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उत्तर प्रदेश

वोटिंग के दौरान मेयर ने शेयर की तस्वीर, बढ़ गईं मुश्किलें, दर्ज हुई एफआईआर

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उत्तर प्रदेश में ज़ोरों-शोरों से मतदान जारी है। आज यानि 20 फरवरी को यूपी में तीसरे चरण का चुनाव हुआ। इस दौरान कानपूर मेयर प्रमिला पांडेय की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कानपुर में भारतीय जनता पार्टी की नेता और मेयर प्रमिला पांडेय ने वोट डालने के दौरान निर्वाचन आयोग के नियमों की धज्जियां उड़ाई। उन्होंने मतदान करते हुए फोटो खिचवाई।

बता दें कि सिर्फ इतना ही नहीं, प्रमिला पांडेय ने मतदान की गोपनीयता भंग करते हुए यह फोटो अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी पोस्ट की। इसके मद्देनज़र निर्वाचन आयोग ने मामले का संज्ञान लेते हुए उनके खिलाफ एक्शन लिया है। जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी कानपुर ने बताया कि प्रमिला पांडेय के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जा रही है।

जिला निर्वाचन अधिकारी/ जिलाधिकारी कानपुर नेहा शर्मा ने ट्वीट कर लिखा, ‘कानपुर में प्रमिला पांडे द्वारा हडसन स्कूल मतदान केंद्र में मतदान की गोपनीयता भंग करने के फल स्वरुप उनके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में FIR कराई जा रही है।’ प्रमिला पांडेय के अलावा कानपुर नगर की जिला निर्वाचन अधिकारी ने भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्च के पूर्व अध्यक्ष नवाब सिंह के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराए जाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। कानपुर नगर की डीएम के ट्विटर अकाउंट पर जानकारी दी गई- “नवाब सिंह, पूर्व अध्यक्ष, भाजपा युवा मोर्चा द्वारा मतदान केंद्र में मतदान की गोपनीयता भंग करने के फल स्वरुप उनके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में FIR कराई जा रही है।”

उत्तर प्रदेश

लखनऊ में बाघ का आतंक : वन विभाग ने पकड़ने के लिए किए तरह – तरह के उपाय, नहीं आ रहा है हाथ

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लखनऊ। रहमानखेड़ा केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान में बाघ ने एक और पड़वे (भैंस के बच्चे) का शिकार किया है। यह बाघ का 15वां शिकार है। बाघ ने वन विभाग को एक बार फिर चकमा देते हुए जंगल में उसी जगह शिकार किया जहां उसको फंसाने के लिए गड्ढा खोदा गया है। जंगल के जोन एक के बेल वाले ब्लॉक में वन विभाग ने 15 फीट गहरा गड्ढा खोद झाड़ियों से ढक दिया है ताकि बाघ शिकार करने का प्रयास करें तो गहरे गड्ढे में गिर जाए।

फिर उसे ट्रैंकुलाइज किया जा सके। यहीं एक पिंजरा भी लगाया गया है जिसमें पड़वे को बांधा गया था। हालांकि वन विभाग की सारी तरकीबें धरी रह गई हैं। मंगलवार भोर में बाघ ने पड़वा को अपना निवाला बनाया। न वो पिंजरे में फंसा न गड्ढे में गिरा। सुबह जानकारी पर जांच करने पहुंची टीम को पड़वे का क्षतविक्षत शव मिला। मौके से बाघ के पगचिह्न भी मिले।

विशेषज्ञों का कहना है कि बाघ 24 घंटे के अंदर अपने शिकार का बचा हुआ मांस खाने के लिए दोबारा आ सकता है। वन विभाग की टीम ने बाघ की तलाश में मीठेनगर, उलरापुर और दुगौली के आसपास मौजूद जंगल में डायना और सुलोचना हथिनियों से कॉम्बिंग की लेकिन उसका पता नहीं लगा। शिकार की जानकारी पर अपर मुख्य वन संरक्षक रेणू सिंह ने टीम लीडर आकाशदीप बधावन व डीएफओ सितांशु पांडेय के साथ शिकार स्थल का जायजा लिया। यहां सक्रिय टीम को मृत पड़वे के पास निगरानी करने का निर्देश दिए।

तीन दर्जन से अधिक वाहनों की आवाजाही नो- गो- जोन में कर रही शोर गुल

वन विभाग ने रहमान खेड़ा में नो-गो जोन घोषित किया है। इसके बावजूद वन विभाग के ही 30 से ज्यादा वाहनों की हलचल यहां हर दिन रहती है। मंगलवार को दोपहर में अधिकारियों समेत वन विभाग टीम के करीब दो दर्जन चार पहिया वाहन कमांड ऑफिस के आस-पास खड़े थे। संस्थान के कर्मियों के वाहन व बसों की आवाजाही भी यहां रहती है। मचान व पिंजरों के पास भी वाहनों के साथ अधिकारी आ जा रहे हैं। इसी के चलते बाघ पकड़ में नहीं आ पा रहा है।

 

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