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बिजनेस

6.75 लाख से भी ज्यादा कनेक्शन के साथ जियो पूर्वी यूपी में वायरलाइन ब्रॉडबैंड सेवा में सबसे आगे

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लखनऊ: रिलायंस जियो ने अपने जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर सेवाओं के माध्यम से पूर्वी उत्तर प्रदेश में डिजिटल समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 31 जुलाई, 2024 तक क्षेत्र में 6.75 लाख से अधिक परिसरों को जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर सेवाओं से जोड़ा गया है।

जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर सेवाएं अब क्षेत्र के विभिन्न घरों, व्यवसायों और उद्यमों में व्यापक रूप से उपलब्ध हो चुकी हैं। पूर्वी यूपी में जियो की वायरलाइन ब्रॉडबैंड सेवा की बाजार हिस्सेदारी लगभग 65 फीसदी है, जिससे यह क्षेत्र का सबसे अग्रणी सेवा प्रदाता है।

जियो की वायरलाइन ब्रॉडबैंड सेवाएं पूर्वी उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कानपूर, बनारस, प्रयागराज, झाँसी, गोरखपुर समेत सभी प्रमुख शहरों और तहसीलों में उपलब्ध हैं, जो उपभोक्ताओं को निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान कर रही हैं। हाल ही में, जियो ने “जियो टीवी प्लस 2 इन 1 ऑफर” पेश किया है, जिसके तहत एक कनेक्शन से दो टीवी जोड़े जा सकते हैं। जियो एयर फाइबर की शुरुआती कीमत 2,121 रुपए है, जिसमें 3 महीने का अनलिमिटेड डेटा, 800+ चैनल्स और 14 से अधिक ओटीटी एप्स का सब्सक्रिप्शन शामिल है।

क्षेत्र में जियो लगातार वायरलाइन ब्रॉडबैंड में अग्रणी सेवा प्रदाता बना हुआ है। ट्राई की रिपोर्ट के अनुसार जियो हर महीने सबसे अधिक उपभोक्ता अपने जियो फाइबर और जियो एयर फाइबर सेवाओं से जोड़ रहा है। जियो की सेवाएं सुचारु रूप से क्षेत्र के सभी शहरों एवं गावों में उपलब्ध हैं जो की लोगों को हाई स्पीड डाटा और निर्बाध कनेक्टिविटी प्रदान कर रही है।

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नेशनल

भारतीय चुनाव पर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा ने मांगी माफी, कहा- अनजाने में गलती हुई

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नई दिल्ली। 2024 के चुनाव को लेकर मार्क जुकरबर्ग की टिप्पणी पर मेटा की भारतीय ईकाई मेटा इंडिया ने माफी मांग ली है। कंपनी ने कहा कि अनजाने में हुई गलती के लिए हम माफी मांगते हैं। मेटा इंडिया में सार्वजनिक नीति के निदेशक के तौर पर काम करने वाले शिवनाथ ठुकराल ने एक्स पर एक पोस्ट में सीईओ की तरफ से माफी मांगी। उन्होंने कहा, ‘मार्क का यह कहना कि 2024 के चुनावों में कई मौजूदा पार्टियां फिर से चुनकर नहीं आईं, कई देशों के लिए सही है, लेकिन भारत के मामले में ऐसा नहीं है। हम इस अनजाने में हुई गलती के लिए माफी चाहते हैं। भारत मेटा के लिए एक अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण देश बना हुआ है और हम इसके शानदार भविष्य के केंद्र में होने की आशा करते हैं।’

इससे पहले केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रोगन पॉडकास्ट पर जुकरबर्ग द्वारा की गई टिप्पणियों की आलोचना की थी। वैष्णव ने 13 जनवरी को एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा था कि मार्क जुकरबर्ग का यह दावा कि 2024 के चुनावों में भारत सहित अधिकांश मौजूदा सरकारें कोविड के बाद हार गई हैं, तथ्यात्मक रूप से गलत है। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, भारत ने 2024 के चुनावों को 64 करोड़ से अधिक मतदाताओं के साथ संचालित किया। भारत के लोगों ने पीएम @narendramodi जी के नेतृत्व में एनडीए में अपने विश्वास की पुष्टि की। मंत्री ने जुकरबर्ग की टिप्पणियों को गलत सूचना बताते हुए खारिज कर दिया था, और यह स्पष्ट किया था कि मेटा को तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखना चाहिए।

वैष्णव ने कहा कि 80 करोड़ लोगों के लिए मुफ्त भोजन, 2. 2 अरब मुफ्त टीके और कोविड के दौरान दुनिया भर के देशों को सहायता से लेकर भारत को सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाने तक, पीएम मोदी की निर्णायक तीसरी बार की जीत सुशासन और जनता के भरोसे का प्रमाण है। @मेटा, जुकरबर्ग से खुद गलत सूचना देखना निराशाजनक है। आइए तथ्यों और विश्वसनीयता को बनाए रखें। संचार और सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के प्रमुख भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने मंगलवार को कहा था कि पैनल अपने अध्यक्ष की टिप्पणियों के बाद फर्म को तलब करेगा कि भारत की सत्तारूढ़ व्यवस्था पिछले साल लोकसभा चुनाव हार गई थी।

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