प्रादेशिक
हमने 2017 में जनता से जो कहा, उस पर खरा उतरने का प्रयास किया: सीएम योगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि 2012 से 2017 तक उप्र में सत्ता के संरक्षण में गुंडागर्दी और अराजकता का तांडव था, यह किसी से छिपा नहीं है। 2012 में उत्तर प्रदेश का पहला दंगा मथुरा के कोसिकला से प्रारंभ हुआ था। मथुरा में ही जवाहरबाग की दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई थी । सत्ता के संरक्षण में सैकड़ों हेक्टेयर में फैले इस बाग पर अवैध कब्जा करने की कोशिश हुई थी। लेकिन आज उप्र सुरक्षा के मामले में एक नजीर बना है। आज उत्तर प्रदेश न केवल कानून व्यवस्था अपितु विकास के नये नये आयाम गढ़ते हुए हर बेटी-बहन को सुरक्षा प्रदान कर रहा है।
सीएम योगी, रविवार को वर्चुअल रैली ( जन चौपाल) के माध्यम से आगरा, मथुरा और बुलंदशहर जिलों की 21 विधानसभा सभाओं के मतदाताओं, कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों को पीएम नरेंद्र मोदी से पहले संबोधित कर रहे थे । मुख्यमंत्री योगी ने शुरुआत सुर सम्रागी भारत रत्न लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि देकर की । श्रद्धांजलि देते हुए उन्होंने कहा कि लता जी ने भारत की संस्कृति और कला को जिस ऊंचाई तक पहुंचाया, उनके प्रति कोटि-कोटि नमन करते हुए मैं दुख की इस घड़ी में विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं । रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि 2017 से पहले आगरा, मथुरा और बुलंदशहर की क्या स्थितियां थी, यह किसी से छिपा नहीं है। भाजपा ने 2017 में जनता से राष्ट्रवाद, विकास और सुशासन के मुद्दे पर जो कहा था, उस पर खरा उतरने का प्रयास किया। ब्रजभूमि के इस क्षेत्र पहले दंगा और असुरक्षा का माहौल था आज वह तीर्थ स्थान के रूप में पुरातन वैभव को प्राप्त कर रहा है। शौर्य वीरों की धरती आगरा में पिछली सरकार में अराजकता का तांडव था। हमारी सरकार ने आगरा के म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी के नाम पर किया।
प्रदेश की शत प्रतिशत जनता ले चुकी है कोविड वैक्सीन की पहली डोज
मुख्यमंत्री योगी ने कोविड प्रबंधन की चर्चा करते हुए कहा कि सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान 2022 का विधान सभा चुनाव का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश और उत्तर प्रदेश में जिस तरीके से कोरोना का जो बेहतरीन प्रबंधन का कार्य आगे बढ़ावा है उसकी दुनिया ने सराहना की है। प्रधानमंत्री ने एक अभिभावक के रूप में व्यक्तिगत रुचि लेकर कोरोना का प्रबंधन किया, उसी का नतीजा है कोरोना पर नियंत्रण हुआ। फ्री टेस्ट, फ्री वैक्सीन और उपचार हो रहा है। इतना ही नहीं डबल इंजन की सरकार कोरोना कालखंड में हर गरीब परिवार को डबल डोज राशन भी उपलब्ध करा रही है।
उन्होंने कहा कि मुझे बताते हुए प्रसन्नता है कि उत्तर प्रदेश की शत प्रतिशत जनता कोविड कवच के रूप में वैक्सीन की पहली डोज ले चुकी है । 72 फीसद जनता वैक्सीन की दोनों डोज भी ले चुकी है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन ने एक सुरक्षा कवच दिया है। यह पहली बार हुआ कि देश की 135 करोड़ की आबादी को बचाने के लिए इतनी जल्दी कोई दवा मार्केट में आयी है। भारत की वैक्सीन सबसे प्रभावी दवा है । उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण 10 फरवरी तक कोरोना की तीसरी लहर पर भी नियंत्रण हो चुका होगा।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ समेत पूरे प्रदेश में तैनात होंगे “डिजिटल वॉरियर्स”
