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प्रादेशिक

जरूरतमंदो का सहारा बनी योगी सरकार, कोरोना काल में लाखों लोगों को करा रही है निःशुल्क भोजन

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लखनऊ। यूपी में कोरोना काल में योगी सरकार लाखों लोगों को रोजाना निशुल्क भरपेट भोजन कराने वाला राज्य बन गया है। श्रमिक, ठेला, रेहड़ी व्यवसाई, दिहाड़ी मजदूरों को भोजन की समस्या न हो और प्रदेश में कोई भूखा न रहे। इस उद्देश्य से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से यूपी के प्रत्येक जनपद में कम्युनिटी किचन की सकारात्मक पहल जरूरतमंदों का बड़ा सहारा बनी है।

सरकार ने 75 जिलों में 416 कम्युनिटी किचन की स्थापना की है। इन सरकारी कम्युनिटी किचन के माध्यम से फूड पैकेट लोगों तक मुफ्त पहुंचाए जा रहे हैं। इस पहल में सरकार का साथ स्वैच्छिक व निजी संस्थाएं भी दे रही हैं। उनकी ओर से प्रदेश में 158 कम्युनिटी किचन संचालित किये गये हैं।

प्रदेश में 416 सरकारी कम्युनिटी किचन से आज तक 513730 लोगों को फूड पैकेट का वितरण किया जा चुका है। सरकार की ओर से 6116 क्षेत्रों व मोहल्लों में 499730 फूड पैकेट बांटे गये है। जरूरतमंदों, श्रमिकों गौर गरीबों को निशुल्क भोजन कराने के लिये गैर सरकारी स्वैच्छिक संस्थाओं की ओर से भी लगातार प्रयास किये जा रहे हैं।

प्रदेश में संस्थाओं की ओर से 158 कम्युनिटी किचन संचालित हैं। इनके माध्यम से अभी तक कुल 604463 लोगों को फूड पैकेटों का वितरण किया गया है। 3145 मोहल्लों में 604990 लोगों को भोजन के पैकेट देकर उनकी भूख शांत कराने का काम किया गया है। देश में किसी अन्य राज्य के मुकाबले कोरोना काल में इतनी बड़ी संख्या में कम्युनिटी किचन संचालित करके लाखों लोगों को भोजन कराने में भी उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर बना हुआ है। सरकार की ओर से किये जा रहे प्रयास से लोगों ने राहत की सांस ली है। कोरोना कर्फ्यू के दौरान उनको भोजन की कमी नहीं आने दी गई है।

नगर निगमों में सामुदायिक रसोई करा रही लोगों को निशुल्क भोजन

सरकार की ओर से कोविड अस्पतालों में भी मरीजों के तीमादारों के लिये कम्युनिटी किचन की बनवाएं हैं जिससे इलाज कराने के दौरान उनके परिवारीजनों को भरपेट भोजन मिल सके। सरकार की पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रदेश के सभी नगर निगमों ने सामुदायिक रसोई की शुरुआत की है। इसके माध्यम से शहर में बस्तियों और जरूतमंदों को रोजाना भोजन कराया जा रहा है। महापौर, पार्षद और नगर निगम कर्मचारी इस काम में तेजी से जुटे हुए हैं।

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जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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