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उत्तर प्रदेश

योगी सरकार ने ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ को दी मंजूरी

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लखनऊ। योगी सरकार ने राज्य के युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ (मुख्यमंत्री युवा) को लागू करने का निर्णय लिया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह योजना प्रदेश के अर्थव्यवस्था में एमएसएमई क्षेत्र के महत्वपूर्ण योगदान को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है। मंत्रिपरिषद की बैठक में कुल 25 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।

1 लाख शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को मिलेगी सहायता

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मंत्री राकेश सचान ने बताया कि इस योजना के तहत, आगामी 10 वर्षों में 10 लाख सूक्ष्म इकाइयों की स्थापना की जाएगी, जिससे प्रदेश के 1 लाख शिक्षित और प्रशिक्षित युवाओं को प्रतिवर्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना है और प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ना है। इस योजना के अंतर्गत आवेदक की न्यूनतम शैक्षिक योग्यता कक्षा आठ पास होनी चाहिए, हालांकि इण्टरमीडिएट उत्तीर्ण आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके अलावा, आवेदक को विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत प्रशिक्षित होना अनिवार्य होगा, जैसे- विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जनपद एक उत्पाद योजना, अनुसूचित जाति/जनजाति प्रशिक्षण योजनाएं और उत्तर प्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा संचालित कौशल उन्नयन कार्यक्रम।

5 लाख तक की परियोजनाओं पर मिलेगी सब्सिडी

उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सूक्ष्म उद्यमों और सेवा क्षेत्र में 5 लाख रुपये तक की परियोजनाओं पर ऋण पर अनुदान प्रदान किया जाएगा। यदि परियोजना की लागत 10 लाख रुपये तक है, तो शेष धनराशि का प्रबंध लाभार्थी को स्वयं करना होगा। सामान्य वर्ग के लाभार्थियों को परियोजना लागत का 15 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग के लाभार्थियों को 12.5 प्रतिशत, और अनुसूचित जाति, जनजाति और दिव्यांगजन को 10 प्रतिशत स्वयं के अंशदान के रूप में जमा करना होगा।

बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आकांक्षी जिलों के लिए विशेष प्राविधान

योजना में बुंदेलखंड, पूर्वांचल और आकांक्षी जिलों जैसे चित्रकूट, चन्दौली, सोनभद्र, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच के लाभार्थियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। इन क्षेत्रों के लाभार्थियों को भी परियोजना लागत का 10 प्रतिशत अंशदान देना होगा। इस योजना में ऋण पर 4 वर्षों के लिए शत-प्रतिशत ब्याज उपदान दिया जाएगा और लोन की तिथि से 6 माह की अधिस्थगन अवधि (Moratorium Period) भी मिलेगी।

दूसरे चरण में 10 लाख रुपए तक की परियोजनाओं के लिए मिलेगी वित्तीय सहायता

इस योजना के तहत पहली बार लाभ पाने वाले युवा दूसरे चरण के लिए भी पात्र होंगे, जहां उन्हें अधिकतम 10 लाख रुपये तक की परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। योजना में डिजिटल ट्रांजैक्शन को भी बढ़ावा दिया गया है, जिसके तहत प्रति ट्रांजैक्शन 1 रुपये और अधिकतम 2000 रुपये प्रति वर्ष का अतिरिक्त अनुदान भी दिया जाएगा।

किसानों की आय बढ़ाने के लिए यूपी एग्रीस योजना को मंजूरी

किसानों की आय बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव यूपी एग्रीस को भी मंजूरी प्रदान की। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि यूपी में 9 क्लाइमेटिक जोन हैं इसमें बुंदेलखंड और पूर्वोत्तर की प्रोडक्टिविटी पश्चिम की अपेक्षा कम रहती है। ऐसे में, इसे बढ़ाने और नवाचार, आर्थिक बढ़ोत्तरी समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को लाभ देना है। यह 28 जनपद में लागू होगी। झांसी, चित्रकूट, गोरखपुर, वाराणसी, विंध्य, आजमगढ़, बस्ती और देवीपाटन मंडल के जिलों में परियोजना लागू की जाएगी। भारत सरकार द्वारा घोषित 8 एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में से 7 को योजना से कवर किया गया है। 100 एस्पिरेशनल ब्लॉक में से पचास को यह कवर करते हैं। इससे किसानों, कृषि संगठनों, उद्योगों समेत विभिन्न समूहों को फूड प्रोसेसिंग समेत विभिन्न परियोजनाओं से जोड़ा जाएगा। यह परियोजना 4000 करोड़ की होगी और छह वर्षों के भीतर लागू होगी। इस वर्ष के बजट में 200 करोड़ का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया था। राज्य सरकार द्वार परियोजना में कुल मिलाकर ग्यारह सौ छाछठ करोड़ रुपए दिए जाएंगे। परियोजना में विश्व बैंक द्वारा 2737 करोड़ रुपए लगाए जाएंगे। ऋण वापसी की अवधि पैंतीव वर्षों की होगी और ब्याजदर 1.23 परसेंट रहेगी।

उच्च शिक्षा के विकास के लिए प्रोत्साहन नीति को मिली मंजूरी

योगी सरकार ने राज्य में उच्च शिक्षा के क्षेत्र को सुदृढ़ करने और युवाओं के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ‘उत्तर प्रदेश उच्च शिक्षा प्रोत्साहन नीति, 2024’ को लागू किया है। उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने बताया कि यह नीति प्रदेश में बढ़ती उच्च शिक्षा की मांग को पूरा करने के लिए निजी निवेश को प्रोत्साहित करेगी। इसके माध्यम से छात्रों को राज्य में ही उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना से प्रदेश के युवाओं के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे। इस नीति के अंतर्गत, प्रायोजक निकायों को स्टाम्प शुल्क में छूट, कैपिटल सब्सिडी, और विशेष लाभ प्रदान किए जाएंगे। साथ ही, एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 50 में स्थान प्राप्त करने वाले विश्वविद्यालयों को भी अतिरिक्त लाभ दिए जाएंगे। कैबिनेट बैठक में मथुरा और मेरठ में दो नए निजी विश्वविद्यालयों की स्थापना के प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। मथुरा में केडी विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए ‘राजीव मेमोरियल एकेडमिक वेलफेयर सोसाइटी’ को आशय-पत्र जारी किया गया है। इसी प्रकार, मेरठ में विद्या विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए ‘विद्या बाल मण्डली’ द्वारा 42.755 एकड़ भूमि पर प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है।

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उत्तर प्रदेश

महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम

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लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।

महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।

3 चरणों में संचालन

एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।

प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।

550 शटल बसें चलाई जाएंगी

एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।

उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।

इन मार्गों प्रभाग संचालन

एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।

इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।

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