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अन्तर्राष्ट्रीय

नाइजीरिया: नमाज के दौरान गिरा मस्जिद का एक हिस्सा, सात की मौत; 23 घायल

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A part of the mosque collapsed during prayers

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अबुजा। अफ्रीकी देश नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिमी कडुना राज्य में नमाज के दौरान जारिया सेंट्रल मस्जिद का एक हिस्सा गिर गया, जिससे सात नमाजियों की मौत हो गई। अधिकारियों ने कहा कि शुक्रवार को सैकड़ों लोग नमाज के लिए मस्जिद के अंदर आए हुए थे।

1830 के दशक में हुआ था मस्जिद का निर्माण

जारिया सेंट्रल मस्जिद जारिया में है। यह उत्तरी नाइजीरिया के सबसे बड़े शहरों में से एक है। राज्य के अधिकारियों का कहना है कि मस्जिद का निर्माण 1830 के दशक में किया गया था।

मस्जिद का एक हिस्सा गिरने से 23 लोग घायल

राज्य आपातकालीन प्रबंधन एजेंसी ने कहा, “मस्जिद का एक हिस्सा ढहने से 23 लोग प्रभावित हुए हैं। हमारे अग्निशमन कर्मियों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया है।”

घटनास्थल पर रिकॉर्ड किए गए वीडियो में स्पष्ट रूप से एक बड़ा खुला हिस्सा दिखाई दे रहा है, जहां छत का एक हिस्सा गिर गया है। मस्जिद ढहने से मरने वाले लोगों को दफना दिया गया है।

दुर्घटना की जांच के आदेश

कडुना के गवर्नर उबा सानी ने इस दुर्घटना की तत्काल जांच का आदेश दिया। उन्होंने इसे ‘दिल दहला देने वाली घटना’ बताते हुए प्रभावित लोगों की सहायता करने का वादा किया। उनके कार्यालय ने कहा कि एक अग्रिम टीम पहले से ही जारिया में थी।

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अन्तर्राष्ट्रीय

अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से हटाए प्रतिबंध

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नई दिल्ली। अमेरिका ने भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र (बार्क) समेत भारत के तीन शीर्ष परमाणु संस्थानों से बुधवार को प्रतिबंध हटा लिया। इससे अमेरिका के लिए भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी साझा करने का रास्ता साफ हो जाएगा। बाइडन प्रशासन ने कार्यकाल के आखिरी हफ्ते और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन की भारत यात्रा के एक हफ्ते बाद यह घोषणा की। 1998 में पोकरण में परमाणु परीक्षण करने और परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर न करने पर अमेरिका ने यह प्रतिबंध लगाया था।

अमेरिका के उद्योग और सुरक्षा ब्यूरो (बीआईएस) के अनुसार, बार्क के अलावा इंदिरा गांधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (आईजीसीएआर) और इंडियन रेयर अर्थ्स (आईआरई) पर से प्रतिबंध हटाया गया है। तीनों संस्थान भारत के परमाणु ऊर्जा विभाग के अंतर्गत काम करते हैं और परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में किए जाने वाले कार्यों पर निगरानी रखते हैं। बीआईएस ने कहा, इस निर्णय का उद्देश्य संयुक्त अनुसंधान और विकास तथा विज्ञान व प्रौद्योगिकी सहयोग सहित उन्नत ऊर्जा सहयोग में बाधाओं को कम करके अमेरिकी विदेश नीति के उद्देश्यों का समर्थन करना है, जो साझा ऊर्जा सुरक्षा जरूरतों और लक्ष्यों की ओर ले जाएगा। अमेरिका व भारत शांतिपूर्ण परमाणु सहयोग और संबंधित अनुसंधान और विकास गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

परमाणु समझौते का क्रियान्वयन होगा आसान

प्रतिबंध हटाने के फैसले को 16 साल पहले भारत और अमेरिका के बीच हुए नागरिक परमाणु समझौते के कार्यान्वयन को सुविधाजनक बनाने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। दोनों देशों में 2008 में तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह और अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल के दौरान समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भारत यात्रा पर सुलिवन ने प्रतिबंध हटाने की बात कही थी

अपनी भारत यात्रा के दौरान जैक सुलिवन ने कहा था, साझेदारी मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाने का समय आ गया है। पूर्व राष्ट्रपति बुश और पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह ने 20 साल पहले असैन्य परमाणु सहयोग का दृष्टिकोण रखा था, लेकिन हम अभी भी इसे पूरी तरह से साकार नहीं कर पाए हैं।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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