प्रयागराज/लखनऊ। महाकुम्भ 2025 में फेक न्यूज के खिलाफ अभियान चलाने, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन प्लेटफार्म पर प्रसारित करने के लिए “डिजिटल वॉरियर्स” को तैनात किया गया है। इसके लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर्स एवं कॉलेज के छात्रों को जोड़ा गया है। इस अभिनव पहल की सफलता को देखते हुए अब पुलिस महानिदेशक ने इसे पूरे प्रदेश में लागू करने के लिए समस्त विभागाध्यक्षों और कार्यालयाध्यक्षों को निर्देश दिए हैं।
मिले सार्थक परिणाम
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशा पर उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा वर्ष 2018 में एक सार्थक पहल करते हुए व्हाट्सएप पर सक्रिय समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों को डिजिटल वालंटियर्स के रूप मे जोड़ा गया था। वर्ष 2023 में यूपी पुलिस के समस्त पुलिसकर्मियों को जोड़कर “व्हाट्सएप कम्यूनिटी ग्रुप” भी बनाए गए है, जिनकी सहायता से भ्रामक खबरों का खण्डन एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है। वर्तमान में लगभग 10 लाख व्यक्ति डिजिटल वालंटियर्स के रूप में एवं लगभग 02 लाख पुलिसकर्मी कम्यूनिटी ग्रुप के माध्यम से जुड़े हुए है। इन डिजिटल वालंटियर्स के रूप में गांव, मोहल्ले और स्थानीय कस्बे के लोगों को जोड़ा गया था, जिसके सार्थक परिणाम प्राप्त हुए है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश प्रशांत कुमार द्वारा इसी दिशा में नवीन पहल करते हुए फेक न्यूज के खण्डन, साइबर अपराध के प्रति जागरूकता एवं पुलिस के सराहनीय कार्यों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म पर व्यापक रूप से प्रसारित किए जाने के लिए युवा पीढ़ी के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स एवं कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को यूपी पुलिस का “डिजिटल वॉरियर” बनाए जाने के सम्बन्ध मे प्रदेश के समस्त विभागाध्यक्ष और कार्यालयाध्यक्ष को महत्त्वपूर्ण निर्देश दिए गए है ।
लोगों को करेंगे जागरूक
कॉलेज/विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रशिक्षित करने से इनमे आलोचनात्मक सोच को विकसित किया जा सकता है, जिससे वह किसी भी जानकारी का विश्लेषण और सत्यापन करके यूपी पुलिस के “डिजिटल वॉरियर” बनकर, साइबर क्राइम एवं फेक न्यूज़ को रिपोर्ट कर सकेंगे। साथ ही यह छात्र अपने सामाजिक दायरे में फेक न्यूज एवं साइबर अपराध के प्रति अपने परिवारीजनों एवं मित्रों को भी जागरूक कर सकेंगे ।
04 श्रेणियों में होगा चयन
1- फेक न्यूज के खण्डन एवं साइबर अपराध के प्रति सचेत करने हेतु
2- साइबर अपराध के प्रति जागरुकता हेतु
3- साइबर ट्रेनर के रूप मे
4- पुलिस के अभियानों/सराहनीय कार्यों का प्रचार-प्रसार
ऐसे किया जाएगा ट्रेन्ड
इन डिजिटल वॉरियर एवं स्कूल के छात्रों को फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम की पहचान करने और इसके दुष्प्रभावों के प्रति प्रशिक्षित करने के लिए विश्वविद्यालयों/डिग्री कॉलेजों, स्कूलों में अथवा पुलिस लाइन्स में कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
इन कार्यशालाओं में साइबर क्राइम विशेषज्ञों/ फैक्ट चेकर्स, साइबर ट्रेनर और जनपदीय साइबर थाना/ साइबर सेल को शामिल किया जाएगा, जो तकनीकी ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव साझा करेंगे।
जनपदीय पुलिस अधिकारियों द्वारा सभी स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालय प्रबन्धन से आग्रह करके ‘साइबर क्लब’ स्थापित करवाये जाएंगे एवं एक शिक्षक को इसका नोडल अधिकारी नामित करवाया जाएगा ।
इस कार्य में शिक्षा विभाग एवं जनपद में प्रशासन से भी सहयोग प्राप्त किया जाएगा।
