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भारत में क्यों इस्तेमाल किए जाते तीन ब्लेड वाले पंखे, जानकर सिर पकड़ लेंगे आप!

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नई दिल्ली। गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा राहत देने वाली चीज पंखा होता है। भारत में लगभग हर घर में आपको पंखे मिल जाएंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत के पंखों में क्यों तीन ही ब्लेड होते हैं जबकि विदेशों के पंखों में चार ब्लेड लगे होते हैं? अगर आपका जवाब न है तो हम बताते हैं।

अमेरिका, रूस या ठंडे देशों में लोग अपने घरों में 4 ब्लेड वाले पंखे इस्तेमाल करते हैं। चूंकि वहां लोगों के पास एयर कंडीशनर (एसी) होता है, इसलिए वो पंखों का इस्तेमाल एसी के सप्लीमेंट के रूप में करते हैं, जिसका मकसद एसी की हवा को पूरे कमरे में फैलाना होता है।

भारत में पंखों का इस्तेमाल ठंडी हवा के लिए किया जाता है। गर्मियों के मौसम में यह काफी आरामदायक होता है। आपको बता दें कि तीन ब्लेड वाले पंखे चार ब्लेड वाले पंखों की तुलना में हल्के होते हैं और काफी तेज भी चलते हैं। इसलिए भारत में अधिकतर 3 ब्लेड वाले पंखे ही इस्तेमाल होते हैं।

चार ब्लेड्स वाले पंखों की तुलना में तीन ब्लेड वाले पंखे से बिजली की बचत होती है। छोटे कमरों के लिए तीन ब्लेड वाले पंखे काफी फायदेमंद होते हैं। यह कमरे के चारों कोनों तक हवा पहुंचाते हैं। साथ ही चार ब्लेड्स वाले पंखों की अपेक्षा तीन ब्लेड वाले पंखे कम दाम में भी मिल जाते हैं।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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