Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

उत्तराखंड सरकार ने रद्द की चारधाम यात्रा, तय समय पर खुलेंगे कपाट

Published

on

Loading

देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने चारधाम की यात्रा रद्द करने का फैसला लिया है। कोरोना महामारी को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में कोविड मामलों में बढ़ोतरी को देखते हुए चारधाम की यात्रा को स्थगित किया जाता है। केवल पुजारी ही वहां पूजा कर सकते हैं। पूरे देश के लोगों के लिए चारधाम यात्रा को अभी के लिए बंद किया जाता है।

हालांकि, मंदिरों के कपाट अपने तय समय पर खुलेंगे। सीएम रावत ने यह फैसला गुरुवार को आयोजित एक उच्‍च स्‍तरीय बैठक के बाद लिया। बैठक में धार्मिक मामलों के मंत्री सतपाल महाराज भी मौजूद थे।

सीएम रावत ने कहा, ‘बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री के कपाट तय मुहूर्त पर ही खुलेंगे। वहां पुजारी नियमित पूजा अर्चना करते रहेंगे। लेकिन श्रद्धालुओं के वहां आने पर रोक लगी रहेगी।

 

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

Published

on

Loading

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

Continue Reading

Trending