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उत्तर प्रदेश

यूपी के 20 जिलों में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण हेतु लखनऊ में 9 दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन

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Health Survey in 20 districts of UP

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लखनऊ। सरकार को स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और परिवार कल्याण जैसे मामलों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करने के उद्देश्य से तथा मध्य उत्तर प्रदेश के 20 जिलों में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के छठे दौर के चरण-2 के लिए लखनऊ में 9 दिवसीय सर्वेयर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम अम्बर होटल चारबाग लखनऊ में आयोजित किया जा रहा है, प्रशिक्षण का शुभारंभ 14 सितंबर 2023 को लखनऊ में हुआ यह 21 सितम्बर 2023 तक चलेगा।

प्रशिक्षण का आयोजन इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पॉपुलेशन साइंसेज (IIPS), मुंबई और NEERMAN रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, मुंबई द्वारा लखनऊ किया जा रहा है, इसमें सर्वे टीम के लगभग 160 प्रशिक्षनार्थी भाग ले रहे हैं। यह भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) के तत्वावधान में IIPS द्वारा भारत में आयोजित NFHS की श्रृंखला में सर्वेक्षण का छठा चरण है।

NFHS सर्वेक्षणों ने साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने और नीतियों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है । NSSO के उप महानिदेशक रजनीश माथुर ने फील्ड एनुमेरटर (मैपर्स और लिस्टर्स) के लिए प्रशिक्षण का उद्घाटन किया और उन्हें समर्पण और परिश्रम के साथ सर्वेक्षण करने के लिए प्रेरित किया।

राज्य प्रशासन की ओर से, उन्होंने गांवों और शहरों में सर्वेक्षण करने में NEERMAN टीम को पूर्ण समर्थन देने का वादा किया, और उत्तर प्रदेश के लोगों से इस राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण सर्वेक्षण में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि NFHS सरकार को स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण और परिवार कल्याण जैसे मामलों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान करता है, उन्होंने NEERMAN टीम को सटीक और संपूर्ण जानकारी प्रदान करने के महत्व पर जोर दिया ।

NEERMAN से मध्य उप्र के प्रोजेक्ट मैनेजर अंशुमान पॉल ने सर्वेक्षण के सैंपल की जानकारी दी, जिसमें 960 PSU (ग्रामीण और शहरी क्षेत्र) शामिल हैं, इस सर्वे में 20,000 से अधिक पुरुष और महिलाएं का सर्वेक्षण किया जायेगा। मैपिंग और लिस्टिंग सर्वेक्षण, जिसका उद्देश्य घरों की संख्या निर्धारित करना और निवासियो की जानकारी एकत्र करना है, अगले दो महीने चलेगा, मुख्य सर्वे दिसम्बर- जनवरी से प्रारंभ हो कर अगले 4-5 महीने तक चलेगा।

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IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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