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आपके संस्कारों की बदौलत मातृभूमि की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी: पीएम मोदी

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राजकोट (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शनिवार को अपने गृह राज्य गुजरात के राजकोट के एटकोट में नवनिर्मित माटुश्री के.डी.पी. मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन किया। उनके साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, “मुझे खुशी है कि आज यहां माटुश्री KDP मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल का शुभारंभ हुआ। ये अस्पताल स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाएगा। जब सरकार के प्रयास में जनता का प्रयास जुड़ जाता है तो सेवा करने की हमारी शक्ति भी बढ़ जाती है, राजकोट में बना ये अस्पताल इसका बड़ा उदाहरण है।”

प्रधानमंत्री ने कहा, “आज जब गुजरात की धरती पर आया हूं तो मैं सिर झुकाकर गुजरात के सभी नागरिकों का आदर करना चाहता हूं। आपने मुझे जो संस्कार और शिक्षा दी, समाज के लिए जीने की बातें सिखाई, उसकी की बदौलत मैंने मातृभूमि की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ी।

सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास इस मंत्र पर चल कर हमने देश के विकास को एक नई गति दी है। इन 8 सालों में हमने पूज्य बापू और सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने के लिए ईमानदार प्रयास किए हैं।

खाने-पीने की समस्या हुई तो अन्न भंडार खोल दिए

मोदी ने कहा, “गरीबों की सरकार होती है तो कैसे उसकी सेवा करती है, उन्हें सशक्त करने के लिए काम करती है, ये आज पूरा देश देख रहा है। 100 साल के सबसे बड़े संकट काल में भी देश ने ये लगातार अनुभव किया है। महामारी शुरु हुई तो गरीब के सामने खाने-पीने की समस्या हुई, तो हमने देश के अन्न भंडार खोल दिए।

हमारी माताएं-बहनें सम्मान से जी सके इसके लिए हमने उनके जन धन बैंक खाते में सीधे पैसे जमा किए। किसानों और मजदूरों के बैंक खाते में पैसे जमा किए। हमने मुफ्त गैस सिलेंडरों की भी व्यवस्था की ताकि गरीब के घर की रसोई हमेशा चलती रहे।”

सेवा, सुशासन और कल्याण को दी सर्वोच्च प्राथमिकता

प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली NDA सरकार राष्ट्रीय सेवा के 8 साल पूरे कर रही है। इन वर्षों में हमने गरीब की सेवा, सुशासन और गरीब के कल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। उन्होंने कहा कि सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चलते हुए हमने देश के विकास को नई गति दी है।

हमारी सरकार सुविधाओं को शत प्रतिशत नागरिकों तक पहुंचाने के लिए अभियान चला रही है। जब हर नागरिक तक सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य होता है तो भेदभाव भी खत्म होता है, भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नहीं होती।

पीएम मोदी ने कहा, “जब हर नागरिक तक सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य होता है तो भेदभाव भी खत्म होता है, भ्रष्टाचार की गुंजाइश भी नहीं रहती, ना भाई-भतीजावाद रहता है ना जात-पात का भेद रहता है। इसलिए हमारी सरकार मूलभूत सुविधाओं से जुड़ी योजनाओं को नागरिकों तक पहुंचाने में जी जान से जुटी हुई है।”

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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