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अचानक लोहिया अस्पताल पहुंचे सीएम योगी, देखा कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन

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लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य भारत सरकार की गाइडलाइन्स के अनुरूप संचालित किया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि केन्द्र द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के क्रम में प्रथम चरण सहित आगामी चरणों में कोरोना वैक्सीनेशन की कार्यवाही संपन्न की जाए।

इस बीच बीच मंगलवार को पूरे उत्तर प्रदेश में कोरोना वैक्सीनेशन का ड्राई रन जारी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद लखनऊ के लोहिया संस्थान में वैक्सीन का ट्रायल देखने के लिए पहुंचे और अफसरों से बात की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया कि कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने में रखें पूरी पारदर्शिता, आम और ख़ास में भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से निर्धारित क्रम के अनुसार ही बारी आने पर ही वैक्सीन लगाई जाएं। सीएम ने कहा कि सबसे पहले नौ लाख हेल्थ वर्करों को, इसके बाद आवश्यक सेवाओं के लोगों को, तत्पश्चात पचास साल से ऊपर की उम्र के लोगों को वैक्सीन लगेगी।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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