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पीएम मोदी और अमित शाह जल्द करेंगे बिहार दौरा, जानिए क्या है वजह

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बिहार के दौरे पर जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह आने वाले हैं। इसको लेकर बिहार में तैयारियां जोरों पर है। पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह यहां अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा लेने के लिए आ रहे हैं। दोनों के आने से पहले बिहार में तैयारी पूरी की जा रही है। अमित शाह का बिहार आगमन अप्रैल के महीने में होगा जबकि पीएम मोदी मई-जून में पटना आएंगे।

पीएम मोदी और अमित शाह अलग-अलग कार्यक्रमों में करेंगे शिरकत

दरअसल पीएम मोदी और अमित शाह का बिहार दौरा अलग-अलग कार्यक्रमों के मद्देनज़र होगा। गृह मंत्री अमित शाह 23 अप्रैल को आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। जबकि पीएम मोदी बिहार विधानसभा भवन शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में शामिल होंगे।

बिहार विधानसभा भवन के शताब्दी समारोह का समापन मई-जून में

पीएम मोदी को विधानसभा भवन शताब्दी समारोह के समापन में शिरकत करनी है। इसको लेकर बिहार विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि इस कार्यक्रम का समापर मई-जून में होगा। इस कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम में पीएम मोदी से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी ने पटना आने की इच्छा जाहिर की है। इस कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ही किया था। इसी कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल हुए थे।

भोजपुर आएंगे गृह मंत्री अमित शाह

वहीं देश के गृह मंत्री अमित शाह 23 अप्रैल को भोजपुर पहुंचेंगे। यहां आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम के तहत देशभर में स्वतंत्रता संग्राम के नायकों की जन्मस्थली पर केंद्र सरकार की तरफ से कार्यक्रमों का आयोजन होगा, जिसकी तैयारियां ज़ोरो-शोरों से की जा रही है। इसी के तहत भोजपुर के जगदीशपुर में बाबू वीर कुंवर सिंह की जन्मस्थली गृह मंत्री अमित शाह पहुंचेंगे। जहां भव्य कार्यक्रम का आयोजन होना है। गृह मंत्री के इस दौरे के लिए भाजपा ने तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा की तरफ से साफ कर दिया गया है कि यह गृह मंत्री का गैर राजनीतिक कार्यक्रम है।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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