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ऑफ़बीट

भारत में क्यों इस्तेमाल किए जाते तीन ब्लेड वाले पंखे, जानकर सिर पकड़ लेंगे आप!

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नई दिल्ली। गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा राहत देने वाली चीज पंखा होता है। भारत में लगभग हर घर में आपको पंखे मिल जाएंगे, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारत के पंखों में क्यों तीन ही ब्लेड होते हैं जबकि विदेशों के पंखों में चार ब्लेड लगे होते हैं? अगर आपका जवाब न है तो हम बताते हैं।

अमेरिका, रूस या ठंडे देशों में लोग अपने घरों में 4 ब्लेड वाले पंखे इस्तेमाल करते हैं। चूंकि वहां लोगों के पास एयर कंडीशनर (एसी) होता है, इसलिए वो पंखों का इस्तेमाल एसी के सप्लीमेंट के रूप में करते हैं, जिसका मकसद एसी की हवा को पूरे कमरे में फैलाना होता है।

भारत में पंखों का इस्तेमाल ठंडी हवा के लिए किया जाता है। गर्मियों के मौसम में यह काफी आरामदायक होता है। आपको बता दें कि तीन ब्लेड वाले पंखे चार ब्लेड वाले पंखों की तुलना में हल्के होते हैं और काफी तेज भी चलते हैं। इसलिए भारत में अधिकतर 3 ब्लेड वाले पंखे ही इस्तेमाल होते हैं।

चार ब्लेड्स वाले पंखों की तुलना में तीन ब्लेड वाले पंखे से बिजली की बचत होती है। छोटे कमरों के लिए तीन ब्लेड वाले पंखे काफी फायदेमंद होते हैं। यह कमरे के चारों कोनों तक हवा पहुंचाते हैं। साथ ही चार ब्लेड्स वाले पंखों की अपेक्षा तीन ब्लेड वाले पंखे कम दाम में भी मिल जाते हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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