साइबर क्लब के माध्यम से कार्यशालाएं और रचनात्मक सत्र जैसे पोस्टर बनाना, स्लोगन/लघु कहानियां लिखना, सोशल मीडिया हेतु क्रिएटिव एवं वीडियो कंटेंट बनाना इत्यादि गतिविधियां कराई जाएंगी।
कमिश्नरेट, जनपद स्तर, मुख्यालय स्तर से होगी कार्यवाही
1. डिजिटल वॉरियर का चयन करना : डिजिटल वॉरियर के रूप में केवल ऐसे व्यक्ति शामिल किए जाएंगे, जिनकी छवि स्वच्छ हो और जो विवादास्पद या नकारात्मक गतिविधियों में शामिल न हों। इस कार्य मे इच्छुक उत्तर प्रदेश के बाहर के सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स को भी सम्मिलित किया जा सकता है। ऐसे समस्त डिजिटल वॉरियर को परिपत्र के साथ संलग्न फ़ॉर्म को भरकर देना होगा, जिसका गूगल लिंक भी उपलब्ध कराया जा रहा है ।
2. स्वैच्छिक सहयोग और उपक्रम (अंडरटेकिंग) लिया जाना : डिजिटल वॉरियर को चयनित करने से पूर्व उनसे संलग्न फॉर्म के माध्यम से लिखित उपक्रम लिया जाएगा, जिसमें वे यह आश्वस्त करेंगे कि वह पुलिस का सहयोग कर फेक न्यूज़ का खंडन करेंगे, किसी भी प्रकार की फेक न्यूज़ का प्रसार नहीं करेंगे, किसी भी साइबर अपराध में प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होंगे, किसी विवादास्पद सामग्री को पोस्ट नहीं करेंगे और भारतीय कानून के अधीन रहकर कार्य करेंगे। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि उनका सहयोग स्वैच्छिक होगा और उनकी सहमति के आधार पर होगा। यह सभी कार्य पूर्णतया अवैतनिक होगें।
3. डिजिटल वॉरियर के कार्यों का मासिक विवरण: डिजिटल वॉरियर द्वारा चिन्हित की गई फेक न्यूज, पुलिस के सराहनीय कार्यों व योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं पुलिस द्वारा किए गए खण्डन के व्यापक प्रसार का मासिक विवरण भी संकलित किया जायेगा।
4. नोडल अधिकारी की नियुक्ति: प्रत्येक जनपद में एसपी अपराध/नोडल एसपी क्राइम/डीसीपी क्राइम/ एडीसीपी क्राइम को इस कार्य एवं सोशल मीडिया अभियानों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा ।
5. डिजिटल वॉरियर द्वारा दायित्वों का पालन: कार्य में रुचि न रखने वाले, अपने दायित्वों का दुरुपयोग करने अथवा स्वयं घोषणा पत्र मे उल्लिखित शर्तों का उल्लंघन करने वाले डिजिटल वॉरियर से यूपी पुलिस किसी प्रकार का कार्य नहीं लेगी।
6. डिजिटल वॉरियर का प्रोत्साहन: डिजिटल वॉरियर द्वारा उपलब्ध कराए गए विवरण के आधार पर प्रतिबद्धता से कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर के गुणवत्तापूर्ण सोशल मीडिया कंटेन्ट को जनपदीय सरकारी सोशल मीडिया पर प्रयोग करने के साथ-साथ उनको प्रशस्ति पत्र एवं मेमेंटों इत्यादि देकर प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा । पुलिस मुख्यालय द्वारा भी इस दिशा मे उत्कृष्ट कार्य करने वाले डिजिटल वॉरियर को समीक्षोपरांत प्रोत्साहित/पुरस्कृत किया जाएगा ।
फेक न्यूज के खिलाफ बनेंगे मजबूत दीवार
उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज एवं साइबर क्राइम के खिलाफ जागरूकता अभियान हेतु आयोजित कार्यशालाओं में स्कूल के छात्रों को भी सम्मिलित किया जाएगा परन्तु ‘डिजिटल वॉरियर’ के रूप मे सिर्फ कॉलेज/ विश्वविद्यालयों के छात्रों एवं सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स का चयन किया जाएगा ।
जनपद एवं मुख्यालय स्तर पर ‘डिजिटल वॉरियर’ का एक व्हाट्सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा और पूर्ण प्रशिक्षण के उपरांत यूपी पुलिस के ‘डिजिटल वॉरियर’ फेक न्यूज़ एवं साइबर क्राइम के खिलाफ एक मजबूत दीवार के रूप में कार्य करेंगे।
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