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अन्तर्राष्ट्रीय

पृथ्वी की इन चार जगहों पर होती है आग की बारिश, रहता है सबसे ज्यादा तापमान

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नई दिल्ली। भारत में मई का महीना आते ही भीषण गर्मी पड़ने लगती है। इस बार शुरुआती मई में ही गर्मी ने पिछले कई साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। भारत में कई जगह पर पारा 44 के पार पहुंच गया जिससे एसी और कूलर ने भी काम करना बंद कर दिया। भारत में पड़ रहे इस भीषण गर्मी के बीच आज हम आपको दुनिया की कुछ ऐसी जगहों के बारे में बताने जा रहे हैं जो पृथ्वी की सबसे गर्म जगह मानी जाती है। तो आईए जानते हैं कौन सी हैं वो चार जगह….

ईरान- दश्त-ए-लुत

ईरान में मौजूद दश्त-ए-लुत नामक इस जगह को दुनिया में सबसे गर्म माना जाता है। नासा ने साल 2005 में यहां का तापमान 70.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया था। वहीं साल 2004 से 2007 और 2009 में इस जगह को धरती पर सबसे गर्म जगह माना गया था। चिली के अटाकामा डेजर्ट के साथ दश्त-ए-लूट को दुनिया की सबसे सूखी जगह माना जाता है।

अमेरिका- डेथ वैली

यहां साल में औसत वर्षा मात्र 5 सेमी. के लगभग होती है। यहां पानी के निशान तक नहीं हैं। वहीं अगर कहीं पानी मिल भी जाए तो वह खारा होता है। 1913 में गर्मियों में थर्मामीटर से जब इस जगह का तापमान मापा गया तो वह 56.7 डिग्री सेल्सियस था। जिससे इस जगह का नाम भी दुनिया की अन्य गर्म जगहों के साथ जुड़ गया। कैलिफोर्निया में स्थित इस जगह का औसत पारा 47 डिग्री सेल्सियस तक आसानी से पहुंच जाता है। ये कैलिफोर्निया की सबसे सूखी जगह है।

सूडान- वदी हाल्फा

सूडान के लेक नूबिया के किनारे पर बसा वदी हाल्फा शहर में बारिश की मात्रा ना के बराबर रहती है। जून यहां का सबसे गर्म महीना माना जाता है। इस दौरान औसत तापमान 41 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। यहां साल 1967 में सबसे गर्म दिन रिकॉर्ड किया गया था। तब यहां का तापमान 53 डिग्री सेल्सियस था।

लीबिया- अजीजियाह

अजीजियाह लीबिया की राजधानी त्रिपोली से 25 मील की दूरी पर स्थित है। इस जगह को भी दुनिया की सबसे गर्म जगह माना जाता है। साल 1922 में यहां का तापमान 58 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। वहीं गर्मियों के समय यहां का औसत तापमान 48 डिग्री सेल्सियस तक रहता है।

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अन्तर्राष्ट्रीय

दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना हुए पीएम मोदी, 43 साल बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला दौरा

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को अपनी दो दिवसीय यात्रा पर कुवैत रवाना हो गए। यह कुवैत में चार दशक से अधिक समय में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। भारत की ओर से आखिरी बार प्रधानमंत्री का कुवैत दौरा 43 साल पहले हुआ था। दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 1981 में कुवैत का दौरा किया था। वहीं, तत्कालीन उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने 2009 में इस पश्चिम एशियाई देश का दौरा किया था. अपनी दो दिवसीय यात्रा में प्रधानमंत्री मोदी कुवैत के टॉप लीडर्स के साथ बैठक करेंगे।

अपनी कुवैत यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए पीएम मोदी ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर लिखा, “आज और कल मैं कुवैत जाऊंगा। यह यात्रा कुवैत के साथ भारत के ऐतिहासिक संबंधों को और गहरा करेगी। मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री से मिलने के लिए उत्सुक हूं। आज शाम मैं भारतीय समुदाय से मिलूंगा और अरब गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में भी शामिल होऊंगा।”

पीएम मोदी के हवाले से प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से इस यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया, “आज, मैं कुवैत राज्य के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-सबा के निमंत्रण पर कुवैत की दो दिवसीय यात्रा पर जा रहा हूं। हम कुवैत के साथ ऐतिहासिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं, जो पीढ़ियों से पोषित हैं। हम न केवल मजबूत व्यापार और ऊर्जा साझेदार हैं, बल्कि पश्चिम एशिया क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, स्थिरता और समृद्धि में भी हमारी साझा रुचि है।”

पोस्ट में आगे कहा गया, “मैं कुवैत के महामहिम अमीर, क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री के साथ अपनी बैठक की प्रतीक्षा कर रहा हूं। यह हमारे लोगों और क्षेत्र के लाभ के लिए भविष्य की साझेदारी के लिए एक रोडमैप तैयार करने का अवसर होगा। मैं कुवैत में भारतीय प्रवासियों से मिलने के लिए उत्सुक हूं, जिन्होंने दोनों देशों के बीच मैत्री के बंधन को मजबूत करने में बहुत योगदान दिया है। मैं खाड़ी क्षेत्र में एक प्रमुख खेल आयोजन, अरेबियन गल्फ कप के उद्घाटन समारोह में मुझे आमंत्रित करने के लिए कुवैत के नेतृत्व के प्रति आभार व्यक्त करता हूं। मैं एथलेटिक उत्कृष्टता और क्षेत्रीय एकता के इस उत्सव का हिस्सा बनने के लिए उत्सुक हूं। मुझे विश्वास है कि यह यात्रा भारत और कुवैत के लोगों के बीच मित्रता के विशेष संबंधों और बंधनों को और मजबूत करेगी।”

 

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