प्रादेशिक
पंजाब के लुधियाना में कोर्ट परिसर में हुआ ब्लास्ट, दो लोगों की हुई मौत
दिल्ली के बाद अब पंजाब में लुधियाना के कोर्ट परिसर में ब्लास्ट होने की खबर आई है। इसमें दो लोगों की मौत हो गई है वहीं चार लोग जख्मी हो गए हैं। धमाके की आवाज़ सुनकर लोग सकते में आ गए थे। वहां हर तरफ अफरा तफरी मच गई। किसी को समझ नहीं आ रहा था कि आखिर धमाका कैसे हुआ।
लुधियाना ब्लास्ट पर पंजाब CM चरणजीत सिंह चन्नी का भी बयान आया है। उन्होंने इसे साजिश बताया और कहा कि दोषियों को बक्शा नहीं जाएगा। चन्नी बोले, ‘मैं मौके का जायज़ा लेने के लिए लुधियाना जा रहा हूं, जैसे-जैसे चुनाव पास आ रहा है कुछ देश विरोधी ताकतों द्वारा ऐसी घिनौनी हरकतें की जा रही है। इसे लेकर सरकार सचेत है, लोगों को भी सचेत रहना चाहिए। बेअदबी की कोशिश की गई सफल नहीं हुए,अब ब्लास्ट किया गया।
धमाका किस चीज का था यह अभी साफ नहीं है। फिलहाल कोर्ट में वकीलों की हड़ताल चल रही है, इसलिए कोर्ट में ज्यादा भीड़ नहीं थी। बता दें कि जबरदस्त धमाके ने 6 मंजिला इमारत को हिला कर रख दिया था। अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि यह धमाका कोई बम ब्लास्ट है या सिलेंडर फटा है।
उत्तर प्रदेश
लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ
लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।
फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।
विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।
तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल
वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।
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