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40 की उम्र के बाद भी दिखना है जवान, तो इन चीज़ों को करें लाइफस्टाइल में शामिल

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40 की उम्र तक पहुंचते-पहुंचते चेहरे पर झुर्रियां और शरीर में ऊर्जा स्तर की कमी साफ दिखनी शुरू हो जाती है। यानी हम पर बढ़ती उम्र का असर अपना रंग दिखाने लगता है। ये असर खासतौर पर महिलाओं में कहीं अधिक नज़र आता है। इसलिये इस दौरान हमें अपनी सेहत का खास ख्याल रखना चाहिए। हालांकि, बढ़ती उम्र को रोकना हमारे बस के बाहर की बात है। फिर भी ऐसे में अगर हम स्वास्थ्य संबंधी कुछ उपायों पर ध्यान दें तो बढ़ती उम्र के ये इन प्रभावों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

Aging Types, Causes, and Prevention

वैसे ये उपाय कोई कठिन भी नहीं होते क्योंकि ये हमारी जीवन-शैली से जुड़े कुछ जरूरी तौर-तरीके और आदतें ही होते हैं। जिन्हें अपनाकर हम 40 या उससे ऊपर की आयु में भी पूरी तरह से फिट और जवां दिखते रह सकते हैं। तो आइये जानते हैं ऐसे ही कुछ उपायों के बारे में।

सेरेल्स यानी बीजों को करें अपनी डाइट में शामिल

Benefits Of Edible Seeds And 16 Ways To Use Them In Daily Food by Archana's  Kitchen

बीजों में वेजिटेबल-प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है। प्रोटीन द्वारा ही हमारे शरीर के मसल्स और हड्डियों का निर्माण होता है। इसके अलावा ये तमाम तरह के मिनरल्स और फाइबर के भी अच्छे स्रोत होते हैं। साथ ही इनमें फाइटोन्यूट्रिएंट्स भी पाये जाते हैं जो हमारी जैविक-प्रणाली को दुरुस्त बनाये रखने में अहम भूमिका रखते हैं। तरह-तरह के बीजों को आपस में मिक्स करके लेना कहीं बेहतर होता है। क्योंकि इस तरह हमें शरीर के लिये सभी आवश्यक एमीनो-एसिड्स पर्याप्त मात्रा में मिल जाते हैं और इस तरह हमारी प्रोटीन संबंधी सभी जरूरतें अच्छी तरह पूरी हो जाती हैं। इसके लिये हम चने, मूंगफली, मूंग, उड़द या सोयाबीन के बीजों के अलावा सूरजमुखी और कद्दू आदि के बीजों का सेवन भी कर सकते हैं।

डाइट में दही शामिल करें

How To Make Homemade Yogurt - Curd by Archana's Kitchen

दही में अच्छे बैक्टीरिया पाये जाते हैं। जो खासकर हमारी आंतों की सेहत के लिये काफी फायदेमंद होते हैं। इसीलिये दही को कुछ मायनों में सेहत के लिये दूध से भी कहीं अधिक फायदेमंद माना जाता है। इसका सेवन हमारे ब्लड-प्रेशर को नियंत्रित रखने में बहुत कारगर सिद्ध होता है। दही में प्रोटीन, फैट और कैल्शियम की भी अच्छी मात्रा पाई जाती है। इसके साथ ही दही में लगभग सारे विटामिन्स भी मिलते हैं। जो हमारी विटैलिटी या जीवनी-शक्ति बरकरार रखने का काम करते हैं। दही का नियमित सेवन एजिंग यानी बढ़ती उम्र के असर को रोककर हमें जवां बनाये रखने में बहुत मददगार है।

देर रात के खाने और सोने की आदत बदलें

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डॉक्टरों का मानना है कि अच्छी सेहत बनाये रखने के लिये हमें रात को ज़ल्द खाना खाकर सो जाना चाहिये और सुबह भी जल्द ही उठ जाना चाहिये। हालांकि, रात के खाने और उसके बाद सोने में दो घंटे का अंतर भी होना चाहिये पर आजकल की व्यस्त दिनचर्या वाली जीवन-शैली में हम अक्सर देर रात तक जागते रहते हैं और देर से खाना खाते हैं। इसका असर यह होता है कि हमारे शरीर में फैट और कार्बोहाइड्रेट वगैरह एनर्जी देने वाले तत्व ठीक से बर्न नहीं हो पाते। जिस वज़ह से हमें डायबिटीज़ या हार्ट-डिज़ीज जैसी दिक्कतों की आशंका बढ़ जाती है। खासतौर से बढ़ती उम्र के दौरान ये समस्यायें अक्सर पेश आती हैं। इसलिये इस दौर में सेहत बनाये रखने की खातिर हमें जल्दी खाना खाकर सो जाने की आदत अपनी जीवन-शैली में अपना लेनी चाहिये।

विटामिन्स सप्लीमेंट्स लें

Do vitamins and supplements work? Doctors say no

जैसा कि सामान्य तौर पर देखा जा सकता है कि हम में से प्रत्येक दूध, फलों या हरी मौसमी सब्जियों का पर्याप्त सेवन नहीं कर पाता यानी संतुलित आहार नहीं ले पाता। जिसका नतीज़ा यह होता है कि हमारे अंदर कुछ पोषक तत्वों की कमी बनी रह जाती है, खासतौर पर विटामिन्स की। इसलिए बढ़ती उम्र में इसे पूरा करने के लिये विटामिन्स सप्लीमेंट्स लेना सबसे चीप एण्ड बेस्ट ऑप्शन है। इसके लिए आप विटामिन सी, विटामिन-ई और विटामिन-डी सप्लीमेंट्स को डाइट में शमिल कर सकते हैं।

हरी सब्जियां और फल खायें

How Good Cooks Keep Green Veggies from Going Brown - Scientific American

इसके अलावा हमें फलों और हरी सब्जियों का सेवन जहां तक बन सके अधिक से अधिक करना चाहिये। क्योंकि इन प्राकृतिक स्रोतों से मिलने वाले पोषक-तत्वों में विटामिन्स के अलावा फाइटोकेमिकल्स भी शामिल होते हैं। जो बढ़ती उम्र के असर से हमें काफी हद तक बचाये रखने का काम करते हैं।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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