल पुजारी ही वहां पूजा कर सकते हैं। पूरे देश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा को अभी के लिए बंद किया जाता है।

हालांकि, मंदिरों के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे। सीएम रावत ने यह फैसला गुरुवार को आयोजित एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक के बाद लिया। बैठक में धार्मिक मामलों के मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद थे।

सीएम रावत ने कहा, ‘बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट तय मुहूर्त पर ही खुलेंगे। वहां पुजारी नियमित पूजा अर्चना करते रहेंगे। लेकिन श्रद्धालुओं के वहां आने पर रोक लगी रहेगी।

 

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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