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उत्तराखंड

कौन होगा उत्तराखंड का अगला CM? पीएम मोदी और अमित शाह आज कर सकते हैं नाम पर मंथन

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उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार ने भारतीय जनता पार्टी को दुविधा में डाल दिया है। बीजेपी अब उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के नाम पर विचार कर रही है। इसमें एक नाम धामी का भी है। विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए बीजेपी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को देहरादून भेजने पर विचार कर रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कौन-कौन है?

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की रेस में पुष्कर सिंह धामी के अलावा धन सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह शनिवार को नए मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को मोदी और शाह की बैठक होगी।

विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की जीत की स्थिति में पुष्कर सिंह धामी के पद पर बने रहने की उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि चुनाव परिणाम में बीजेपी ने तो सत्ता बरकरार रखी लेकिन धामी चुनाव हार गए। केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को नए नेता के चुनाव के लिए विधायक दल की बैठक की निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में उत्तराखंड भेजा जा सकता है। विधायक दल की बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।

बीजेपी ने उत्तराखंड में कैसा इतिहास बनाया है?

बीजेपी ने सत्ता बरकरार रखते हुए उत्तराखंड में इतिहास रच दिया है। इससे पहले इस पहाड़ी राज्य में कोई भी दल विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता बरकरार रखने में सफल नहीं रहा है। बीजेपी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीती हैं। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए थे। धामी की उनकी परंपरागत सीट खटीमा से कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने 6 हजार वोटों से हराया है।

कौन होगा उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री?

बीजेपी में इस बात की भी चर्चा है कि क्या शीर्ष नेतृत्व पुष्कर सिंह धामी के नाम पर एक बार फिर से भरोसा करेंगे। अगर पार्टी नेतृत्व धामी पर ही भरोसा जताता है तो इसके लिए जरूरी होगा कि कोई मौजूदा विधायक धामी के लिए अपनी सीट छोड़े, जिससे उपचुनाव में वह दोबारा चुनाव लड़ सकें। दूसरा विकल्प यह है कि बीजेपी के नव-निर्वाचित विधायकों में से ही किसी को नया मुख्यमंत्री चुना जाए। बीजेपी के पास इस पद के लिए राज्य के अपने वरिष्ठ नेताओं में से किसी को चुनने का भी विकल्प भी है,जो वर्तमान में विधायक नहीं हैं।

बीजेपी ने 2017 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के बाद जयराम ठाकुर के रूप में एक नया मुख्यमंत्री चुना था। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए उसके पंसदीदा और वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे। ठाकुर जीते विधायकों में से एक थे।

बीजेपी ने उत्तराखंड में अपनी सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में दो मुख्यमंत्रियों को बदल दिया था। धामी ने पिछले साल जुलाई में सत्ता संभाली थी। 46 साल के धामी को पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा था जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मुकाबले से पहले सत्ता विरोधी लहर को निष्प्रभावी करने में कामयाब रहे।

उत्तराखंड

उत्तराखंड में जनवरी 2025 से लागू होगा UCC, सीएम धामी ने किया एलान

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को ऐलान किया कि राज्य में जनवरी 2025 से समान नागरिक संहिता (UCC) लागू कर दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह घोषणा देहरादून में उत्तराखंड निवेश और आधारिक संरचना विकास बोर्ड (UIIDB) की बैठक के दौरान की। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार अपने संकल्प के अनुसार UCC को लागू करने के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है और जनवरी 2025 से इसे राज्यभर में लागू कर दिया जाएगा।

इसके साथ ही उत्तराखंड आजादी के बाद समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला प्रदेश बन जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में 2022 विधानसभा चुनाव के दौरान जनता से किए गए वादे को पूरा किया जा रहा है। मार्च 2022 में जब राज्य में नई सरकार बनी थी, तो पहले ही मंत्रिमंडल की बैठक में यूसीसी लागू करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति गठित करने का निर्णय लिया गया था।

उन्होंने बताया कि इस समिति की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई ने की और इस समिति ने अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को दी। उसी रिपोर्ट के आधार पर 7 फरवरी 2024 को राज्य विधानसभा में समान नागरिक संहिता विधेयक-2024 पारित किया गया। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि विधेयक पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सहमति मिलने के बाद 12 मार्च 2024 को इसे अधिसूचित किया गया। सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य समाज में समानता लाना और खासकर देवभूमि की महिलाओं और बच्चों के सशक्तिकरण के नए द्वार खोलना है। उन्होंने इसे ‘सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास’ की मूल भावना के अनुरूप बताया।

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