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‘असली शिवसेना’ कौन? 25 अगस्त को तय करेगी 5 जजों की संविधान पीठ

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नई दिल्ली। शिवसेना पर कब्ज़े को लेकर हुए विवाद की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में हुई। कोर्ट ने अब इस मामले को 5 जजों की संविधान पीठ को सौंप दिया है जिस पर सुनवाई अब 25 अगस्त गुरुवार को होगी। कोर्ट ने चुनाव आयोग को निर्देश दिया कि वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खेमे द्वारा ‘असली शिवसेना’ पार्टी के रूप में मान्यता देने और उसे चुनाव चिह्न आवंटित करने के लिए दायर आवेदन पर गुरुवार तक कोई कार्रवाई न करे।

सुनवाई से पहले पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा था कि कोर्ट में जो होगा वो देखा जाएगा। न्यायपालिका पर मुझे पूरा भरोसा है। जनभावना मेरे साथ है।

सुप्रीम कोर्ट में अब तक तीन सुनवाई पूरी

बता दें इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अभी तक तीन बार सुनवाई हुई है। दोनों पक्षों के वकील अपनी-अपनी दलीलें दे चुके हैं। हालांकि अभी तक सुनवाई पूरी नहीं हुई है। चीफ जस्टिस का इसी महीने रिटायरमेंट भी हैं ऐसे में माना जा रहा है कि इस मामले में फैसला रिटायरमेंट से पहले आ सकता है।

सीएम सहित इन विधायकों की अयोग्यता पर सुनवाई

याचिका में एकनाथ शिंदे, भरतशेट गोगावले, संदिपानराव भुमरे, अब्दुल सत्तार, संजय शिरसाट, यामिनी जाधव, अनिल बाबर, बालाजी किणीकर, तानाजी सावंत, प्रकाश सुर्वे, महेश शिंदे, लता सोनवणे, चिमणराव पाटिल, रमेश बोरनारे, संजय रायमूलकर और बालाजी कल्याणकर, को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है। इसी याचिका की भी सुनवाई की जाएगी।

महाराष्ट्र में शिंदे की बगावत के बाद बदली थी सत्ता

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे की बगावत के बाद शिंदे गुट में बागी विधायकों का कुनबा 50 के पार पहुंच गया था। इसके बाद महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन हुआ था। उद्धव ठाकरे को इस्तीफा देना पड़ा था। भाजपा के समर्थन से एकनाथ शिंदे सीएम और देवेन्द्र फडणवीस डिप्टी सीएम बने।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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