Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

कौन होगा उत्तराखंड का अगला CM? पीएम मोदी और अमित शाह आज कर सकते हैं नाम पर मंथन

Published

on

Loading

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की हार ने भारतीय जनता पार्टी को दुविधा में डाल दिया है। बीजेपी अब उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के नाम पर विचार कर रही है। इसमें एक नाम धामी का भी है। विधायक दल के नेता के चुनाव के लिए बीजेपी ने केंद्रीय पर्यवेक्षकों को देहरादून भेजने पर विचार कर रही है।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की दौड़ में कौन-कौन है?

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री की रेस में पुष्कर सिंह धामी के अलावा धन सिंह रावत और सतपाल महाराज का नाम सबसे आगे चल रहा है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह शनिवार को नए मुख्यमंत्री के नाम पर मंथन कर सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक शनिवार को मोदी और शाह की बैठक होगी।

विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की जीत की स्थिति में पुष्कर सिंह धामी के पद पर बने रहने की उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि चुनाव परिणाम में बीजेपी ने तो सत्ता बरकरार रखी लेकिन धामी चुनाव हार गए। केंद्रीय मंत्रियों पीयूष गोयल और धर्मेंद्र प्रधान को नए नेता के चुनाव के लिए विधायक दल की बैठक की निगरानी के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में उत्तराखंड भेजा जा सकता है। विधायक दल की बैठक के लिए अभी कोई तारीख तय नहीं की गई है।

बीजेपी ने उत्तराखंड में कैसा इतिहास बनाया है?

बीजेपी ने सत्ता बरकरार रखते हुए उत्तराखंड में इतिहास रच दिया है। इससे पहले इस पहाड़ी राज्य में कोई भी दल विधानसभा चुनाव जीतकर सत्ता बरकरार रखने में सफल नहीं रहा है। बीजेपी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 47 सीटें जीती हैं। लेकिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी चुनाव हार गए थे। धामी की उनकी परंपरागत सीट खटीमा से कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने 6 हजार वोटों से हराया है।

कौन होगा उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री?

बीजेपी में इस बात की भी चर्चा है कि क्या शीर्ष नेतृत्व पुष्कर सिंह धामी के नाम पर एक बार फिर से भरोसा करेंगे। अगर पार्टी नेतृत्व धामी पर ही भरोसा जताता है तो इसके लिए जरूरी होगा कि कोई मौजूदा विधायक धामी के लिए अपनी सीट छोड़े, जिससे उपचुनाव में वह दोबारा चुनाव लड़ सकें। दूसरा विकल्प यह है कि बीजेपी के नव-निर्वाचित विधायकों में से ही किसी को नया मुख्यमंत्री चुना जाए। बीजेपी के पास इस पद के लिए राज्य के अपने वरिष्ठ नेताओं में से किसी को चुनने का भी विकल्प भी है,जो वर्तमान में विधायक नहीं हैं।

बीजेपी ने 2017 के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में अपनी जीत के बाद जयराम ठाकुर के रूप में एक नया मुख्यमंत्री चुना था। ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्यमंत्री पद के लिए उसके पंसदीदा और वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार धूमल चुनाव हार गए थे। ठाकुर जीते विधायकों में से एक थे।

बीजेपी ने उत्तराखंड में अपनी सरकार के कार्यकाल के अंतिम वर्ष में दो मुख्यमंत्रियों को बदल दिया था। धामी ने पिछले साल जुलाई में सत्ता संभाली थी। 46 साल के धामी को पार्टी ने एक ऐसे व्यक्ति के रूप में देखा था जो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मुकाबले से पहले सत्ता विरोधी लहर को निष्प्रभावी करने में कामयाब रहे।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending