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उत्तर प्रदेश

कौन होगा यूपी का नया अपर मुख्य सचिव (गृह), इस अफसरों की चर्चा सबसे ज्यादा

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लखनऊ। उप्र के अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी कल 31 अगस्त को अपने इस पद की अधिवर्षता पूरी करने जा रहे हैं। उनको इस पद पर सेवा विस्तार देने की अटकलों के बीच विकल्प की तलाश भी शुरू हो गई है। फिलहाल चार वरिष्ठ आईएएस अफसरों का नाम इस पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में है।

भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वर्ष 1987 बैच के अफसर अवनीश अवस्थी को 31 जुलाई 2019 को गृह विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। मौजूदा समय में उनके पास यूपीडा के सीईओ के साथ-साथ ऊर्जा विभाग का भी पदभार है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी अफसरों में शुमार अवनीश अवस्थी को वर्ष 2017 में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया गया था।

अमित मोहन, अमृत अभिजात के नाम की चर्चा

गृह विभाग के नए मुखिया के रूप में फिलहाल अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार और प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में है।

यूपीडा से जुड़े काम के जरिये थीं सेवाविस्तार की अटकलें

योगी सरकार में गृह और यूपीडा से संबंधित अपने कार्यों की बदौलत सबसे ज्यादा चर्चा में रहे अवनीश अवस्थी को सेवा विस्तार मिलने की अटकलें भी लगाई जाती रही हैं। हालांकि अभी तक इस बारे में कोई फैसला न हो पाने से इन अटकलों को खारिज भी किया जाने लगा है।

अपर मुख्य सचिव गृह के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान वह प्रदेश में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू किए जाने समेत कई बड़े फैसलों के सूत्रधार बने। उनके कार्यकाल में उपद्रवियों से वसूली का कानून बना तो पुलिस सुधारों से संबंधित कई कार्य भी हुए। इसी तरह उनके कार्यकाल में यूपीडा ने प्रदेश में दो नए एक्सप्रेस-वे बनाए।

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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